ट्वीटर पर बीजेपी सांसद रवि किशन( Ravi Kishan) ने एक ट्वीट किया। रवि किशन के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स उनके मजे लेने लगे। दरअसल उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में बिहार के रहने वाले गौरांग कंठ को जज बनाए जाने पर पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। रवि किशन के ट्वीट से ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने जज को नियुक्त किए जाने का श्रेय सीधे-सीधे पीएम मोदी को दे दिया है।
उन्होंने ट्वीट किया- “पहली बार दिल्ली हाई कोर्ट में बिहार के किसी शख़्स को जज नयुक्त किया गया है। thanks यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @NarendraModi जी। आपको समस्त बिहार की और से दिल से धन्यवाद। गौरांग कंठ जी जिनके माता पिता जी आज भी पटना में ही रहते हैं, और समस्त बिहार को भी बधाई”
पहली बार दिल्ली हाई कोर्ट में बिहार के किसी शख़्स को जज नयुक्त किया गया है
thanksयशस्वी प्रधानमंत्री श्री @NarendraModi जी आपको समस्त बिहार की और से दिल से धन्यवाद 🙏
गौरांग कंठ जी जिनके माता पिता जी आज भी पटना में ही रहते हैं, और समस्त बिहार को भी बधाई 🙏— Ravi Kishan (Modi Ka Parivar) (@ravikishann) May 13, 2022
फैक्ट चेकः
सांसद रवि किशन के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने जमकर मजे लिए। कई यूजर्स ने उनको जजों की नियुक्ति के नियम और कानून भी बताए। जाकिर अली त्यागी नाम के यूजर ने लिखा- “@ravikishann भारतीय संविधान के अनुच्छेद 217 के मुताबिक़, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश और संबंधित राज्य के राज्यपाल के परामर्श के आधार पर की जाती है! ख़ैर आपने अच्छा बताया कि PMO ही जजों को नियुक्त कर रहा है”
@ravikishann भारतीय संविधान के अनुच्छेद 217 के मुताबिक़, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश और संबंधित राज्य के राज्यपाल के परामर्श के आधार पर की जाती है!
ख़ैर आपने अच्छा बताया कि PMO ही जजों को नियुक्त कर रहा है— Zakir Ali Tyagi (@ZakirAliTyagi) May 14, 2022
एक और यूजर ने लिखा- “रवि किशन जी हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की पॉवर प्रधानमंत्री के पास नहीं होती , सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्मित कॉलिजियम जजों का चयन करती है और उस लिस्ट को राष्ट्रपति के पास नियुक्ति के लिए भेजती है।”
रवि किशन जी हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की पॉवर प्रधानमंत्री के पास नहीं होती , सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्मित कॉलिजियम जजों का चयन करती है और उस लिस्ट को राष्ट्रपति के पास नियुक्ति के लिए भेजती है।
— ajay shankar pandey🇮🇳 (@AjayAjayshank) May 14, 2022
वहीं अनुप मैथिल नाम के यूजर ने रवि किशन के पहले बिहारी जज होने के दावे का फैक्ट चेक करते हुए लिखा- “भाजपा में नमुना खोजेंगे एक, मिलेगा हजार। मैथिल दिल्ली हाई कोर्ट सहित सुप्रिम कोर्ट के जज तक बन चुके है। दिल्ली के पहले राज्यपाल आदित्यनाथ झा भी मैथिल थे। आप मूर्ख लोग मिथिला को बिहार का पार्ट नही मानते हो”
भाजपा में नमुना खोजेंगे एक मिलेगा हजार
मैथिल दिल्ली हाई कोर्ट सहित सुप्रिम कोर्ट के जज तक बन चुके है।
दिल्ली के पहले राज्यपाल आदित्यनाथ झा भी मैथिल थे।
आप मूर्ख लोग मिथिला को बिहार का पार्ट नही मानते हो।
— CA Anup Maithil (@MaithilAnup) May 15, 2022
जजों की नियुक्ति के क्या हैं नियम?
संविधान का अनुच्छेद 217: यह कहता है कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI), राज्य के राज्यपाल के परामर्श से की जाएगी। – मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति के मामले में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श किया जाता है।
दिल्ली हाई कोर्ट में पहली बार बिहार के शख्स को जज नियुक्त करने का फैक्ट चेकः
रवि किशन ने दावा किया कि पहली बार दिल्ली हाई कोर्ट में बिहार के किसी शख्स को जज नियुक्त किया गया है। रवि किशन का यह दावा भी झूठा है। दरअसल बिहार के रहने वाले जस्टिस आशुतोष कुमार पहले भी दिल्ली हाई कोर्ट के जज रह चुके हैं। दिल्ली हाई कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक जस्टिस आशुतोष कुमार जज रह चुके हैं। दिल्ली हाई कोर्ट की वेबसाइट जस्टिस आशुतोष कुमार के बारे में विवरण दिया गया है।
वहीं न्यूज वेबसाइट “द क्विंट” पर प्रकाशित एक खबर के अनुसार जस्टिस आशुतोष कुमार बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने पटना के सेंट माइकल्स हाई स्कूल में स्कूली पढ़ाई की। बाद में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज में पढ़ाई की और दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी किया। उन्होंने 1991 में पटना उच्च न्यायालय में अपना कार्यकाल शुरू किया और एक वकील के रूप में महत्वपूर्ण आपराधिक मामलों में पेश हुए, जिसमें मौत की सजा के दोषियों से संबंधित मामले भी शामिल थे। वह कुछ समय के लिए बिहार राज्य के लिए सरकारी वकील भी थे।
निष्कर्षः
हमारी फैक्ट चेक से साबित होता है कि बीजेपी सांसद रवि किशन द्वारा कई भ्रामक दावे किए गए।
पहला भ्रामक दावा- जज की नियुक्ति को लेकर उनका दावा भ्रामक है।
दूसरा भ्रामक दावा– बिहार के पहले शख्स को जज नियुक्त करने का उनका दावा भी भ्रामक है। क्योंकि बिहार से पहले ही जस्टिस आशुतोष कुमार दिल्ली हाई कोर्ट में जज रहे हैं।
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