उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों को लेकर अभ्यर्थियों और बेरोजगार संघ के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। सोशल मीडिया मीडिया पर पुलिस लाठीचार्ज के कई वीडियो और फोटो वायरल हो रहे हैं। वहीं कई ऐसे वीडियो जो पुरानी घटनाओं के हैं, लेकिन उन्हें उत्तराखंड का बताया जा रहा है।
एक वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा- “यही है पुलिस कर्मियों का संवैधानिक तरीका”
https://twitter.com/kamalkcpant/status/1623719836219211776?s=20&t=7Qu0B7OwqAd_h4kaKy2MFQ
वहीं इस वीडियो को कई अन्य यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं।
फैक्ट चेकः
वायरल वीडियो का फैक्ट चेक करने के लिए DFRAC की टीम ने सबसे पहले वीडियो को कई फ्रेम्स में कन्वर्ट किया। इसके बाद रिवर्स सर्च किया। हमें यह वीडियो एबीपी न्यूज के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर 1 फरवरी 2016 को अपलोड मिली।
https://www.youtube.com/watch?v=qvBFlLD4Fjo
इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि जब जेएनयू छात्र संघ और आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) से जुड़े छात्र 30 जनवरी को रोहित वेमुला मामले में न्याय के लिए शांतिपूर्ण विरोध करने के लिए आरएसएस मुख्यालय पहुंचे थे। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने छात्रों को बेरहमी से पीटा। वहीं कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में भी इस वीडियो को अपलोड किया गया है। जिसे यहां देखा जा सकता है।
https://www.youtube.com/watch?v=TyQb9_vosVQ
https://www.youtube.com/watch?v=iWKFA5s61Yk
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो उत्तराखंड में पुलिस लाठीचार्ज का नहीं है, बल्कि दिल्ली में 2016 में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज का है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा गलत है।