सोशल मीडिया पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि जेपी नड्डा एक जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर्स जेपी दावा कर रहे हैं कि नड्डा ने बीजेपी सरकार की पोल खोल दी है।
इस वीडियो में जेपी नड्डा को यह कहते सुना जा सकता है कि- “और बीजेपी की सरकार मतलब बलात्कार, मतलब बंद, मतलब हड़ताल, मतलब नारेबाजी, मतलब घर में घुसकर अपने विरोधियों की जीवनलीला समाप्त करना। ये हमको समझना होगा।”
इस वीडियो को शेयर करते हुए दिव्या पंडित नाम की यूजर ने लिखा- “इधर नड्डा जी संतरो को धो रहे है और उधर संतरे पठान बायकॉट करने में लगे हुए है!!”
वहीं इस वीडियो को कई अन्य यूजर्स भी इसी दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
फैक्ट चेकः
वायरल वीडियो का फैक्ट चेक करने के लिए DFRAC की टीम ने वीडियो को कुछ फ्रेम्स में कन्वर्ट किया। हमें यूट्यूब पर 12 जनवरी 2023 को अपलोड एक वीडियो मिला। इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में दिया गया है- “त्रिपुरा के अगरतला में जेपी नड्डा एक रैली को संबोधित करते हुए”
इस वीडियो के 28 मिनट 34 सेकेंड से 29 मिनट 57 सेकेंड तक के ड्यूरेशन में जेपी नड्डा को यह कहते हुए सुना जा सकता है- “मैं यहां यह भी कहूंगा। अभी कुछ देर बाद यहां अंधेरा हो जाएगा। अगर अंधेरे को देखकर उजाले का महत्व नहीं समझोगे, तो राजनीति में हमेशा नुकसान में रहोगे। आपको अगर बीजेपी को याद करना है, तो बीजेपी के साथ-साथ सीपीएम की सरकार के दिन भी याद रखो। सीपीएम की सरकार मतलब बलात्कार, सीपीएम की सरकार मतलब बंद, सीपीएम की सरकार मतलब हड़ताल, सीपीएम की सरकार मतलब नारेबाजी, सीपीएम की सरकार मतलब चंदा इकट्ठा करना, सीपीएम की सरकार मतलब रात में लोगों को समाप्त करना, मतलब घर में घुसकर अपने विरोधियों की जीवनलीला समाप्त करना।”
इसके बाद नड्डा कहते हैं- “और बीजेपी की सरकार मलतब हाईवे, बीजेपी की सरकार मतलब इंटरनेट, बीजेपी की सरकार मतलब रेलवे, बीजेपी की सरकार मतलब एयरवेज, बीजेपी की सरकार यानी हॉस्पीटल, बीजेपी की सरकार मतलब भ्रष्टाचार मुक्त और विकासयुक्त सरकार, यह हमको समझना होगा।”
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा का वायरल हो रहा वीडियो एडिट किया गया है। मूल वीडियो में वह सीपीएम की सरकार पर निशाना साध रहे थे, जिसे एडिट करके बीजेपी की सरकार कर दिया गया। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा गलत है।