प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 सितंबर 2021 को कोच्चि में भारतीय नौसेना के नए ध्वज का अनावरण किया। भारतीय नौसेना के ध्वज से सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की मुहर से प्रेरित एक अष्टकोणीय ढाल जोड़ा गया था, जिसमें राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा शामिल था और लंगर के ऊपर प्रतीक। इसके नीचे भारतीय नौसेना का आदर्श वाक्य ‘शाम न वरुणः’ लिखा था। पहले ध्वज के केंद्र में राष्ट्रीय चिन्ह के साथ सेंट जॉर्ज क्रॉस और उसके नीचे ‘सत्यमेव जयते’ लिखा हुआ था।
इस परिवर्तन को ऐतिहासिक माना गया क्योंकि कई लोगों ने दावा किया कि यह एक संकेत है कि भारतीय औपनिवेशिक काल के सभी सिंबल (निशानियों) को ख़त्म कर रहे हैं। यह कई मीडिया घरानों और दक्षिणपंथियों के लिए भी बहस का विषय था क्योंकि इससे पहले 2001 में भी तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान भारतीय नौसेना का झंडा बदल दिया गया था और औपनिवेशिक प्रतीक, सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटा दिया गया था। लेकिन कुछ कारणों से 2004 में फिर से भारतीय नौसेना के झंडे को बदल दिया गया और सेंट जॉर्ज क्रॉस को वापस जोड़ दिया गया।
इसके लिए न्यूज़ चैनलों और बीजेपी नेताओं ने यूपीए सरकार और तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह समेत कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराया।
आज तक के एंकर सुधीर चौधरी ने अपने शो ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ में भी यही दावा किया है। इसे नीचे दिए गए वीडियो में सुना जा सकता है।
दैनिक जागरण ने भी यही दावा करते हुए हेडलाइन, “ndian Navy New Ensign: पहले भी बदला था नौसेना ध्वज, कांग्रेस वापस लाई थी गुलामी का प्रतीक जॉर्ज क्रॉस” के तहत न्यूज़ पब्लिश की है।
रेडिट आप के पेज इंडिया स्पीक्स और बीजेपी गोवा ने भी इसी दावे के साथ एक तस्वीर पोस्ट की है।
फ़ैक्ट चेक:
यूपीए सरकार द्वारा नौसेना के झंडे पर ‘सेंट जॉर्ज क्रॉस’ जोड़ने के दावे की पड़ताल करने के लिए, DFRAC टीम ने Google पर कुछ की-वर्ड की मदद से सर्च किया और टीम को वेबसाइट fandom.com द्वारा पब्लिश एक रिपोर्ट मिली।
इस रिपोर्ट में बताया गया है,“2001 में, इस झंडे को भारतीय नौसेना के शिखर वाले एक सफेद ध्वज के साथ बदल दिया गया था, क्योंकि पिछले ध्वज को भारत के औपनिवेशिक अतीत को प्रतिबिंबित करने वाला समझा जा गया था। हालांकि शिकायतें सामने आईं कि नया ध्वज नौसेना शिखर के नीले रंग के रूप में शिनाख़्त के क़ाबिल नहीं है क्योंकि ये रंग नीली होन के कारण आसानी से आकाश और समुंद्र के साथ मिल जाता। इसलिए 2004 में, क्रॉस के बीच में भारत के प्रतीक को जोड़ने के साथ, इसको सेंट जॉर्ज क्रॉस डिज़ाइन में वापस बदल दिया गया था।”
इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि झंडा बदलने की आवश्यकता क्यों पड़ी, लेकिन अभी भी ये जानने के लिए कि क्या यूपीए सरकार की वजह से भारतीय नौसेना के झंडे को बदला गया था या नहीं, टीम ने फिर कुछ की-वर्ड सर्च किया और इसे reddif.com पर एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि 25 अप्रैल 2004, भारतीय नौसेना कुछ भारतीय चीज़ों के साथ क्रॉस को वापस ले आई।
इसके बाद टीम ने ये जानने की कोशिश की कि डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री पद की कब शपथ ली थी तो हमने पाया कि विकीपीडिया पेज के अनुसार डॉ. सिंह ने 22 मई 2004 को शपथ ली थी।
निष्कर्ष:
DFRAC के इस फ़ैक्ट चेक से स्पष्ट है कि विभिन्न मुख्यधारा की मीडिया हाउसेज़, न्यूज़ वेबसाइट्स और बीजेपी के नेताओं द्वारा किया गया दावा भ्रामक है क्योंकि सबसे पहले, जिस तारीख़ को भारतीय नौसेना के झंडे को बदलने का निर्णय लिया गया था वो 25 अप्रैल 2004 की तारीख़ थी, उस समय बीजेपी की सरकार थी और मनमोहन सिंह ने 22 मई 2004 को शपथ ली थी।
दूसरे, नया फ़्लैग अप्रभेद्य था क्योंकि नीला रंग होने के कारण ये आसानी से आकाश और समुद्र के साथ मिल जाता था। कई शिकायतें भी आई थीं इसलिए बदलाव की आवश्यकता थी।