ज़ीरो कोविड पॅालिसी के कारण चीन में बड़े पैमाने पर आक्रोश पैदा हो गया है। लेकिन जैसा कि विदित है कि चीन के अंदर होने वाले किसी भी प्रकार के प्रदर्शन और विरोध की आवाजों को पूरी दुनिया से छिपा लिया जाता है। चीन में प्रेस और अभियव्यक्ति की आजादी को लेकर सवाल बहुत पहले से उठ रहे हैं। इसके अलावा वहां की सरकार पर नागरिकों के अधिकारों के हनन के आरोप लगते रहे हैं। इन सबके बीच चीन सरकार कई तरह के हथकंडे भी अपनाती है, जिससे सूचनाओं को बाहर जाने से रोका जा सके।
@AirMovingDevice (एयर-मूविंग डिवाइस) के डेटा विश्लेषण के अनुसार,आज (北京 (बीजिंग समयानुसार 11/28 ~5am बजे) तक एक सर्च किया गया। जिसमें “ताज़ातरीन” सर्च के परिणामों में दिखाई देने वाले ट्वीट्स के साथ उन अकाउंट्स की भी पहचान की गई। जिसमें से ज़्यादातर (95%) स्पैम अकाउंट्स हैं, जो पूरे दिन समय समय पर ट्वीट करते हैं, और स्वचालन (ऑटोमेशन) का सुझाव देते हैं।
चीनी आंदोलन को दबाने के लिए पोर्न अकाउंट्स का उपयोगः
चीन में प्रोटेस्ट के बारे में ध्यान देने योग्य अजीब बात यह है कि चीनी में होने वाले विरोध प्रदर्शनों के बारे सर्च करते समय सोशल मीडिया साइटों पर पोर्न अकाउंट्स और इस तरह के कॅान्टेंट की संख्या तेज़ी से बढ़ी है। ये अकाउंट्स अलग-अलग समय और अलग-अलग क्षेत्रों में बनाए गए हैं।
इन अकाउंट्स द्वारा किए गए सभी पोस्ट में एक कॉमन बात यह है कि इन सभी ने चीनी सोशल मीडिया अकाउंट WeChat का जिक्र किया है।
20 अक्टूबर 2022 को 40 से अधिक अकाउंट्स के साथ सबसे अधिक पोर्न अकाउंट्स बनाए गए थे। इसके बाद उसी महीने की 21 और 22 तारीख को 36 और 14 अकाउंट्स बनाए गए।
2022-11-11 को सबसे ज्यादा ट्वीट्स किए गए, जिनकी संख्या करीब 75 ट्वीट्स थी और इसके बाद 12 और 26 तारीख को 60 से ज्यादा ट्वीट्स किए गए।
दरअसल ट्विटर के माध्यम से चीन में होने वाली प्रोटेस्ट का वीडियो फुटेज सामने आ रहा है। हालांकि चीन ने फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन ट्विटर के माध्यम से ज़्यादातर फुटेज ने प्रोटेस्ट की ओर जनता का ध्यान आकर्षित किया है।
निष्कर्ष:
मानवाधिकार संघर्षों से जुड़ी कोई भी ख़बर चीन से कम ही सामने आती है और यह मुख्य रूप से चीनी सरकार की कुनीतियों के कारण है। उन्होंने गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यहां सिर्फ स्थानीयकृत सॉफ़्टवेयर सर्च इंजन Baidu और WeChat जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ही उपलब्ध है, जिनकी सरकार द्वारा आसानी से निगरानी की जा सकती है। इसलिए, चीन से जो भी जानकारी सामने आती है, वह अत्यधिक सेंसर की जाती है। इसके अलावा DFRAC की इस रिपोर्ट में हाइलाइट किए गए अश्लील अकाउंट्स या बॉट अकाउंट्स का उपयोग जानकारी को नियंत्रित करने के लिए चीनी सरकार की एक और चाल है।