फैक्ट चेकः बठिंडा की घटना पर पाकिस्तानियों ने खालिस्तान और गृहयुद्ध का एंगल देकर फैलाया फेक न्यूज

Fact Check hi Fake Featured

पंजाब के बठिंडा में मिलिट्री स्टेशन की मेस में हुई फायरिंग में 4 जवानों की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना बुधवार तड़के 4 बजकर 35 मिनट पर हुई है और शूटर सिविल ड्रेस में था। फिलहाल इस घटना के सभी पहलूओं की जांच की जा रही है।

वहीं सोशल मीडिया पर इस घटना में खालिस्तानी एंगल से कई पोस्ट किए जा रहे हैं। घटना में खालिस्तान को जोड़कर पोस्ट करने वालों में ज्यादातर यूजर्स पाकिस्तान से हैं। एक पाकिस्तानी यूजर ने इसे भारत में गृहयुद्ध की शुरूआत बताते हुए लिखा- “भारतीय सेना में रूज तत्व. पंजाब में बठिंडा सैन्य स्टेशन में गोलीबारी की घटना में 4 की मौत हो गई। संभवतः, एक भारतीय सेना के सिख सैनिक ने हिंदू सैनिकों पर गोलियां चलाईं। भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंदुओं द्वारा किए गए अपराध एक गृह युद्ध शुरू कर रहे हैं।”

source : twitter

वहीं कई अन्य पाकिस्तानी यूजर्स भी इस घटना को भ्रामक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

source : twitter

source : twitter

source : twitter

source : twitter

फैक्ट चेकः

पाकिस्तानी यूजर्स के दावे पर DFRAC की टीम ने पड़ताल की। हमने बठिंडा की घटना के संदर्भ में गूगल पर सर्च किया। हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिसमें इस घटना के बारे में बताया गया है कि सेना अभी इसकी जांच कर रही है। घटना के बारे में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी गई है, राजनाथ सिंह ने एक बैठक भी बुलाई है।

एबीपी न्यूज की खबर में सेना के हवाले से बताया गया है कि- “फायरिंग 80 मीडियम रेजीमेंट आर्टिलरी ऑफिसर्स मेस में हुई. कुछ दिन पहले यूनिट के गार्ड रूम से एक असाल्ट राइफल गायब हो गई थी. लगता है उसी से ये फायरिंग की गई हैं. राइफल और चलाने वाले की तलाश जारी है।”

source : abplive

वहीं दैनिक जागरण की रिपोर्ट में पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसपीएस परमार के हवाले बताया गया है कि यह घटना आतंकी हमला नहीं है। इसमें अंदर के लोग ही शामिल हैं।

source : jagran

निष्कर्षः

बठिंडा की घटना के संदर्भ में किसी भी मीडिया रिपोर्ट में खालिस्तानी या फिर गृहयुद्ध जैसी कोई बात सामने नहीं आई है। इसलिए पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स का दावा गलत है। पाकिस्तानी यूजर्स इससे पहले भी भारत की घटनाओं के संदर्भ में कई फेक और भ्रामक दावे किए थे, जिस पर DFRAC की टीम ने एनालिसिस रिपोर्ट्स प्रकाशित किया है। वहीं हमारी टीम ने कई ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी बेनकाब किया है, जो लगातार भारत विरोधी अभियान चलाते रहते हैं।