Mahinda Rajapaksa

फैक्ट चेक: Mahinda Rajapaksa के बारे में फर्जी दावे के साथ एनटीडीवी के एक लेख का स्क्रीनशॉट वायरल। पूरी कहानी पढ़ें

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NDTV के लेख का एक स्क्रीनशॉट इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। लेख में दावा किया गया है कि श्रीलंका के पूर्व प्रधान मंत्री  Mahinda Rajapaksa ने हिंदू पत्रकारों को LTTE के पुनरुत्थान के बारे में नकली समाचार बनाने के लिए पैसे दिया। आगे आर्टिकल को शेयर करते हुए @Lankan2020 ने लिखा, “NDTV गलत नहीं हो सकता #SriLankaProtests #GoHomeRajapakshas।”

इसी तरह कई और सोशल मीडिया यूजर्स ने भी इस पोस्ट को इसी शेयर किया।फैक्ट चेक

हमारे फ़ैक्ट चेक विश्लेषण के लिए हमने कीवर्ड रिसर्च किया लेकिन हमें NDTV द्वारा प्रकाशित ऐसी कोई खबर नहीं मिली ।

इसके अलावा, गूगल रिवर्स इमेज सर्च पर हमें NDTV का एक और लेख मिला। लेख में वही तस्वीर का उसी तस्वीर का इस्तेमाल किया जो वायरल लेख में थी, लेकिन शीर्षक,”श्रीलंका कोर्ट ने पूर्व पीएम  Mahinda Rajapaksa, के सहयोगी दलों के देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया” था।

इसलिए, लेख को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया था।

साथ ही, हमें @CassilingamG और @Suparna_ Singh (जो की  NDTV कार्यकर्ता है) के वेरिफाइड खातों से ट्वीट मिले हैं जो की इस बात की पुस्ति करते है कि वाइरल लेख संपादित हैं।

https://twitter.com/CassilingamG/status/1525742879485792256/

 

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निष्कर्ष

एनडीटीवी ने यह खबर पोस्ट नहीं की है कि महेंद्रराज पाक्सा LTTE के पुनरुत्थान के बारे में फर्जी खबरें बनाने के लिए हिंदू पत्रकारों को धन मुहैया कराती है। इसलिए यूजर्स के दावे झूठे हैं।

दावा : NDTV ने इस शीर्षक के साथ एक लेख प्रकाशित किया कि श्रीलंका के पूर्व प्रधान मंत्री एम राजपक्षे ने हिंदू पत्रकारों को लिट्टे के पुनरुत्थान के बारे में नकली समाचार बनाने के लिए धन दिया।

द्वारा दावा किया गया : सोशल मीडिया उपयोगकर्ता

फैक्ट चेक : फेक