तुर्की उर्दू एक न्यूज़ पोर्टल है। जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है कि ये तुर्की से उर्दू भाषा में संचालित होता है। मई 2019 में शुरू हुए इस न्यूज़ पोर्टलके ट्विटर पर पांच लाख बत्तीस हजार से भी ज्यादा फॉलोवर है। यह अपने पाठकों तक तुर्की और इस्लामिक दुनिया से जुड़ी खबरों और जानकारी को उर्दू भाषा में पहुंचाने का दावा करता है।
इस अकाउंट से पहला ट्वीट मई 01, 2019 को किया गया था। अकाउंट से प्रति दिन 10-11 ट्वीट्स होते है। जिसके जरिए यह अकाउंट 2 मिलियन से अधिक यूजर तक अपनी पहुंच रखता है।
ग्राफ में देखा जा सकता है कि तुर्की उर्दू की टाइमलाइन 3 बार टॉप पर रही। इस बीच बड़ी संख्या में ट्वीट किए गए। टाईमलाईन पहली बार 14 फरवरी 2020 को टॉप पर रही, इस दिन अकाउंट से लगभग 65 ट्वीट पोस्ट हुए। वहीं 24 जुलाई 2020 और 13 अगस्त 2020 को फिर से टाईमलाइन टॉप पर देखी गई। इस दौरान क्रमश 63 और 54 ट्वीट किए गए।
तुर्की उर्दू का दावा जहां तुर्की और इस्लामिक दुनिया से जुड़ी खबरों को देने का है। इसके विपरीत टाईमलाइन पर भारत और पाकिस्तान से जुड़ी खबरों की भरमार दिखाई देती है। विशेषकर कश्मीर और भारतीय मुस्लिम समुदाय के बारे में। खबरों की आढ़ में तुर्की उर्दू की भारत को बदनाम करने की एक कुटिल साजिश है। जिसका खुलासा DFRAC नीचे करने जा रहा है।
फेक और भ्रामक सामग्री:
पत्रकारिता का प्रमुख सिद्धांत यह है कि पाठकों तक पहुंचने वाली सामग्री सच हो और निष्पक्षता पर आधारित हो। लेकिन तुर्की उर्दू अपने पाठकों को फर्जी और भ्रामक सुचनाएं प्रदान करता है। ये सुचनाएं भारत के खिलाफ और पाकिस्तान के पक्ष में होती है। जिससे भारत के खिलाफ पाकिस्तान के दुष्प्रचार को गति मिल सके।
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श्रीनगर में भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत के जश्न का पुराना वीडियो वायरल
तुर्की उर्दू ने सितंबर 05, 2022 को आतिशबाज़ी का एक वीडियो पोस्ट कर दावा किया कि श्रीनगर में भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत का जोरदार जश्न मनाया गया।
مقبوضہ کشمیر میں پاکستان کی جیت کا جشن
ایشیا کپ میں بھارت کو ہرانے کی خوشی میں سری نگر سمیت مختلف علاقوں میں کشمیری لڑکے سڑکوں پر نکل آئے اور پاکستان کی جیت پر خوشی کا اظہار کیا۔ آتش بازی کے دوران پاکستانی پرچم بھی لہرائے جا رہے ہیں #INDvsPAK2022 #Kashmir #AsiaCup2022 pic.twitter.com/gt6Y51AAK0— ترکیہ اردو (@TurkiyeUrdu_) September 4, 2022
तुर्की उर्दू ने ट्वीट में लिखा – अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान की जीत का जश्न। एशिया कप में भारत को हराने की खुशी में श्रीनगर समेत विभिन्न इलाकों में कश्मीरी लड़के सड़कों पर उतर आए और पाकिस्तान की जीत पर खुशी जाहिर की। आतिशबाजी के दौरान पाकिस्तानी झंडे भी फहराए जा रहे हैं। #INDvsPAK2022 #Kashmir #AsiaCup2022
फैक्ट चेक:
Celebration in #Srinagar #Kashmir #PAKvIND pic.twitter.com/zhl79YfrH0
— Naimat Khan (@NKMalazai) October 24, 2021
तुर्की उर्दू के इस दावे की जांच के लिए DFRAC टीम ने वीडियो को InVID टूल की मदद से कीफ्रेम में बदला। साथ ही कीफ्रेम को रिवर्स सर्च इमेज किया। इस दौरान हमें ऐसा ही एक वीडियो ट्विटर पर मिला। जिसे एक साल पहले 24 अक्टूबर 2021 को अरब न्यूज़ पाकिस्तान के संवाददाता नैमत खान ने पोस्ट किया था। उन्होने साथ ही लिखा कि #श्रीनगर #कश्मीर में #PAKvIND का जश्न।
There are many fake/ old videos being shared on twitter by many handles including verified ones for sensationalism. If you live in Srinagar you will know how peaceful and calm post match atmosphere is today.
It is again requested to all not to circulate such fake & old videos.— Srinagar Police (@SrinagarPolice) September 4, 2022
इसके अलावा हमें श्रीनगर पुलिस का भी एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में वायरल वीडियो का खंडन करते हुए कहा गया कि “ट्विटर पर सनसनी फैलाने के लिए वेरिफाइड अकाउंट सहित कई हैंडल द्वारा कई फेक/पुराने वीडियो शेयर किए जा रहे हैं। अगर आप श्रीनगर में रहते हैं तो आपको पता चलेगा कि मैच के बाद का माहौल आज कितना शांत है। सभी से फिर से अनुरोध है कि इस तरह के फेक और पुराने वीडियो को प्रसारित न करें।”
निष्कर्ष:
ऐसे में स्पष्ट है कि वायरल वीडियो भ्रामक है। क्योंकि ये वीडियो AsiaCup2022 का न होकर ICC Men’s T20 World Cup 2021/22 का है।
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पैगंबर के सम्मान से जोड़कर चलाई फर्जी खबर
तुर्की उर्दू ने एक ट्वीट कर दावा किया कि भारत मेंइस्लाम धर्म के पैगंबर के अपमान के विरोध में प्रदर्शन करने पर पुलिस के द्वारा अत्याचार किया जा रहा है।
अपने ट्वीट में पोर्टल ने एक तस्वीर पोस्ट की। जिसमें महिला पुलिसकर्मी को एक लड़की को खींच कर ले जाते हुए देखा जा सकता है। साथ ही लिखा – भारत में मुस्लिम महिलाओं का विरोध। एक महिला पुलिस अधिकारी एक महिला प्रदर्शनकारी को घसीटती हुई ले जा रही है। पैगंबर के सम्मान के लिए भारत में विरोध प्रदर्शन जारी हैं।
بھارت میں مسلمان خواتین کا احتجاج
ایک خاتون پولیس اہلکار احتجاج کرنے والی خاتون کو کھینچ کر لے جا رہی ہے، بھارت میں ناموس رسالت ﷺ کے خلاف احتجاج جاری ہے#Islamophobia_in_india #IndianMuslimsUnderAttack pic.twitter.com/4T2uQoADUI— ترکیہ اردو (@TurkiyeUrdu_) June 13, 2022
फैक्ट चेक:
वायरल तस्वीर की जांच के लिए DFRAC ने सबसे पहले तस्वीर को रिवर्स सर्च किया। परिणामस्वरूप हमें ये तस्वीर फ्रेटरनिटी मूवमेंट केरल के फेसबुक पेज पर मिली। इस तस्वीर को 13 जून को इस कैप्शन के साथ पोस्ट किया, “पुलिस ने फ्रेटरनिटी मूवमेंट की राष्ट्रीयसचिव आयशा रेन्ना एन को गिरफ्तार किया और केरल के मलप्पुरम में नेशनल हाईवे को अवरुद्ध करने के बाद कई अन्य सदस्यों पर लाठीचार्ज किया।”
इसके अलावा हमें एक अन्य पोस्ट में मलयालम भाषा के अखबारो की कुछ न्यूज़ कटिंग भी मिली। जिसमे प्रदर्शन के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि ये प्रदर्शन यूपी के प्रयागराज में एक्टिविस्ट आफरीन फातिमा का घर तोड़े जाने के विरोध में हुआ था। उन पर हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आरोप था।
निष्कर्ष:
अत: स्पष्ट है कि तुर्की उर्दू का आयशा रेन्ना की गिरफ्तारी को लेकर किया दावा भ्रामक है।
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मुस्लिम दुश्मनी में बच्चे को नहीं किया गया अस्पताल में भर्ती? तुर्की उर्दू ने चलाई झूठी खबर
तुर्की उर्दू ने भारत के सबंध में एक खबर चलाई। जिसमे दावा किया गया कि मुस्लिम दुश्मनी में भारतीय हिंदुओं के द्वारा मुस्लिम बच्चों का अस्पतालों में इलाज नहीं किया जा रहा।
इस बारे में तुर्की उर्दू ने एक वीडियों पोस्ट कर अपने ट्वीट में लिखा – भारतीय चरमपंथी हिंदुओं की मुस्लिम दुश्मनी,एक मुस्लिम बच्चे को मुसलमान कह कर अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया, अस्पताल के बाहर उसकी मां की गोद में बच्चे की मौत हो गई। ये है सेक्युलर इंडिया
https://twitter.com/TurkeyUrdu/status/1573698258177753091
फैक्ट चेक:
तुर्की उर्दू के दावे की जांच के DFRAC टीम ने वीडियो को InVID टूल की मदद से कीफ्रेम में बदला। साथ ही कीफ्रेम को रिवर्स सर्च किया। परिणामस्वरूप हमें वीडियो का एक स्क्रीन ग्रैबदैनिक भास्कर की रिपोर्ट में मिला।
इस रिपोर्ट में वीडियो की सच्चाई तुर्की उर्दू के दावों के विपरीत मिली। रिपोर्ट में बताया गया कि बच्चे को मुस्लिम दुश्मनी में नहीं बल्कि पचास हजार रुपए जमा नहीं कराने के कारण भर्ती नहीं किया गया था। जिससे इलाज के अभाव में बच्चे की मौत हो गई।
बच्चे के पिता मो. हलीम ने कहा – ‘बेटे को 5 दिन से बुखार आ रहा था। उसे मऊआइमा के अमन अस्पताल में भर्ती कराया था। मगर, आराम नहीं मिला तो अमन अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया। इसके बाद हम बेटे को लेकर शांतिपुरम् के प्राची अस्पताल गए। वहां दो घंटे तक हम लोगों को परेशान किया गया।
Source: Dainik Bhaskar
हलीम ने बताया कि हम लोग भर्ती करने के लिए कहते रहे, लेकिन स्टाफ ने कहा कि पहले 50 हजार रुपए जमा कर दो, फिर हम भर्ती करेंगे। मैं और मेरी पत्नी डॉक्टर के सामने गिड़गिड़ाते रहे कि बेटे को भर्ती कर लें। हम लोग रुपए का इंतजाम कर लेंगे। मगर, डॉक्टरों ने एक न सुनी और अंत में बच्चे की मौत हो गई।
निष्कर्ष:
अत: स्पष्ट है कि तुर्की उर्दू का दावा भ्रामक है।
पाकिस्तान के नजदीकी के कारण तुर्की-भारत के रिश्ते कभी मजबूत नहीं बन पाये। तुर्की में रजब तैयब एर्दोगान ने सत्ता में आने के साथ ही विदेश नीति में भारत के बजाय पाकिस्तान को प्राथमिकता दी। भारत के खिलाफ हर मौर्चे पर वह पाकिस्तान के साथ दिखाई दिये। भारत के खिलाफ अरब देशों का साथ न मिलने से नाराज पाकिस्तान ने भी तुर्की के नेतृत्व में कतर और मलेशिया को साथ लेकर इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के समांतर कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन के जरिए मुस्लिम देशों का अलग संगठन बनाने की कोशिश की। लेकिन कामयाब नही मिल पाई।
तुर्की उर्दू भी भारत के खिलाफ इस साजिश में शामिल रहा। तुर्की उर्दू ने इन देशो से जुड़ी हर खबर को प्राथमिकता दी। वहीं भारत के खिलाफ भी तुर्की, कतर और मलेशिया के राजनेताओं के बयानों को प्रमुखता से प्रकाशित किया। नीचे इन बयानों को देखा जा सकता है।
मलेशियाई राजनेताओं के भारत विरोधी बयान:
मलेशिया के पूर्व प्रधान मंत्री मताहिर मुहम्मद अपने भारत विरोधी रुख को लेकर हमेशा चर्चा में रहते है। उनके बयानों के कारण भारत को मलेशिया के साथ अपने रिश्तों को सीमित कर वहां से पाम ऑइल के आयात को भी प्रतिबंधित करना पड़ा था। बाद में भारत के बहिष्कार से हुए नुकसान की भरपाई के लिए पाकिस्तान ने मलेशिया को पाम तेल खरीदने का भी आश्वासन दिया था। तुर्की उर्दू ने भारत विरोधी इन खबरों को प्राथमिकता के साथ पोस्ट किया है।
भारत विरोध में तुर्की-पाकिस्तान सबंधों का इस्तेमाल:
पूर्व क्रिकेटर इमरान खान के प्रधान मंत्री का पद संभालने के बाद पाकिस्तान, सऊदी अरब को दरकिनार कर तुर्की के नजदीक होता चला गया। इसका प्रमुख कारण पाकिस्तान को भारत विरोधी मुद्दों पर सऊदी अरब का साथ न मिलना था। इमरान खान ने तुर्की को न केवल पाकिस्तान का बड़ा भाई बताया। बल्कि ये भी दावा किया कि तुर्की राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान अगर पाकिस्तान में कहीं भी चुनाव लड़ते है, तो आसानी से जीत जाएंगे। तुर्की उर्दू ने कश्मीर मामले में भारत विरोधी और तुर्की-पाकिस्तान के रिश्तों को मजबूती प्रदान करने वाली खबरों को ही प्राथमिकता दी।
अफगानिस्तान में क़तर-पाकिस्तानकी कूटनीति:
तालिबान के सत्ता में आने से पहले भारत, अफगानिस्तान का प्रमुख सहयोगी रहा है। तुर्की, क़तर और पाकिस्तान के सहयोग से तालिबान एक बार फिर से अफगानिस्तान की सत्ता को हथियाने में कामयाब रहा। तुर्की उर्दू ने न केवल भारत विरोधी बल्कि अफगानिस्तान के मामले में क़तर, तुर्की और पाकिस्तान से जुड़ी ही खबरों को प्रकाशित किया।
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तुर्की उर्दू के डेटा का विश्लेषण
नीचे दिया गया पाई-चार्ट तुर्की उर्दू द्वारा प्रति वर्ष किए गए ट्वीट्स का प्रतिशत दिखाता है। यह देखा गया है कि वर्ष 2020 में किए गए ट्वीट्स की संख्या कुल ट्वीट्स के 37.2% के साथ सबसे अधिक है। वर्ष 2021 में कुल ट्वीट्स का 34.2% ट्वीट किए गए। वहीं 2019 में सबसे कम कुल ट्वीट का लगभग 8.01% ट्वीट ही किए गए।
हैशटैग का इस्तेमाल
नीचे दिया गया ग्राफ टॉप हैशटैग दिखाता । जो तुर्की उर्दू के द्वारा उपयोग किए गए। यह देखा गया है कि #Turkey का सबसे अधिक बार उपयोग किया गया, उसके बाद दूसरा हैशटैग #Pakistan को प्रयोग में लाया गया। फिर #Erdogan का नंबर आता हैं। 85 ट्वीट्स में #PakistanArmy हैशटैग का भी इस्तेमाल किया गया।
पाकिस्तानी फॉलोअर्स
तुर्की उर्दू के फॉलोअर्स में ज़्यादातर फॉलोअर्स पाकिस्तान से हैं। कुछ पाकिस्तानी अकाउंट नीचे सूचीबद्ध हैं। जो तुर्की उर्दू को फॉलो करते हैं। उदाहरण के लिए, समा टीवी की पत्रकार @syedadeelahsan, और न्यू न्यूज उर्दू की पत्रकार @najamwalikhan भी शामिल है।
ट्वीट्स
तुर्की उर्दू के अकाउंट से पाकिस्तान, अजरबैजान, अफगानिस्तान और तुर्की जैसे देशों पर ही कई ट्वीट किए हैं। नीचे पाई-चार्ट में देशों पर किए गए ट्वीट्स का अनुपात दिया गया है। देखने में आ रहा है कि अकाउंट ने तुर्की पर सबसे ज्यादा ट्वीट किए। लगभग 23% ट्वीट्स के साथ पाकिस्तान दूसरे नंबर पर है। अज़रबैजान और अफगानिस्तान पर भी 8.65% और 7.58% ट्वीट किए गए। इसके अलावा क़तर भी शामिल हैं।
टॉप लाईक्स वाले ट्वीट्स
नीचे तुर्की उर्दू के उन टॉप ट्वीट्स को दिया गया है। जो सबसे ज्यादा लाईक किए गए है। इन टॉप फॉर ट्वीट में तीन ट्वीट पाकिस्तान से और एक ट्वीट जर्मनी से सबंधित है।
1. भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत पर जश्न | 2. मक्का में गिलाफ पर कशीदाकारी करते हुए पाकिस्तानी क्रिकेटर बाबर आजम
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3. जर्मन बॉक्सर विल हेल्मुट अपनाएंगे इस्लाम | 4. इजरायल पर इमरान खान का बयान |
टॉप रीट्वीट वाले ट्वीट
नीचे तुर्की उर्दू के उन टॉप रीट्वीट वाले ट्वीट्स को दिया गया है। जो सबसे ज्यादा रीट्वीट किए गए है। इन टॉप थ्री ट्वीट में दो ट्वीट पाकिस्तान से और एक ट्वीट तुर्की से सबंधित है।
1. भारत दौरे पर डोनाल्ड ट्रंप का पाकिस्तान की तारीफ करने वाले बयान पर ट्वीट
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2. भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत पर जश्न
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3. अयासोफिया में इमाम के तलवार साथ रखने पर ग्रेट ब्रिटेन की दिवंगत रानी की से तुलना |
निष्कर्ष:
उपरोक्त विश्लेषण से प्रमाणित होता है कि तुर्की-उर्दू पत्रकारिता की आढ़ में पाकिस्तान के पक्ष में भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देता हुआ पाया गया। बता दें की उर्दू सिर्फ पाकिस्तान की भाषा ही नहीं है। बल्कि दक्षिण एशिया की एक प्रमुख भाषा है। भारत, बांग्लादेश में भी बड़ी संख्या में उर्दू भाषी रहते है। बावजूद तुर्की उर्दू ने न केवल अपनी खबरों में भारत के पक्ष को दरकिनार किया। बल्कि पाकिस्तान के भारत विरोधी बयानों को प्राथमिकता देता रहा। तुर्की उर्दू की ज़्यादातर खबरे तुर्की-पाकिस्तान-मलेशिया के इर्द-गिर्द ही है। जिनमे भारत विरोधी खबरे प्रमुख है।