मुग़लों का चर्चा भारतीय समाज में हमेशा बना रहता है। दिल्ली स्तिथ लाल क़िला को लेकर सोशल मीडिया साइट्स पर यूज़र्स, दावा कर रहे हैं कि इसे अनंगपाल द्वितीय ने बनवाया था।
कुलदीप शर्मा नामक यूज़र ने ट्वीट किया, “दिल्ली का लाल क़िला राजा अनंगपाल तोमर ने सन 1052 में बनवाया था, वह पृथ्वीराज चौहान के नाना थे। फिर हमें क्यों पढ़ाया जाता है कि लाल क़िला शाहजहाँ ने बनवाया था? ग़लत इतिहास को बदलना होगा।”
दिल्ली का लाल क़िला राजा अनंगपाल तोमर ने सन 1052 में बनवाया था, वह पृथ्वीराज चौहान के नाना थे।
फिर हमें क्यों पढ़ाया जाता है कि लाल क़िला शाहजहाँ ने बनवाया था?
ग़लत इतिहास को बदलना होगा।— कुलदीप शर्मा (@ksekuldeep) October 12, 2021
Wings & Trails नामक ट्विटर यूज़र ने लिखा, “#लाल_किले_का_सच हमें पढ़ाया जाता है कि दिल्ली का लाल किला शाहजहाँ ने बनवाया था। लेकिन लाल किला शाहजहाँ के जन्म से सैकड़ों वर्ष पूर्व “महाराज अनंगपाल तोमर द्वितीय” द्वारा दिल्ली को बसाने के क्रम में ही बनाया गया था। महाराज अनंगपाल तोमर कोई और नहीं बल्कि महाभारत के अभिमन्यु Cont’d”
https://twitter.com/Wings35539354/status/1526439086810009600
Rajput’s Of INDIA ने दावा किया,“लाल किला भी पृथ्वीराज चौहान जी के नाना अनंगपाल_तोमर जी ने बनवाया था। हम राजपूत है बेटे, थारे बाप #RajputSamratPrithvirajChauhan #राजपूत_सम्राट_पृथ्वीराज_चौहान”
लाल किला भी पृथ्वीराज चौहान जी के नाना अनंगपाल_तोमर जी ने बनवाया था।
हम राजपूत है बेटे😆😆😆 थारे बाप #RajputSamratPrithvirajChauhan#राजपूत_सम्राट_पृथ्वीराज_चौहान
— Rajput's Of INDIA (@rajput_of_india) May 27, 2022
क्षत्रिय राजपूताना पाठकपुर ने भेसबूक यही लेख पोस्ट किया है।
वहीं इन ट्वीट्स में लिखे गये वाक्य को गूगल पर सर्च करने पर हमने पाया कि लाल क़िला अनंगपाल द्वारा बनाये जाने का दावा कई वेबसाइट्स पर पब्लिश आर्टिकल में भी किया गया है।
news4social.com ने लिखा है, “ज्यादातर लोगों के ये पता है कि दिल्ली का लालकिला शाहजहाँ ने बनवाया था और अक्सर यही पढ़ाया भी जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है और दिल्ली का लालकिला शाहजहाँ के जन्म से सैकड़ों साल पहले ही बन चुका था। लालकिले के कुछ ऐसी पुरानी चीजों के मिलने से यह अंदाज़ा भी लगाया गया है कि यह पहले से ही बना हुआ था।”
वेबसाइट kreately.in ने अग्रेज़ी में एक आर्टिकल पब्लिश कर लगभग यही दावा किया है।
hinduismsanatan.com ने दावा किया है कि पद्मविभूषण प्रो. बृजबासी लाल ने इस पर काफी शोध किया है, पुस्तक भी लिखी है। hinduismsanatan.com ने सवाल उठाया है कि इंद्रप्रस्थ के आंचल में ढिल्लिकापुरी बसी, फली-फूली और आज तक चली आ रही है दिल्ली के रूप में, यह कितने लोग जानते हैं?
फ़ैक्ट चेक:
लाल क़िला को लेकर किया जा रहे दावे की पड़ताल करने के लिए हमने गूगल पर एक सिंपल सर्च किया। इस दौरान हमने पाया कि शिक्षा से जुड़े मामलों पर केन्द्रीय सरकार एवं प्रान्तीय सरकारों को सलाह देने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा स्थापित ‘राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद’ (एनसीआरटी) की वेबसाइट और टेक्स्ट बुक में है कि Mughal Emperor Shah Jahan worked red Fort in New Delhi, India, in 1648. यानी शाहजहां ने 1648 में दिल्ली में लाल क़िला बनवाया।
साथ ही एनसीआरटी द्वारा ये भी बताया गया है कि लाल किले को यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल घोषित किया है।
पाँचवाँ मुग़ल बादशाह शाहजहाँ, कश्मीर से लेकर दक्कन तक और उत्तर-पश्चिम सीमा प्रांत से लेकर बंगाल तक के विशाल प्रदेशों का शासक था। उसने 1638 में 10 साल सत्ता में रहने के बाद अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित करने का फैसला किया।
ताजमहल के वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी को दिल्ली में शाही इमारतों के डिज़ाइन का काम सौंपा गया। उस्ताद हमीद उनके साथी थे। यमुना नदी के किनारे किले में इन निर्माणों को एक नाम दिया गया, क़िला-ए-मुबारक।
वहीं बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट में इनायत खान की पुस्तक ‘शाहजहां नामा’ का हवाला देकर बताया गया है कि किले का निर्माण कार्य शुक्रवार 9 मुहर्रम (यानी 13 मई 1638) को शुरू हुआ था। इसे पूरा करने में 9 साल, 2 महीने और कुछ दिन लगे और 60 लाख रुपये खर्च हुए।
ज्ञातव्य हो कि इनायत खान के पिता ज़फर खान जहांगीर के मंत्री थे।
इतिहास में कहीं भी ऐसा नहीं मिलता कि जिसकी बुनियाद पर कहा जा सके कि शाहजहां ने अनंगपाल द्वितीय द्वारा लाल क़िले का निर्माण किया गया है।
अनंगपाल द्वितीय ने जिस क़िले का निर्माण करवाया था, उसकी निशानियां अभी भी मौजूद हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, “राजनीतिक लिहाज़ से बात करें तो दिल्ली को ख्याति एक तोमर शासक, अनंगपाल के शासन में मिली। अनंगपाल ने दिल्ली के लालकोट को स्थापित किया, जिसकी निशानियां महरौली में आज भी देखी जा सकती हैं, जिसे बाद में किला राय पिथौड़ा के नाम से जाना गया और यही दिल्ली सल्तनत का पहला शहर बना।”
पुरानी दिल्ली (शाहजानाबाद) स्तिथ लाल क़िले से महरौली के बीच की दूरी लगभग 22 किलोमीटर है।
निषकर्ष:
DFRAC के इस फ़ैक्ट चेक से स्पष्ट है कि शाहजहां ने 1648 में लाल क़िला बनवाया था, इसलिए यूज़र्स द्वारा किया जा रहा दावा कि शाहजाहां से 300 साल पहले ही अनंगपाल द्वितीय द्वारा बनाया गया था, फ़ेक और भ्रामक है, क्योंकि अनंगपाल द्वितीय ने लालकोट (किला राय पिथौड़ा) का निर्माण करवाया था, लाल क़िले का नहीं।
दावा: अनंगपाल द्वितीय ने बनवाया था दिल्ली का लाल क़िला
दावाकर्ता: सोशल मीडिया यूज़र्स
फ़ैक्ट चेक: फ़ेक और भ्रामक