हाल ही में गुजरात सरकार द्वारा 12 अगस्त को 24 और 23 अगस्त 2022 को 40 हिंदू शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान की गई है। सोशल मीडिया में इसे प्रचारित कर दावा किया जा रहा कि राजस्थान से 2 साल में 1500 हिंदू शरणार्थी वापस लौट गए।
Triloki Nath Chaudhary ने ट्वीट किया,“गुजरात के गृह मंत्री ने 24 पाकिस्तानी हिंदुओं को दी भारत की नागरिकता, राजस्थान से 2 साल में वापस लौटे 1500 हिंदू शरणार्थी।”
इसी तरह यही दावा कई सोशल मीडिया यूज़र्स कर रहे हैं।
फ़ैक्ट चेक
इस दावे की जांच-पड़ताल के लिए हमने इंटरनेट पर संबधित की-वर्ड की मदद से एक सिंपल सर्च किया। हमें पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों पर मीडिया हाउसेज़ द्वारा पब्लिश कई रिपोर्ट्स मिलीं।
नवभारत टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में अधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि 34 पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थी वापस लौट गए हैं। इस रिपोर्ट में सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिन्दू सिंह सोढा का बयान दर्ज है कि केन्द्र और राज्य सरकार की ढिलाई के कारण पिछले डेढ़ साल में 1500 से ज्यादा पाक हिन्दू शरणार्थियों को मजबूरी में पाकिस्तान वापस जाना पड़ा। क़रीब 25 हज़ार पाकिस्तानी हिन्दू ऐसे हैं, जो 10-15 सालों से भारत में शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं।
ध्यान रहे कि सोढा द्वारा दिया गया आंकड़ा ग़ैर-प्रमाणित है। राजस्थान पाकिस्तान की बॉर्डर से लगा, भारतीय राज्य है, इसलिए अधिकतर पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी पहले राजस्थान आते हैं।
आज तक द्वारा 18 जनवरी 2020 को शीर्षक, “राजस्थान में कांग्रेस सरकार का फैसला- PAK से आए हिंदू शरणार्थियों को आधी क़ीमत में ज़मीन” के तहत पब्लिश रिपोर्ट में बताया गया है कि राजस्थान में एक लाख से ज्यादा पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी रह रहे हैं, जिनके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुरू से नागरिकता देने की पैरवी करते रहे हैं। वो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और PM मोदी के साथ ये मामला उठा चुके हैं।
वहीं दैनिक भास्कर ने पिछले साल यानी 07 अक्टूबर 2021 को शीर्षक,“राजस्थान में 13 हजार पाक विस्थापितों को मिलेगी नागरिकता:6 जिलों में बसे पाक विस्थापितों के लिए 8 अक्टूबर से 26 नवम्बर तक लगेंगे विशेष कैम्प, सालों बाद मिलेगी भारतीय नागरिकता” के तहत रिपोर्ट पब्लिश की, जिसमें में बताया गया कि- “राजस्थान सरकार की ओर से अब तक 2 हजार 393 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता दी जा चुकी है।”
इस रिपोर्ट में नागरिकता मिलने की औपचारिकताओं के बारे में बताया गया है। दर असल पहले नागरिकता कानून 1955 के अनुसार भारतीय नागरिकता के लिए 12 साल तक रहना अनिवार्य था जिसे नागरिकता संशोधन कानून 2014 (सीएए) लाकर 6 साल कर दिया गया है।
निषकर्ष
DFRAC के इस फ़ैक्ट चेक से स्पष्ट है कि राजस्थान में पिछले दो सालों में पाक हिन्दू शरणार्थियों को नागरिकता दी गई है। तथ्य ये है कि सबसे ज़्यादा पाक हिन्दू शरणार्थी राजस्थान में ही रह रहे हैं और नागरिकता दिये जाने की औपचारिकता की अवधि 12 से 6 साल हो ज़रूर हो गई है मगर तत्काल नागरिकता दिये जाने का प्रावधान अभी भी नहीं है, इसलिए सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा किया जा रहा दावा भ्रामक है।
दावा : 2 साल में 1500 हिंदू शरणार्थी वापस लौट गए
दावाकर्ता : सोशल मीडिया यूज़र्स
फ़ैक्ट चेक : भ्रामक