सोशल मीडिया पर आज़ाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को लेकर तरह तरह के दावे किये जाते हैं। इन्हीं दावों में से फ़िलह़ाल एक दावा जमकर वायरल हो रहा है। इस दावे में कहा जा रहा है कि पंडित नेहरू ने ख़ुद को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया।
नेहरू की एक तस्वीर शेयर करते हुए, एक ट्विटर यूज़र ने लिखा,‘जवाहरलाल नेहरू इतने विनम्र थे, उन्होंने पद पर रहते हुए वर्ष 1955 में सिर्फ़ ख़ुद को भारत रत्न नवाज़ा। #Nehru’
इसी तरह कई और यूज़र्स ने वायरल दावे को शेयर किया है।
फ़ैक्ट चेक
‘भारत रत्न’ भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। ये 1954 में स्थापित किया गया था और इससे किसी भी पात्र व्यक्ति को जाति, व्यवसाय, पोज़ीशन या लिंग के भेद के बिना सम्मानित किया जाता है। यह मानव प्रयास के किसी भी क्षेत्र में असाधारण सेवा/उच्चतम क्रम के प्रदर्शन की मान्यता में दिया जाने वाला भारत का सबसे बड़ा सिवीलियल अवार्ड है।
जवाहरलाल नेहरू को 1955 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। edtimes.in की एक रिपोर्ट के अनुसार,“जब पंडित नेहरू सोवियत संघ की अपनी 16 दिनों के लंबे दौरे से वापस आए, वे दिल्ली पहुंचे, और डॉ प्रसाद हवाई अड्डे पर उनसे मिलने गए। कई लोग उन्हें देखने, उनके आगमन का जश्न मनाने और उनका भाषण सुनने के लिए एयरपोर्ट पर आए।
राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने उनके आगमन के बाद राष्ट्रपति भवन में भोज का आयोजन किया। सभी मेहमानों के बीच, प्रसाद ने नेहरू को ‘हमारे समय में शांति के एक महान वास्तुकार’ के रूप में संदर्भित किया। उन्होंने आगे नेहरू को भारत रत्न, प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित करने की ख़बर की घोषणा की।
दावत में उन्होंने कहा, “जवाहर सचमुच एक भारत रत्न हैं। औपचारिक रूप से उन्हें हम ‘भारत रत्न’ क्यों नहीं देते? उन्होंने शांति की नींव रखी है और आप देखेंगे कि यह दौरा ऐतिहासिक महत्व का साबित होगा। उन्हें नेहरू पर गर्व है कि उनके प्रयासों से भारत अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मज़बूत स्थिति में है।”
इसके अलावा, यह पहली बार नहीं है जब यह दावा वायरल हो रहा है। द् वायर ने 2018 में इस तरह के दावे का खंडन में एक रिपोर्ट पब्लिश की है। इस रिपोर्ट में, यह ज़िक्र किया गया है कि,“न्यूज़पेपर्स ने रिपोर्ट किया है कि राष्ट्रपति ने खुद स्वीकार किया कि उन्होंने असंवैधानिक रूप से काम किया था क्योंकि उन्होंने अपने प्रधान मंत्री से या कैबिनेट से किसी भी सिफारिश या सलाह के बिना सम्मान प्रदान करने का फैसला किया था।
निष्कर्ष
DFRAC के इस फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि सोशल मीडिया यूज़र्स का ये दावा कि प्रधान मंत्री के पद पर रहते हुए नेहरू ने खुद को ‘भारत रत्न’ से नवाज़ा, संदर्भहीन और भ्रामक है।
दावा: नेहरू ने खुद को ‘भारत रत्न’ से नवाज़ा
दावाकर्ता: सोशल मीडिया यूज़र्स
फ़ैक्ट चेक: भ्रामक