फेक न्यूज फैलाने के आरोपी यूट्यूबर मनीश कश्यप की जांच तमिलनाडु पुलिस कर रही है। वहीं सोशल मीडिया पर मनीष को लेकर एक दावा जमकर शेयर किया जा रहा है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि मदुरै कोर्ट ने माना कि मनीष की कोई गलती नहीं है और कोर्ट ने पुलिस को जमकर फटकार लगाई है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि मनीष कश्यप जल्द ही जेल से रिहा होगा।
इस दावे को कई सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा भी शेयर किया गया है। नेहा सिंह राठौर नाम की वेरीफाइड यूजर ने लिखा- “मदुरै कोर्ट ने नहीं मानी Manish Kasyap की कोई गलती। पुलिस को लगाई फटकार, विरोधियों और बिहार सरकार को करारा झटका..जल्दी रिहा होंगे मनीष कश्यप। सत्यमेव जयते #मनीष_कश्यप #मनीषकश्यप #ManishKashyap #viralvideo”
वहीं कई अन्य यूजर्स भी इस दावे के साथ शेयर कर रहे है।
फैक्ट चेकः
सोशल मीडिया पर वायरल दावे की DFRAC की टीम ने पड़ताल की। हमारी टीम ने पाया कि अनुज कुमार बाजपेयी (@AnujBajpai_) ने 2 अप्रैल को पोस्ट करके दावा किया था कि मदुरै कोर्ट ने मनीष की कोई गलती नहीं मानी है। इसकी सच्चाई जानने के लिए जब हमारी टीम ने गूगल पर सिंपल सर्च किया, तो हमें एबीपी न्यूज की 3 अप्रैल को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली।
इस रिपोर्ट के मुताबकि मनीष कश्यप को मदुरै कोर्ट में पेश किया गया, जहां तमिलनाडु पुलिस ने सात दिनों की रिमांड की मांग की थी। मदुरै कोर्ट ने मनीष कश्यप को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। रिमांड की मांग पर कोर्ट बुधवार को फैसला सुनाएगा।
वहीं दैनिक जागरण की 4 अप्रैल को प्रकाशित न्यूज में बताया गया है कि मनीष कश्यप को राहत नहीं मिली है। मदुरै कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि मदुरै कोर्ट ने मनीष कश्यप को न्यायिक हिरासत में भेजा है। कोर्ट ने न तो तमिलनाडु को फटकार लगाई है, और ना ही ऐसा माना है कि मनीष की कोई गलती नहीं है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा गलत है।