सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर्स दावा कर रहे हैं कि आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक प्राचीन शिव मंदिर को सड़क चौड़ीकरण के नाम पर तोड़ दिया गया, जबकि वहीं मंदिर के पास स्थित मजार और मस्जिद को नहीं तोड़ा गया। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को शेयर करते हुए आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी को क्रिश्चियन बताते हुए आलोचना कर रहे हैं।
सुदर्शन न्यूज के दिल्ली ब्यूरोचीफ आलोक झा ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा- “एक तरफ़ “शिव-मंदिर” दूसरी तरफ़ “मज़ार”. मंदिर तोड़ दिया है और मजार को हाथ तक नही लगाया। video आँध्रप्रदेश का है”
वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा- “क्रिश्चन मुख्यमंत्री जगमोहन रेड्डी के आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में सड़क चौड़ी करने के लिए एक शिव मंदिर तोड़ा जा रहा है जबकि उसके सामने वाली मजार को हाथ तक लगाने की हिम्मत नहीं हुई है …..! 🤔 अभी भी समझ नहीं पा रहे हो हिंदुओ , अभी भी समय है, जाग जाओ और एकजुट हो जाओ”
वहीं इस वीडियो को कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स शेयर कर रहे हैं।
फैक्ट चेकः
वायरल हो रहे वीडियो का फैक्ट चेक करने के लिए कई पहलूओं पर जांच की। हमें इस संदर्भ में एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में वायरल वीडियो को जनार्दन मूर्ति नाम के यूजर ने 5 मार्च 2020 को पोस्ट किया था। इस पोस्ट में मूर्ति ने दावा किया था- “इंद्रकीलाद्रि पहाड़ी की तलहटी में ऐतिहासिक विजयेश्वरलयम – विजयवाड़ा में श्री दुर्गा माता मंदिर के निवास को आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा ध्वस्त किया जा रहा है”
हमने इस संदर्भ में जांच को और आगे बढ़ाया। हमें Sri Rakesh Kurapati नाम के एक यूजर का फेसबुक पोस्ट मिला। इस पोस्ट को 6 मार्च 2020 को किया गया था। इस पोस्ट में एक अखबार की कटिंग की शेयर करते हुए उन्होंने लिखा- “इस अखबार की कटिंग को देखो और फेक न्यूज फैलाना बंद करो”
यह अखबार की कटिंग को हमने ट्रांसलेट किया तो उसका अनुवाद सामने आया कि यह वीडियो विजयवाड़ा में श्री विजयेश्वर मंदिर में की गई विकासकार्यों का है। मंदिर के क्षेत्र को बढ़ाने और उसका जीर्णोद्धार करने के लिए मंदिर को दूसरे हिस्सों को गिराया जा रहा है। वहीं इस रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि मंदिर के जीर्णोद्धार को लेकर भ्रामक दावे किए जा रहे हैं।
वहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स में भी इस मंदिर के जीर्णोद्धार की खबरें प्रकाशित की गई हैं।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट हो रहा है कि सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा गलत है। क्योंकि मंदिर को गिराया नहीं जा रहा बल्कि उसका जीर्णोद्धार किया जा रहा है।