तिब्बती बौद्धों के सर्वोच्च धर्मगुरु 14वें दलाई लामा ‘तेनज़िन ग्यात्सो’ की एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है। वायरल वीडियो क्लिप में दलाई लामा को एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर एक नाबालिग बच्चे को होंटो को चूमते हुए देखा जा सकता है। जिसके बाद उन पर यौन शोषण का आरोप लगा और मीडिया और सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ़ एक सुनियोजित साजिश के तहत कंपेन चलाया गया जिसमे दलाई लामा के साथ नई दिल्ली मे हुए वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन को भी निशाना बनाया गया । DFRAC ने अपनी इस रिपोर्ट में चीन के इस पूरे षड्यंत्र का सच पाठकों तक लाने की कोशिश की है।
Source: Twitter
वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद हालांकि इस घटना के बारे में बच्चे का भी बयान वायरल हुआ है। जिसमे बच्चे को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उससे दलाई लामा के साथ मिलने पर एक सकारात्मक अनुभूति हुई। उसके साथ कुछ भी गलत नही हुआ। बच्चे के परिजनों ने भी बच्चे के साथ कुछ भी गलत होने के दावे को नकारा है।
Source: Twitter
लेकिन बच्चे के इस बयान को कोई महत्व नहीं दिया गया। चीन सहित पश्चिमी मीडिया हाउस ने इस बयान को न तो प्रसारित किया और न ही प्रकाशित।
Source: Twitter
वहीं दलाई लामा ने भी बयान जारी कर इस घटना के सबंध में माफी मांगी और बयान में कहा कि हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक बच्चे को दलाई लामा से गले लगने का अनुरोध करते देखा जा सकता है। इस मामले में धर्मगुरु अपने बयान से हुई हानि को लेकर बच्चे और उसके परिवार के साथ दुनिया भर में उसके सभी दोस्तों से माफी मांगना चाहते हैं। दलाई लामा कई बार सार्वजनिक तौर पर, कैमरे के सामने मिलने वालों को मासूमियत से छेड़ते हैं। हालांकि, वे इस घटना पर खेद जताते हैं।
चीन के निशाने पर दलाई लामा
तिब्बत स्वयं को एक स्वतंत्र देश मानता है। जिस पर चीन अपना आधिपत्य जताता है। 10 मार्च 1959 को चीन की पीपुल्स रिपब्लिक आर्मी (PLA) ने बलपूर्वक इस स्वतंत्र इलाके को अपने कब्जे में ले लिया था। इस दौरान हजारों तिब्बती मारे गए थे। वहीं दलाई लामा ने अपने एक लाख अनुयायियों के साथ तिब्बत छोड़कर भारत में शरण ली थी। चीन दलाई लामा को अपना दुश्मन मानता है। वहीं तिब्बत के लोग आज भी आजादी के लिए लड़ रहे है।
दलाई लामा के खिलाफ साजिश
पिछले 64 साल से भारत में निर्वासित जीवन जी रहे दलाई लामा को पूरी दुनिया में शांति के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। उन्हे शांति का नोबेल पुरुस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। ऐसे में चीन अब दलाई लामा की छवि को खराब करने और स्वतंत्र तिब्बत की मांग को कमज़ोर करने की कोशिश कर रहा है। चीन और उसकी कम्युनिस्ट पार्टी ने दलाई लामा के इस वीडियो को मीडिया और सोशल मीडिया मे गलत संदर्भ में प्रस्तुत किया और भ्रामक खबरों का सहारा लिया ।
चीन का दुष्प्रचार
दलाई लामा की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए चीन ने चीनी भाषा में #达赖舌吻男童有多恶心 (#दलाई की जीभ एक लड़के को घिनौना चूमती है।) और #达赖 (#दलाई लामा) हैशटेग चलाये। इन हैशटेग में दलाई लामा के मीम पोस्ट किए गए। उनकी फेक और एडिटेड इमेज भी पोस्ट की गई। उन मे से कुछ ट्वीट को नीचे दिए गए है।
ट्रेंड की शुरुवात और पैटर्न
इस हैशटैग पर पहला ट्वीट 15 अप्रैल को एक चाइनीज अकाउंट से किया गया था। जिसमे वायरल वीडियो क्लिप का एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए चीनी भाषा में लिखा गया कि आह! मुझे भाड़ में जाओ, मैं अंधा हूँ, मेरे जितना सस्ता मत बनो और देखने के लिए क्लिक करें! ! बूढ़ा गंजा सिर मुझे मौत से घृणा करता है! उल्टी उल्टी यू
ऊपर दिया गया ग्राफ हैशटैग (#达赖,#达赖舌吻男童有多恶心) की टाइमलाइन को दर्शाता है जो चीन से चल रहे थे। ये हैशटैग 11 अप्रैल को चाइनीज स्पेस अकाउंट द्वारा शुरू किया गए थे। यह देखा जा सकता है कि समय के साथ यह ट्रेंड धीरे-धीरे बढ़ता गया।
प्रोपेगंडा मे ग्लोबल टाइम्स की भूमिका
Source: Twitter
चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स और उसके पत्रकारों ने भी इस मुद्दे को खूब उछाला और दलाई लामा के खिलाफ कई आपत्तिजनक पोस्ट की। ऑस्ट्रेलियाई प्रसारण निगम (एबीसी) की रिपोर्ट के जवाब में लिखे अपने ओपिनियन में ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि दलाई एक बेशर्म बूढ़ा बदमाश और यौन पथभ्रष्ट है। क्या कोई उसके बचाव में कोई ठोस तर्क दे सकता है? क्या इन वीडियो को धोया जा सकता है? दलाई समूह के लिए एकमात्र विकल्प चुप रहना है, दुनिया की आलोचना को सहना और इससे पार पाना है। उन्होंने बेशर्मी से बाहर आकर अपना बचाव किया है, जैसे कि दलाई लामा का ये गंदे काम करना न करने से ज्यादा उनकी तथाकथित “करुणा” को दर्शाता है। वे बेशर्म और पागल हैं, लेकिन मुझे खेद है, दुनिया शांत है और उनके साथ पागल नहीं होगी।
Source: Twitter
Source: Twitter
Source: Twitter
ग्लोबल टाईम्स की पत्रकार ‘हू ज़िजिन’ ने दलाई लामा के खिलाफ कई फेक ट्वीट किये। उन्होने लेडी गागा के साथ दलाई लामा का एक भ्रामक वीडियो भी पोस्ट किया। जिसमे उन्हे लेडी गागा के पैर छूते हुए देखा जा सकता है।
Source: Twitter
उन्होने अपने ट्वीट में लिखा – “मेरी जीभ चूसो” वीडियो और लेडी गागा के पैर छूने के इस वीडियो को देखने के बाद, जो कुछ दिमाग में आता है वह पीडोफाइल और यौन विकृति है। मैं देखना चाहता हूं कि किस देश के नेताओं में इतनी हिम्मत है कि वह इस बूढ़े विकृत व्यक्ति को फिर से सम्मानित अतिथि के रूप में पेश करें।
Source: Twitter
वहीं एक अन्य ट्वीट में ‘हू ज़िजिन’ ने लिखा कि दलाई लामा के समर्थकों ने “मेरी जीभ चूसो” वीडियो को झुठलाने की बहुत कोशिश की, उनका दावा है कि वह “अपना स्नेह, गर्मजोशी और हास्य प्रदर्शित कर रहे हैं।” क्या ऐसा है? तो दलाई लामा भी लेडी गागा को “स्नेह, गर्मजोशी और हास्य” दिखा रहे हैं?
दलाई लामा के साथ हुई लेडी गागा की इस कांफ्रेंस का पूरा हमने देखा। दलाई लामा ने एक दोस्ताना रूप में लेडी गागा को छुआ था। जिसको गलत संदर्भ में प्रस्तुत किया गया। दरअसल दलाई लामा उन्हे फटी जींस पहनने के लिए चिड़ा रहे थे। जिसका जवान उन्होने हँसकर और दलाई लामा का हाथ पकड़ कर दिया। इतना ही नहीं दलाई लामा के छूने के बाद भी लेडी गागा करीब 50 मिनट उनके साथ कांफ्रेंस में रही। ये वीडियो इंडियानापोलिस में महापौरों के 84वें वार्षिक अमेरिकी सम्मेलन का है।
Source: Twitter
इसके अलावा उन्होने एक अन्य ट्वीट में दलाई लामा और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की एक एडिटेड तस्वीर पोस्ट की। जिसमे एलन मस्क को फायर की इमोजी पोस्ट करते हुए दिखाया गया। लेकिन जब हमने एलन मस्क के ट्विटर अकाउंट को एडवांस सर्च के जरिये चेक किया तो हमें एलन मस्क द्वारा किया गया ऐसा कोई ट्वीट या रिप्लाई नहीं मिला।
Source: Twitter
‘हू ज़िजिन’ ने दलाई लामा को निशाना बनाने के लिए अश्लील मीम भी शेयर किये। ताकि उनकी छवि खराब की जा सके।
चीनी माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट विबो की संलिप्तता
वहीं चीनी माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट विबो पर भी इस विवाद को हवा दी गई। चीन में दलाई लामा विवाद टॉप ट्रेंड में रहा। विबो पर #达丽答吻儿子多少呀 हैशटेग टॉप ट्रेंडिंग में रहा।
वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन को बनाया निशाना
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के सहयोग से राजधानी नई दिल्ली में वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में 30 देशों के प्रतिनिधि और विदेशों के लगभग 180 प्रतिनिधि और भारतीय बौद्ध संगठनों के 150 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। दलाईलामा भी सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे थे। उन्हे सम्मेलन में शामिल होने से रोकने के लिए ट्विटर पर #dalailamagoout ट्रेंड कराया गया। इस प्रकार ट्रेंड की टाइमिंग से देख कर ऐसा लगता है कि ट्रेंड के द्वारा वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन और दलाई लामा दोनों को प्रभावित करना लक्ष्य था।
भारतीय एकॉउन्ट की भूमिका
#DalaiLamaGoOut ट्रेंड मे हमे कई वेरीफाइड यूजर मिले जिन्होंने ट्रेंड को एमपिलिफ़ाई किया जिसकी शुरुवात 11 अप्रैल को @i_snehasaini अकाउंट द्वारा शुरू किया गया था। इस हैशटैग पर लगभग 200 ट्वीट्स हुए। इन ट्वीट ने ट्विटर पर लगभग एक मिलियन यूजर को इंगेज किया। @i_snehasaini के ट्वीट का पैटर्न भी हैशटैग के अन्य एम्पलीफायरों के पैटर्न की तरह समान ही है।
वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन में दलाई लामा की उपस्थिति को रोकने के लिए 18 और 19 अप्रैल को समान पोस्ट ट्वीट किए गए। वहीं 20 अप्रैल को सभी ने वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन के पक्ष में भी ट्वीट किया। इन ट्वीट को देखने से ऐसा प्रतीत होता कि किसी खास एजेंडा के तहत और किसी पी आर एजेंसी द्वारा ये ट्वीट किए करवाए गए है।
इसके अलावा हमें ये भी पता चला कि #DalaiLamaGoOut को एम्पलीफाय करने के लिए कुछ ट्विटर अकाउंट ने अप्रासंगिक सामग्री (Irrelevant content) पोस्ट की। ताकि इस हैशटैग का बढ़ावा मिल सके।
ट्रेंड के एमपलीफ़िकेशन मे कथित राष्ट्रवादियों की भूमिका
Source: Twitter
भारत में कथित राष्ट्रवादियों ने भी दलाई लामा के खिलाफ #DalaiLamaGoOut के तहत मोर्चा खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सौरव श्रीवास्तव नामक एक्टिविस्ट ने ट्वीट कर कहा कि दलाई लामा एक पीडोफाइल हैं, जिन्हें भारत के सभ्य समाज में कोई भी सार्वजनिक सभा करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्हें वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन में जाने से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। #DalaiLamaGoOut #GBS2023
Source: Twitter
तो वहीं स्वीटी इंडिया नामक अकाउंट ट्वीट कर कहा गया कि सभ्य सभाओं में एक पीडोफाइल समाज के लिए अभिशाप है। उनके घृणित पीडोफिलिक कृत्यों के बाद, दलाई लामा को वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। #DalaiLamaGoOut #GBS2023
Source: Twitter
हिमांशु कुमार ने लिखा कि भारत के सभ्य समाज द्वारा एक पीडोफाइल का मनोरंजन नहीं किया जाना चाहिए। बच्चे के साथ शर्मनाक पीडोफिलिक कृत्यों के बाद, दलाई लामा नई दिल्ली में वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन में जाने के हकदार नहीं हैं। #DalaiLamaGoOut #GBS2023
Source: Twitter
मानवाधिकार कार्यकर्ता उमेश अग्रवाल ने लिखा कि पीडोफाइल दलाई लामा को पालना सांस्कृतिक विकास का अच्छा संकेत नहीं है। बच्चे को अपना शिकार बनाने के बाद दलाई लामा दिल्ली में ग्लोबल बुद्धिस्ट समिट में शामिल होने के हकदार नहीं हैं। #DalaiLamaGoOut #GBS2023
इसके अलावा दलाई लामा के खिलाफ ट्विटर पर #PedoLama भी ट्रेंड हुआ। #PedoLama को चीनी अकाउंट द्वारा ट्रेंड कराया गया।
वहीं चीनी भाषा में #达赖 (#Dalai) पर भी दलाई लामा के विरोध में कई ट्वीट हुए।
Source: Facebook
हमें फेसबुक पर भी “दलाई लामा पीडोफाइल” कीवर्ड के साथ की गई बहुत सी पोस्ट मिली। जांच में हमें फेसबुक पर ” Mom’s & Dad’s Against Childhood & Women Exploitation (माँ और पिताजी बचपन और महिला शोषण के खिलाफ)” नाम से एक पेज चलने का पता चला। इस पेज पर हमें टीना ग्राइडर हंट की एक पोस्ट मिली, जिसमें “दलाई लामा से बच्चों को बचाओ” नाम के एक ऑनलाइन याचिका के जरिए हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की गई।
Source: Change.org
याचिका change.org प्लेटफॉर्म पर है। टीना हंट की इस याचिका पर रिपोर्ट लिखे जाने तक कुल 1,331 हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।
गूगल सर्च टाइमलाइन
ऊपर दिया गया ग्राफ पिछले 7 दिनों यानी 13 अप्रैल से 20 अप्रैल के कीवर्ड “दलाई लामा” पर गूगल सर्च टाइमलाइन को दर्शाता है।
गूगल लोकेशन
यह देखा जा सकता है कि पिछले सप्ताह से, “दलाई लामा” कीवर्ड चीन और उसके बाद पुर्तगाल में टॉप ट्रेंड कर रहा था।
वर्ल्डक्लाउड
वर्डक्लाउड दिखाता है कि हैशटैग #PedoLama पर किए गए ट्वीट्स में कौन से शब्द सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए गए। उन शब्दों में पीडोफिलिया, दुर्व्यवहार, जीभ, यौन, आदि शामिल हैं।
निष्कर्ष:
दलाई लामा हमेशा से ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) के निशाने पर रहे है। दलाई लामा को शरण देने के कारण वह भारत को भी अपना दुश्मन मानता रहा है। अंतराष्ट्रीय नेताओं से मुलाक़ात हो या उनकी विदेशों यात्रा हो। चीन हमेशा उनकी आलोचना करता आया है। इस बार चीन ने उनकी छवि और भारत में हो रहे वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन को निशाना बनाने के लिए इस पूरे विवाद को गढ़ा। कुछ सेकंड की वीडियो क्लिप के जरिये पीडोफिलिक बताने की कोशिश की। जबकि बच्चे और उसके परिजनों ने इंटरव्यू में पूरी तरह से इस बात को नकारा। उसके बाद लेडी गागा को छूने की दलाई लामा की एक क्लिप वायरल की गई। लेकिन पूरा वीडियो देखने पर साबित होता है कि दलाई लामा ने लेडी गागा के साथ मज़ाक किया था। जिस पर वह भी प्रसन्न थी। इस विवाद में फेक ट्वीट के जरिए एलन मस्क को भी दलाई लामा के खिलाफ दिखाने की भी कोशिश की गई। कुल मिलाकर ये पूरा विवाद दलाई लामा को अंतराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने और भारत द्वारा आयोजित किए गए वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन को निशाना बनाने के लिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) द्वारा रचा गया था। जिसमे सहायक भूमिका चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स और चाइनीज स्पेस अकाउंट ने निभाई।