सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे तस्वीरों के एक कोलाज में नैनीताल में हिंदुओं की तुलना में मुसलमानों की ज़्यादा आबादी दिखाई जा रही है। इस कोलाज की पहली तस्वीर के कैप्शन में, “नैनीताल 2010” लिखा हुआ है, जिसमें सड़क पर बहुत कम लोग नज़र आ रहे हैं।(हिन्दु आबादी को दर्शाते हुए)
वहीं, दूसरी तस्वीर में काफी संख्या में लोग नमाज़ अदा कर रहे हैं। उस तस्वीर के ऊपर कैप्शन “नैनीताल 2022” लिखा हुआ है। (मुस्लिम आबादी को दर्शाते हुए)
कई यूज़र्स इस तस्वीर को कैप्शन “जो जानने वाले हैं, वो जानते हैं” के साथ शेयर कर रहे हैं।
फ़ैक्ट चेक:
हमने वायरल हो रहे कोलाज की सत्यता की जांच के लिए सर्च किया। हमें दोनों तस्वीरें अलग-अलग वेबसाइट्स पर मिलीं। पहली तस्वीर indianholiday.com नाम के एक टूरिस्ट वेबसाइट की है, जिसमें यादगार ट्रिप के लिए नैनीताल के माल रोड पर स्थित टॉप 10 होटलों को दिखाया गया है।
वहीं दूसरी तस्वीर न्यूज़ वेबसाइट aljazeera.com पर मिली। यह तस्वीर भारत की नहीं बल्कि बांग्लादेश में आयोजित एक मुस्लिम सभा की है। तस्वीर के कैप्शन में लिखा था,“दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम सभा में लाखों लोगों ने शिरकत की।”
निष्कर्ष:
वायरल कोलाज का फैक्ट चेक करने के बाद तथ्य सामने आया कि-
1- इस कोलाज को दो अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर बनाया गया है।
2- मुस्लिम आबादी को दर्शाने वाली तस्वीर नैनीताल की नहीं बल्कि बांग्लादेश की है। 3- नैनीताल में हिन्दू समुदाय से ज्यादा मुस्लिम समुदाय की आबादी नहीं है। जनसंख्या वेबसाइट के अनुसार 2010 नैनीताल में मस्लिमों की आबादी 1 लाख 20 हजार 742 थी, जिसका का प्रतिशत सिर्फ 12.66% है। जो 2022 में बढ़कर अनुमानतः 1 लाख 40 हजार 61 हो जाएगी। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा फ़ेक है।
दावा: नैनीताल में मुस्लिम आबादी हिंदू आबादी से अधिक है। दावाकर्ता: सोशल मीडिया यूज़र्स फैक्ट चेक: फ़ेक |