सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे एक कैथोलिक चर्च को जलाकर राख किया जा रहा है। सोशल मीडिया यूज़र्स, दावा कर रहे हैं कि मणिपुर में बीजेपी के उग्रवादियों ने 300 साल पुराने चर्च में आग लगा दी है। इस वीडियो को इंटरनेट पर काफी तवज्जो मिल रही है।
मणिपुर 03 मई से हिंसा और दंगे के चपेट में है, जब मैतेई/मेइतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च आयोजित किया गया था।
बिहार, जम्मू-कश्मीर और गोवा के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के पैरोडी अकाउंट ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट कर कैप्शन में लिखा,“#मणिपुर सुग्नू इंफाल, नही थम रही हिंसा आगजनी, भाजपा समर्थक उग्रवादियो ने 300 साल से ज्यादा पुरानी St. Joseph’s चर्च जलाई 74 दिनो से मणिपुर जल रहा है”
Source: Twitter
वीडियो को अब तक लगभग 24.7K से अधिक व्यूज़ मिल चुके हैं।
नेवर माइंड नामक एक यूजर ने भी यही वीडियो ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा,“हिंसा, आगज़नी रुकने का नाम नहीं ले रही है, बीजेपी समर्थक उग्रवादियों ने 300 साल से भी ज़्यादा पुराने सेंट जोसेफ चर्च को तबाह कर दिया, मणिपुर 73 दिनों से जल रहा है और पीएम विदेश घूम रहे हैं, मैंने इतना बेशर्म और निर्लज्ज पीएम कभी नहीं देखा। #ManipurViolence”
Source: Twitter
फ़ैक्ट-चेक:
वायरल वीडियो के माध्यम से किए जा रहे दावे की हकीकत जानने के लिए DFRAC टीम ने वीडियो को पहले कुछ की-फ़्रेम में कन्वर्ट कर गूगल की मदद से रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें यही वीडियो HR 24*7 नामक एक यूट्यूब चैनल पर 08 जुलाई 2023 को अपलोड मिला, जिसे कैप्शन दिया गया है-“16वीं सदी का कैथोलिक चर्च, एग्लीज़ नोट्रे डेम ड्रोस्ने की मीनार को जलाकर राख कर दिया गया।” (हिन्दी अनुवाद)
इसके अलावा, अख़बार हिन्दुस्तान टाइम्स ने फ्रांस में हुई इस घटना को कवर किया है। खबर में हिन्दुस्तान टाइम्स द्वारा बताया गया है कि- उत्तर-पूर्वी फ्रांस में 16वीं सदी के एक चर्च पर कथित तौर पर हमला किया गया। भीषण आग ने ड्रोस्ने के प्राचीन चर्च को जलाकर राख कर दिया। पुलिस को डर है कि यह ट्रैफ़िक चेक के लिए न रुकने पर अल्जीरियाई मूल के 17 वर्षीय नौजवान की हत्या का विरोध करने वालों का कृत्य हो सकता है।
निष्कर्ष:
DFRAC के इस फै़क्ट-चेक से स्प्ष्ट है कि कि वायरल वीडियो के माध्यम से मणिपुर दंगों के बीच कैथोलिक चर्च को जलाए जाने का दावा ग़लत है क्योंकि यह वायरल वीडियो फ्रांस में हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान का है।