हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 15 राज्यों में कार्रवाई करते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई सदस्यों को हिरासत में लिया है। इस कार्रवाई के विरोध में देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन भी हुए। इन प्रदर्शनों के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमे कुछ युवकों को नारे लगाते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के हवाले से दावा किया गया कि पीएफ़आई कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।
इस वीडियो को सबसे पहले न्यूज़ एजेंसी ANI ने शेयर किया। साथ ही लिखा कि #देखें! महाराष्ट्र: पुणे शहर में जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर कल ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे सुने गए, जहां पीएफआई के कार्यकर्ता अपने संगठन के खिलाफ हाल ही में ईडी-सीबीआई-पुलिस की छापेमारी के खिलाफ एकत्र हुए थे। कुछ कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया; उन्हें आज सुबह गिरफ्तार कर लिया गया।
वहीं राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल टाइम्स नाऊ ने भी अपनी रिपोर्ट में ऐसा ही दावा किया। अपने ट्वीट में टाइम्स नाऊ ने लिखा – #PFIrevengeRiot कट्टरपंथी संगठन के सदस्यों को हिरासत में लिए जाने के बाद #Pune में #PFI विरोध रैली में “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगे- #PFI
इसके अलावा ज़ी न्यूज़ की एंकर शिवांगी ठाकुर ने भी कुछ ऐसा ही दावा किया। वीडियो को शेयर करते हुए उन्होने लिखा – महाराष्ट्र के पुणे में #PFI की विरोध रैली में “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगे।
इसी तरह का दावा आज तक के एंकर शुभांकर मिश्रा ने भी किया। उन्होने वीडियो को शेयर करते हुए अपने ट्वीट में लिखा कि पुणे में PFI की रैली में लगे ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे, 60-70 लोगों की मौजूदगी थी।
इतना ही नहीं कई बड़े मीडिया हाउस ने इस वीडियो के आधार पर रिपोर्ट भी प्रकाशित की।
फैक्ट चेक:
उपरोक्त दावे की जांच के लिए DFRAC टीम ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्यानपूर्वक सुना। टीम को पूरे वीडियो में पाकिस्तान जिंदाबाद नहीं बल्कि पॉपुलर फ्रंट जिंदाबाद सुनाई दिया।
इसके साथ ही हमें हमारी जांच के दौरान द फ्री प्रेस जनरल की एक रिपोर्ट भी मिली। जिसमे पुणे पुलिस के हवाले से बताया गया कि पाकिस्तान जिंदाबाद नारे लगाने के दावा झूठा है। रिपोर्ट में बताया गया कि पुलिस उपायुक्त सागर पाटिल ने पहले कहा, “हमने पहले ही अवैध रूप से इकट्ठा होने के लिए पीएफआई सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और हम नारेबाजी के मामले को देख रहे हैं।” हालांकि पुलिस ने अब कहा है कि दावा झूठा है।
निष्कर्ष:
अत: पीएफ़आई कार्यकर्ताओं के पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने का दावा फेक है।