सोशल मीडिया पर बुलडोजर से एक मंदिर को गिराए जाने का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह तमिलनाडु सरकार ने ताबंरम में राम मंदिर को गिरवा दिया है। यूजर्स मंदिर को गिराए जाने की घटना के पीछे तमिलनाडु की डीएमके सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं।
एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा- “द्रविड़ द्रमुक द्वारा आज का तांबरम राम मंदिर विध्वंस! उन हिन्दूओं के लिए धन्यवाद जिन्होंने उन्हें वोट दिया धर्मसेना”
वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा– “मुफ्त के बिजली पानी पर अपना ईमान बेचने वाले हिन्दुओं देखो…. #तमिलनाडु की हिन्दू विरोधी DMK सरकार ने सेकडों वर्ष पुराना तांबरम श्री #राम_मंदिर #विध्वंस कर दिया। 800 साल की गुलामी और जिल्लत भरी जिंदगी जीने के बाद भी अगर तुम अपना ईमान बेच रहे हो तो तुम गुलामी के लायक ही हो…!!”
वहीं कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने भी इस वीडियो को शेयर किया है।
- https://twitter.com/santosh90097471/status/1590667600270610432?s=20&t=Lb3VAQXpO4rjPHsuosArMA
- https://twitter.com/GaneshS38500793/status/1590624368383561728?s=20&t=Lb3VAQXpO4rjPHsuosArMA
- https://twitter.com/AnilSha89142589/status/1590298476558323714?s=20&t=Lb3VAQXpO4rjPHsuosArMA
- https://twitter.com/sheshmani_dube/status/1590029545947951105?s=20&t=Lb3VAQXpO4rjPHsuosArMA
फैक्ट चेकः
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए जब DFRAC की टीम ने सर्च किया, तब हमें इस वीडियो के संदर्भ में कई जानकारियां हासिल हुई। इस वीडियो को इसी साल जनवरी में भी सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा इसी दावे के साथ शेयर किया गया था। सोशल मीडिया यूजर्स के पोस्ट को आप यहां देख सकते हैं।
- https://twitter.com/NTGLAWFIRM/status/1480776492028071939?s=20&t=Lb3VAQXpO4rjPHsuosArMA
- https://twitter.com/harishrajguru19/status/1480814019216769028?s=20&t=Lb3VAQXpO4rjPHsuosArMA
- https://twitter.com/anandkalra69/status/1480761671060635654?s=20&t=Lb3VAQXpO4rjPHsuosArMA
- https://twitter.com/AmarGup54755411/status/1481093939419496451?s=20&t=Lb3VAQXpO4rjPHsuosArMA
वहीं कुछ और सर्च करने पर हमें इस संदर्भ में 11 जनवरी 2022 को ‘इंडिया टुडे’ द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के अनुसार- तांबरम के पुलिस कमिश्नर ने एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि 2015 के मद्रास उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार मंदिर के साथ-साथ अन्य संरचनाओं को भी गिराया जा रहा है। पुलिस ने कहा कि जल निकायों पर बने अतिक्रमण के रूप में पहचान की गई सभी संरचनाओं को ध्वस्त किया जा रहा है।
पुलिस कमिश्नर ने यह भी बताया कि सिर्फ मंदिर ही नहीं, एक चर्च परिसर की दीवार का एक हिस्सा भी ध्वस्त कर दिया गया क्योंकि यह एक जल निकाय पर अतिक्रमण कर रहा था। तहसीलदार की शिकायत पर मामला भी दर्ज कर लिया गया है और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि मंदिर गिराए जाने का कारण अवैध अतिक्रमण के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट का फैसला है। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की थी। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा गलत है।