फिल्म द केरला स्टोरी की रिलीज के साथ ही सोशल मीडिया पर उन लोगों की बाढ़ सी आ गई है। जो दावा कर रहे है कि हिंदू लड़कियां अब लव जिहाद के खिलाफ हैं।
अमिताभ चौधरी नामक ट्विटर यूजर ने एक नॉन ज्यूडिसियल स्टांप पेपर की और विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत एक नोटिस की तस्वीर शेयर की और दावा किया कि गुजरात में एक हिंदू महिला ने इस फिल्म को देखने के बाद एक मुस्लिम व्यक्ति के साथ अपनी शादी तोड़ दी।
इस लेख को लिखे जाने तक इस पोस्ट के री-ट्वीट्स की संख्या 3k को पार कर चुकी है।
उसी ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां दिया गया है।
फैक्ट चेक:
पहली तस्वीर में 22 मार्च, 2022 को गुजरात राज्य द्वारा जारी किए गए 50 रुपये मूल्यवर्ग के विधिवत नोटरीकृत गैर-न्यायिक स्टांप पेपर (Non-judicial stamp paper) प्रदर्शित किए गए थे।
दूसरी तस्वीर में विशेष विवाह अधिनियम की धारा 5 के तहत जारी किए गए विवाह के नोटिस को दर्शाया गया है, जिसमें यह अनिवार्य है कि जो अनिवार्य करता है कि इस अधिनियम के तहत शादी करने के इच्छुक पक्षों को जिले के विवाह अधिकारी को लिखित सूचना देनी होगी।
हालांकि वायरल पोस्ट में दावा किया गया था कि शादी 23 मई, 2023 को तय की गई थी, लेकिन शेयर किए गए नोटिस में कोई निश्चित तारीख नहीं थी। वहीं इसमें पूजा राजपूत और शेख मोहम्मद साजिद के नाम शामिल थे।
साजिद के मुताबिक, ऑनलाइन सर्कुलेट किए जा रहे डॉक्युमेंट्स वास्तव में मैरिज रजिस्ट्रार ऑफिस में जमा किए गए थे। हालाँकि, उन्हें लीक कर दिया गया और दुर्भावनापूर्ण ये रहा कि लोगों ने उन्हें ‘द केरल स्टोरी’ से जोड़ दिया। (इंडिया टुडे को दिए गए साक्षात्कार के अनुसार)
निष्कर्ष :
इसलिए, सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया गया यह दावा भ्रामक है कि एक हिंदू महिला ने फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ के कारण अपनी शादी रद्द कर दी, क्योंकि यह घटना एक साल पुरानी है।