सोशल मीडिया पर एक न्यूज़ शेयर कर यूज़र्स दावा कर हैं कि बिहार के ज़िला छपरा में शिबू अली नामक हत्या का आरोपी, अपनी ही 14 साल की बहन से निकाह करना चाहता था। इनकार करने पर उसने बहन को मार डाला।
बीजेपी के पूर्व हरियाणा IT सेल इंचार्ज अरुण यादव ने ट्विटर पर ऑप इंडिया की न्यूज़ के स्क्रीनशॉट को कैप्शन दिया,“अब्दुल खुद की सगी बहन को नही छोड़ रहा सोचा नही था अब्दुल इतना गिर जाएगा”
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इस स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है कि न्यूज़ को शीर्षक दिया गया है, “14 साल की ‘बहन’ से निकाह करना चाहता था शिबू अली, नहीं मानी तो फंदे से लटकाकर मार डाला: अम्मी ने दर्ज कराई शिकायत, बिहार के छपरा की घटना”
ज्ञातव्य हो कि पैगंबर-ए- इस्लाम ﷺ के खिलाफ अरुण यादव ने 2017 में ट्वीट किया था, जिसके खिलाफ बीजेपी ने कार्रवाई कर उन्हें पिछले साल पार्टी से निकाल दिया था।
वहीं ऑपइंडिया ने खुद इस न्यूज़ को अपने अकाउंट से ट्वीट किया है।
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कुछ न्यूज़ वेबसाइट समेत अन्य सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी ऐसा ही दावा किया है।
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फ़ैक्ट चेक:
वायरल दावे की हकीकत जानने के लिए DFRAC टीम ने गूगल पर इस संदर्भ में कुछ की-वर्ड सर्च किया। इस दौरान हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं।
अखबार हिन्दुस्तान की वेबसाइट द्वारा 10 जुलाई 2023 को़, “किशोरी हत्याकांड में चार लोगो पर प्राथमिकी दर्ज” के साथ न्यूज़ पब्लिश की गई है। इस न्यूज़ में कहीं भी यह नहीं बताया गया है कि आरोपी शिबू अली, लड़की का भाई है।
न्यूज़ के अनुसार लड़की की मां जमेरी खातून के बयान पर एफ़आईआर दर्ज की गई है कि पड़ोसी गयासुद्दीन का बेटा शिबू अली मेरी बेटी मुस्कान से निकाह करने का दबाव बनाता था। मेरी बेटी इसका विरोध करती थी, जिस पर वह हत्या करने की धमकी भी देता था।
एफ़आईआर में कहा गया है कि- रविवार की शाम मां सामान खरीद कर घर लौटी तो उसने अपने घर से पड़ोसी मो. निजामुद्दीन, गयासुद्दीन व आबिदा खातून को निकलते देखा। जब उसने घर मे घुसने का कारण पूछा तो वे लोग बिना कुछ बताये चले गए। वह हल्ला करते हुए आसपास के लोगों के साथ कमरे में गयी तो देखा कि उनकी पुत्री मृत अवस्था में है।
वहीं DFRAC टीम को मिली एफ़आईआर की कॉपी में ऐसा कुछ नहीं मिला।
DFRAC टीम ने मृतिका की मां अजमेरी ख़ातून से बात की। हमने उनसे शिबू अली के बारे में पूछा कि क्या वह मुस्कान का भाई है? उन्होंने हमें बताया कि ऐसा नहीं है। दूर के रिश्ते से चाचा का बेटा लगता है। वह हमारा पड़ोसी है और हमारा डायरेक्ट कोई रिश्ता नहीं।
निषकर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक में सामने आया है कि आरोपी शिबू अली मृतका का भाई नहीं है। मृतका की मां के अनुसार उनका शिबू अली से कोई पारिवारिक रिश्ता नहीं है। इसलिए अरुण यादव, ऑप इंडिया सहित तमाम लोगों का दावा गलत है।