हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह ने एक रैली में कहा कि अगर तेलंगाना में बीजेपी की सरकार बनी तो राज्य में मुसलमानों को मिलने वाला आरक्षण समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने अपने संबोधन में दावा किया कि शिक्षा और नौकरी में मुस्लिम रिज़र्वेशन संविधान विरोधी है।
हामिद अल-अली नामक यूज़र ने अरबी में ट्वीट किया कि- ऐ अमित शाह! मैं रब से दुआ करता हूं कि वो तुझे जल्द उठा ले। अमित शाह ने चुनावी रैली के दौरान शपथ लिया कि अगर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीतती है तो मुसलमानों के अधिकारों ख़त्म कर देंगे।
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हामिद अल-अली के इस ट्वीट को दो सौ से ज़्यादा बार रीट्वीट किया जा चुका है जबकि 600 से ज़्यादा लाइक मिल चुके हैं।
फैक्ट-चेक
ज्ञातव्य हो कि साल 2017 में तेलंगाना की टीआरएस सरकार ने मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था जबकि कर्नाटक में साल 1994 में मंडल कमीशन की सिफ़ारिशों के तहत मुसलमानों की कुछ जातियों को अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) की श्रेणी में एक उप-श्रेणी बनाकर शामिल किया गया और इसी के तहत मुसलमानों को ‘सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन’ के आधार पर चार फ़ीसदी आरक्षण दी गई।
उपरोक्त हामिद अल-अली के वायरल दावे की हक़ीक़त जानने के लिए, DFRAC टीम ने गूगल पर कुछ की-वर्ड सर्च किया। हमें मुस्लिम रिजर्वेशन को लेकर अमित शाह के बयान पर कई मीडिया रिपोर्ट्स मिले।
अखबार जनसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार इसी साल के आख़िर में तेलंगाना में इलेक्शन होने वाला है। हाल ही में अमित शाह ने तेलंगाना में एक रैली के दौरान कहा कि अगर बीजेपी की सरकार बनी तो कर्नाटक की तरह यहां भी मुस्लिम आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा।
इसी तरह एबीपी न्यूज़ ने भी एक रिपोर्ट पब्लिश की है। इस रिपोर्ट के अनुसार अमित शाह ने मुस्लिम रिज़र्वेशन को गैर संवैधानिक करार देते हुए कहा कि ये अधिकार तेलंगाना के एससी-एसटी और ओबीसी का है जो उनको मिलेगा।
हमें अमित शाह के बयान और मीडिया रिपोर्ट्स में कहीं भी मुस्लिमानों के अधिकारों को समाप्त करने की बात नहीं मिली, यहां तक हामिद अल-अली ने Al-Jazeera Arabic के जिस ट्वीट से अमित शाह की तस्वीर को लेकर अपने ट्वीट में इस्तेमाल किया है, उसमें भी मुस्लिम रिज़र्वेशन की बात की गई है ना कि मुस्लिम अधिकारों की।
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अरबी में रिज़र्वेशन के लिए “मुखस्सिसा” “हजज़” आदि शब्द हैं और “हुकूक” का मतलब अधिकार है, जो “हक़” का बहुबचन है। हामिद अल-अली ने अपने ट्वीट में “हुकूक” का प्रयोग किया है।
निष्कर्ष
DFRAC टीम के इस फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि हामिद अल-अली का दावा भ्रामक है, कयोंकि अमित शाह ने मुस्लिम रिज़र्वेशन समाप्त किए जाने की बात की है ना कि मुस्लिम अधिकार।