कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा शुरू किया गया जन आंदोलन “भारत जोड़ो यात्रा” जो कन्याकुमारी से लेकर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर तक 150 दिनों में 3,570 किलोमीटर तक पैदल चलकर इस आंदोलन को पूरा करेंगे।
इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जहां राहुल गांधी के साथ चरणजीत सिंह चन्नी और जितेंद्र सिंह को चलते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह राहुल गांधी के जूते का फीता बांधने के लिए घुटने के बल बैठ गए।
यात्रा का वीडियो शेयर करते हुए अमित मालवीय जो भाजपा के राष्ट्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी हैं, लिखते हैं- “पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह राहुल गांधी के जूते का फीता बांधने के लिए अपने घुटने के बल बैठ गए। घमंडी हकदार बव्वा खुद से मदद करने के बजाय उनकी पीठ थपथपाता हुआ दिखाई दे रहा है।
इसी परिपाटी की बात कर रहे थे खड़गे जी? कांग्रेस में पिद्दियों की कमी नहीं है।
नेटवर्क 18 के एंकर अमन चोपड़ा लिखते हैं- ‘राहुल गांधी ने जिनकी पीठ पर थपकी दी है, वो पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह हैं।
तजिंदर पाल सिंह बग्गा जो भाजपा के दिल्ली के प्रवक्ता हैं, लिखते हैं, “पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह राहुल गांधी के जूते का फीता बांधने के लिए अपने घुटने के बल बैठ गए।
इसी तरह कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने भी इसी ही वीडियो को अलग-अलग कैप्शन के साथ शेयर किए हैं।
फैक्ट चेकः
वायरल वीडियो की जांच के लिए DFRAC की टीम ने कुछ कीवर्ड का इस्तेमाल किया तो हमें ये वीडियो कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट द्वारा अपलोड किया हुआ मिला। वीडियो में पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह ने खुद एक इंटरव्यू दिया और उस मंरजर के बारे में बताया ।
वीडियो में उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया है कि वह अपने जूते का फीता बांध रहे थे, न कि राहुल गांधी का।
वहीं वीडियो के कैप्शन में लिखा है- “BJP IT सेल ने FAKE खबर चलाई
यात्रा में चलते हुए मेरे जूते के फीते खुल गए, तभी राहुल गांधी जी की नजर पड़ी और उन्होंने मुझे फीते बांध लेने को कहा। इस छोटी सी बात को गलत तरीके से पेश कर देश को गुमराह करने के लिए @RahulGandhi जी से माफी मांगे @amitmalviya जी
निष्कर्ष:
जितेंद्र सिंह के इंटरव्यू से साफ है कि बीजेपी आईटी सेल और मीडिया एंकर का दावा फेक है। क्योंकि जितेंद्र सिंह अपने जूते का फीता बांध रहे थे, न कि राहुल गांधी का।