सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक युवक की बीच सड़क पर जमकर पिटाई की जा रही है। इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर्स दावा कर रहे हैं कि ईसाई समुदाय के युवक की हिन्दूवादी संगठन के लोग मॉब लिंचिंग कर रहे हैं।
इस वीडियो को शेयर करते हुए “साउथ एशियन ह्यूमन राइट्स वॉच” नामक यूजर ने लिखा-
“भारत में मॉब लिंचिंग की बढ़ती प्रवृत्ति को कैमरे में कैद किया गया है, क्योंकि एक हिंदू भीड़ एक ईसाई पर क्रूरता से हमला करती है। साम्प्रदायिक हिंसा और धार्मिक असहिष्णुता पर चिंताएँ बढ़ रही हैं, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस स्थिति पर ध्यान देना चाहिए।” (हिन्दी अनुवाद)
वहीं इस वीडियो को एक अन्य यूजर द्वारा भी शेयर किया गया है।
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो का फैक्ट चेक करने के लिए DFRAC की टीम ने वीडियो को सबसे पहले कई फ्रेम्स में कन्वर्ट किया फिर उसे रिवर्स सर्च किया। हमें इस संदर्भ में ‘टीवी-9 भारतवर्ष’ की 23 दिसंबर 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि गुजरात के वडोदरा जिले में एक दलित युवक की मॉब लिंचिंग की कोशिश की गई।
रिपोर्ट में बताया गया है कि दलित युवक एक महिला के साथ बैठा था, जिसके बाद गुस्से में लोगों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। पुलिस ने इस घटना में शामिल 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
वहीं इस वीडियो के संदर्भ में हमें गुजरात से कांग्रेस विधायक और सामाजिक कार्यकर्ता जिग्नेश मेवानी का एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में जिग्नेश भी दलित युवक की लिंचिंग की कोशिश का आरोप लगाकर राज्य सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
वहीं कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में भी गुजरात के वडोदरा में दलित युवक की लिंचिंग की घटना को रिपोर्ट किया गया है।
निष्कर्ष
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो साल 2022 का है और इस घटना कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया गया दावा गलत है।