फैक्ट चेक: जानिए, फ्रांस द्वारा नमाज़ियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन के इस्तेमाल किये जोने की पूरी कहानी

Fact Check hi Featured Misleading

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो शेयर करते हुए एक फेसबुक यूज़र ने बंगाली में लिखा जिसका लगभग हिन्दी अनुवाद है, “आखिरकार फ्रांस ने काम करना शुरू कर दिया है। वे सड़क पर कब्ज़ा कर रहे हैं और नमाजियों को सड़क से हटा रहे हैं !! उम्मीद है कि “Boycott France” के नाम से ड्रामा कुछ देशों में फ़िर देखने को मिलेगा।”

FB Post Screenshot

इसी तरह कई अन्य यूजर्स ने भी वीडियो को शेयर किया।

फैक्ट चेक:

वायरल वीडियो से स्क्रीन शॉट की इनवीड टूल और रिवर्स इमेज सर्चिंग का उपयोग करते हुए हमें Yüksekova Haber Portalı नाम के यूट्यूब चैनल पर वही वीडियो मिला। चैनल ने 9 नवंबर, 2012 को एक तुर्की कैप्शन,” Gaz bombalı ‘sivil Cuma namazı – Yüksekova – Gever.” के साथ वीडियो अपलोड किया। कैप्शन का हिंदी अनुवाद, “गैस बमों के साथ नागरिक शुक्रवार की नमाज़- Yüksekova – Gever” है।

 

इसके अलावा, कीवर्ड सर्च के दौरान हमें ilkehaber की एक तुर्की भाषा में एक रिपोर्ट मिली । रिपोर्ट के प्रकाशन की तारीख 9 नवंबर, 2012 थी। इसे शीर्षक “नागरिक शुक्रवार की प्रार्थना” दिया गया है। रिपोर्ट में एक घटना को कवर किया गया था जहां कैदी भूख हड़ताल पर बैठे थे और पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार और आंसू गैस का इस्तेमाल किया रिपोर्ट से हमें यह भी पता चला कि यह घटना जिले के ओरमान, किला, कुम्हुरियत, गुंगोर, कनिहेडर और एसेंटेपे इलाकों में भीड़ और पुलिस के बीच हुई।


निष्कर्ष:

फ़ैक्ट चेक से साबित होता है कि यूज़र्स तुर्की की एक पुरानी घटना का वीडियो झूठे कैप्शन के साथ शेयर कर रहे हैं।

दावा: फ्रांस ने नमाजियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।

दावाकर्ता: सोशल मीडिया यूज़र्स

फैक्ट चेक: झूठा और भ्रामक