हाल ही में इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। इस दौरान उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाक़ात हुई। इस बैठक में दोनों राजनेताओं के बीच विभिन्न द्विपक्षीय संबंधों की ‘समीक्षा’ भी हुई।
इस बैठक के बारे में स्वीडन की उपास्ला यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अशोक स्वेन ने अपने ट्वीट में एक कोलाज पोस्ट किया। जिसके एक भाग में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के हवाले से कहा गया कि बाली में पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से मुलाक़ात हुई। इस दौरान टेक्नॉलॉजी, एडवांस कम्प्यूटिंग, क्षेत्रीय और वैश्विक पर विस्तृत चर्चा हुई।
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वहीं दूसरे भाग में व्हाइट हाउस की प्रेस सेकेट्री काराइन जीन-पियरे के हवाले से कहा गया कि बाली में राष्ट्रपति बाइडेन पीएम मोदी से संक्षिप्त समय में मिले और उनका अभिवादन किया। इस दौरान दोनों के बीच कोई विशेष चर्चा नहीं हुई।
इस विरधाभास का हवाला देकर स्वेन ने अपने ट्वीट को केप्शन दिया कि ‘एक हिटलर के लिए एक गोएबल्स होना चाहिए!’ उनके इस ट्वीट को 2100 से ज्यादा रिट्वीट और 7500 से ज्यादा लाईक मिल चुके है।
फैक्ट चेक:
अशोक स्वेन के इस दावे की जांच के लिए DFRAC टीम ने सबसे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रेस रिलीज को देखा। जिसमे बताया गया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति एच.ई. श्री जोसेफ आर. बिडेन आज बाली में जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के मौके पर मुलाक़ात की।
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उन्होंने महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, उन्नत कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि जैसे भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में सहयोग सहित भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने की समीक्षा की। उन्होंने क्वाड, I2U2, आदि जैसे नए समूहों में भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ सहयोग के बारे में संतोष व्यक्त किया।
दोनों नेताओं ने सामयिक वैश्विक और क्षेत्रीय विकास पर चर्चा की। पीएम मोदी ने भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत करने के लिए लगातार समर्थन देने के लिए राष्ट्रपति बाइडेन को धन्यवाद दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि दोनों देश भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान घनिष्ठ समन्वय बनाए रखेंगे।
वहीं हमने व्हाइट हाउस की भी ब्रीफींग को भी देखा। जिसमे बताया गया कि राष्ट्रपति बिडेन ने अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के प्रमुख मंच के रूप में जी20 के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए बाली में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधान मंत्री मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति विडोडो के साथ आज मुलाकात की।
राष्ट्रपति बिडेन ने महामारी की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया में अंतराल को दूर करने के लिए विश्व बैंक (महामारी कोष) द्वारा आयोजित महामारी पीपीआर के लिए वित्तीय मध्यस्थ कोष (एफआईएफ) शुरू करने के लिए दुनिया भर के देशों को प्रेरित करने के लिए इंडोनेशिया के नेतृत्व के लिए राष्ट्रपति विडोडो को बधाई दी। इस सफलता ने भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान ठोस स्वास्थ्य-वित्त सहयोग को आगे ले जाने की नींव रखी है।
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बैठक में, राष्ट्रपति बिडेन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, महामारी, आर्थिक नाजुकता, गरीबी को कम करने और एसडीजी प्राप्त करने जैसी चुनौतियों का समाधान प्रदान करने के लिए बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों के लिए बेहतर और अभिनव वित्तपोषण मॉडल विकसित करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका जी20 के वैश्विक नेतृत्व का समर्थन करना जारी रखेगा। समावेशी विकास का समर्थन करने, आर्थिक सुरक्षा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए। उन्होंने बुनियादी ढांचे के अंतर को बंद करने के लिए सार्वजनिक और निजी वित्तपोषण का लाभ उठाने के महत्व पर भी चर्चा की।
राष्ट्रपति बिडेन ने एक सफल G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के प्रयासों के लिए इंडोनेशिया के G20 प्रेसीडेंसी की सराहना की। वह भारत की अध्यक्षता में जी20 के काम का समर्थन जारी रखने के लिए तत्पर हैं।
इसके अलावा हमने व्हाइट हाउस की प्रेस सेकेट्री काराइन जीन-पियरे के बयान की भी पड़ताल की। इस दौरान हमें 18 नवंबर 2022 की ब्रीफिंग में जीन-पियरे का बयान मिला। जिसमे उनसे सवाल किया गया था कि बाली में राष्ट्रपति बाइडेन और भारत के प्रधानमंत्री मोदी के बीच बैठक कैसी रही?
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उन्होने जवाब दिया कि जैसा कि आप जानते हैं, हमारे पास एक सफल G20 नेताओं का शिखर सम्मेलन और एक मजबूत नेताओं की घोषणा थी। मुझे पता है कि आप इसका बहुत बारीकी से पालन करते हैं।
राष्ट्रपति बिडेन ने शिखर सम्मेलन के हाशिये पर प्रधान मंत्री और इंडोनेशियाई राष्ट्रपति के साथ बात की, और हमने उनकी त्रिपक्षीय बैठक का विवरण जारी किया। शिखर सम्मेलन की घोषणा पर बातचीत करने में भारत ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधान मंत्री मोदी ने स्पष्ट किया “आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए।” और — और यह राष्ट्रपति [प्रधानमंत्री] का सीधा उद्धरण है।
संबोधित की गई अन्य प्राथमिकताओं में, हमारे पास एक लचीली वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाने के अपने प्रयासों को जारी रखते हुए वर्तमान खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक मार्ग है। इस परिणाम के लिए प्रधान मंत्री मोदी का संबंध महत्वपूर्ण था, और हम अगले साल भारत के G20 अध्यक्षता का समर्थन करने के लिए तत्पर हैं। हम उसके लिए उस अगली बैठक के लिए तत्पर हैं।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि अशोक स्वेन का दावा फेक है। क्योंकि भारतीय विदेश मंत्रालय कि प्रेस रिलीज और व्हाइट हाउस की ब्रीफिंग से इस बारे में पुष्टि होती है।