हाल ही में बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट को लेकर अशोभनीय हैशटैग और जजों के बारे में सोशल मीडिया यूज़र्स, कई तरह के भ्रामक दावे करते देखे जा सकते हैं।
Raj Sharma नामक यूज़र नें फ़ेसबुक पर कैप्शन,“पारदीवाला (J.B.Pardiwala) अपने नमक का हक़ अदा कर रहा है।” के साथ एक लम्बी स्क्रीनशॉट पोस्ट किया है।
इस स्क्रीनशॉट में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कुछ लोगों को देखा जा सकता है। स्क्रीनशॉट पर टेक्स्ट लिखा है,“यह रहा जस्टिस जे बी पारदीवाला (J.B.Pardiwala), जिन्होंने रियाज़ के हाथ में गर्दन काटने वाली चाकू के लिए नूपुर शर्मा को ज़िम्मेदार बताया , पहचानिए , ये माननीय 80 के दशक में कांग्रेसी एमएलए रह के, सातवें गुजरात विधानसभा के स्पीकर भी रहे है हैं और सोचिए कि भारत की न्यायपालिका की साख का दम क्यों घुट रहा है?”
स्क्रीनशॉट के निचले हिस्से में डॉयलॉग के सीक्वेंस में लिखा है:
“जस्टिस- मैडम देखा मेरे न्याय का कमाल? मिलाओ हाथ।
मैडम- अभी नहीं, अभी तो तुमको कमाल करना पड़ेगा। समझे?”
इसी तरह, या इससे मिलते जुलते पोस्ट, अन्य यूज़र्स ने भी फ़सबुक पर किये हैं।
वहीं Bharatendranath suryanath ram . जय श्री राम नामक यूज़र ने,“यह पोस्ट आदरणीय महामहिम राष्ट्रपति जी प्रधानमंत्री जी व सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को प्रेषित किया जा रहा है। जस्टिस जे बी पारदीवाला (J.B.Pardiwala) ने बहुसंख्यक समुदाय हिन्दुओं को आहत करने वाला ग़ैरजिम्मेदाराना बयान दिया है, त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने हेतु अपेक्षा की जा रही है।” लिखकर अश्विनी झा के ट्वीट को कोट रिट्वीट किया है।
अश्विनी झा ने ट्वीट में लिखा है,“यही हैं “जस्टिस जे बी पारदीवाला (J.B.Pardiwala)” जिन्होंने रियाज के हाथ में गर्दन काटने वाली चाकू के लिए नूपुर शर्मा को ज़िम्मेदार बताया। पहचानिए, इनके पिता 80 के दशक में कांग्रेसी MLA रहे हैं और गुजरात के सातवें विधानसभा में स्पीकर भी। सोचिए कि भारत की न्यायपालिका की साख का दम क्यों घूंट रहा है?”
फैक्ट चेक:
इंटरनेट पर उपरोक्त तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने इसे गेट्टी इमेजेज़ की वेबसाइट पर पाया।
इस तस्वीर के विवरण में शीर्षक, “भारतीय राजनीति और शासन” के साथ बताया गया है कि नई दिल्ली में भारत के नए मुख्य न्यायाधीश केजी बालकृष्णन को तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी बधाई दे रहे हैं। साथ ही यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को भी राष्ट्रपति भवन में बालकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह के बाद देखा जा सकता है। ये तस्वीर हिंदुस्तान टाइम्स के संजीव वर्मा ने 14 जनवरी 2007 को अपने कैमरे में क़ैद की थी।
यूज़र्स इसी तस्वीर का इस्तेमाल कर जस्टिस पारदीवाला (J.B.Pardiwala) की अशोभनीय आलोचना कर रहे हैं, जबकि तस्वीर में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश केजी बालकृष्णन हैं।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध जस्टिस जेबी पारदीवाला (J.B.Pardiwala) की प्रोफाइल में बताया गया है कि उनका जन्म साल 1965 में मुंबई में हुआ था। उनके पिता, दादा और परदादा सभी वकील थे। यहां यह भी ज़िक्र किया गया है कि जेबी पारदीवाला (J.B.Pardiwala) के पिता बुर्जोर कवासजी पारदीवाला सातवीं गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष (स्पीकर) रह चुके हैं।
गुजरात विधानसभा की वेबसाइट से पता चलता है कि बुर्जोर कावासजी पारदीवाला 1 जनवरी 1990 से 16 मार्च 1990 तक स्पीकर थे।
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर बुर्जोर कावासजी पारदीवाला के 1985 के गुजरात विधानसभा चुनाव में वलसाड से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीतने की जानकारी दी गई है।
वहीं बिज़नेस स्टैंडर्ड ने 30 अप्रैल 2015 को एक रिपोर्ट में बुर्जोर कावासजी पारदीवाला के देहांत की ख़बर दी गई है।
निष्कर्ष:
DFRAC के इस फ़ैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल तस्वीर में जस्टिस पारदीवाला (J.B.Pardiwala) नहीं बल्कि जस्टिस केजी बालाकृष्णन हैं। हमने यह भी पाया कि जस्टिस पारदीवाला कभी राजनीति में आए ही नहीं। वो पेशे से वकील थे और इसके बाद जज बनें। इसलिए यूज़र्स फ़ेक दावे के साथ उस तस्वीर और स्क्रीनशॉट को वायरल कर रहे हैं।
दावा: बीजेपी की पूर्व नेता नुपुर शर्मा को फटकार लगाने वाले बेंच में शामिल जस्टिस पारदीवाला थे कांग्रेस MLA
दावाकर्ता: सोशल मीडिया यूज़र्स
फ़ैक्ट चेक: फ़ेक
- फैक्ट चेकः नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी का भ्रामक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
- नुपूर शर्मा के रिश्तेदार को Z सुरक्षा देने के लिए अमित शाह ने CM धामी को लिखा पत्र? पढ़ें- फैक्ट चेक
(आप #DFRAC को ट्विटर, फ़ेसबुक, और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)