सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक दाढ़ी वाला शख्स नौजवान लड़की को लात-घूसों से बुरी तरह पीट रहा है। इस दौरान लड़की मार के कारण बेहोश हो कर गिर पड़ती है। इस वीडियो पर हिन्दी में कुछ टेक्स्ट भी देखा जा सकता है- “मुसलमान लड़कों के “प्यार में पागल हिन्दू लडकियों की दुर्दशा ” यहीं पर ही नहीं !!! UK (अमेरिका) जैसे स्टेट में भी “हिन्दू छोरियां ” अपनी मूर्खता का फल भुगत रहीं हैं।”
वेरीफ़ाइड यूज़र सुरजीत दासगुप्ता ने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,“तथ्य: लव जिहाद अब यूनिवर्सल (सार्वभौमिक) हो गया है। मीडिया, विकिपीडिया, बुद्धिजीवी, LKFC: “आप प्रतिगामी, सांप्रदायिक, द्वेषी, नारी द्वेषी, फासीवादी, रूढ़िवादी, षड्यंत्र सिद्धांतवादी …!” (हिन्दी अनुवाद)
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ट्विटर बॉयो के अनुसार सुरजीत दासगुप्ता, स्वधर्म और सिर्फ न्यूज़ के संस्थापक हैं और वो इससे पहले, माई नेशन, हिंदुस्थान समाचार, स्वराज्य, द् पायनियर और द स्टेट्समैन के साथ काम कर चुके हैं।
इसी तरह अन्य सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा भी यही दावा किया गया है।
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फ़ैक्ट-चेक
वायरल वीडियो की हक़ीक़त जानने के लिए DFRAC टीम ने पहले वीडियो को कुछ की-फ़्रेम में कन्वर्ट किया। फिर उन्हें इंटरनेट पर रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान टीम ने पाया कि Life और Bloknot नामक रूसी वेबसाइट ने वायरल वीडियो को शीर्षक “क्रास्नोडार में, एक लड़की को अपने प्रेमी के पास भाग कर जाने की कोशिश से रोकने के लिए बेरहमी से पीटा गया।“ के तहत कवर किया है।
वहीं हमें यही वीडियो सेंट पीटर्सबर्ग बेस्ड V Kontakte नामक ऑनलाइन सोशल मीडिया पर भी मिला, जिसे REBORN नामक यूज़र ने 06 जुलाई 2021 को पोस्ट किया है।
रूसी भाषा में किये गयो पोस्ट का लगभग हिन्दी अनुवाद इस तरह है कि क्रास्नोडार में, उन्होंने एक युवा जिप्सी महिला को पीटा और अपमानित किया, जो यूक्रेन में एक लड़के के पास भाग कर जाना चाहती थी। और उन्होंने अपने ही रिश्तेदारों को पीटा। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, उसने अकेले ही अपने बेरोज़गार पिता और भाइयों का समर्थन किया। और फिर वे पूछते हैं कि हर कोई उनसे नफरत क्यों करता है।
मई 2022 में भी ये वीडियो उपरोक्त दावे के तहत वायरल हो चुका है। टिन मैन नामक यूज़र ने कैप्शन, “अमेरिका में ग़ैर मुस्लिम को डेट करने की चाहत की वजह से भाई ने लड़की को पीटा” (हिन्दी अनुवाद) के तहत ट्वीट किया था।
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DFRAC टीम द्वारा पहले भी इसका फ़ैक्ट-चेक किया गया था, जिसे यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष:
रूसी वबसाइट की रिपोर्ट्स से स्पष्ट है कि वीडियो अमेरिका का नहीं है बल्कि रूस का है, जिसमें कहीं कोई कम्युनल एंगल नहीं है, इसलिए सुरजीत दासगुप्ता समेत सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा ग़लत और भ्रामक है।