फ़ैक्ट चेक: ताजमहल या तेजो महल? जानिए पूरी कहानी

Fact Check hi Featured Misleading

इंटरनेट पर एक दावा वायरल हो रहा है कि ताजमहल मूल रूप से तेजो महालय नाम की एक हिंदू इमारत है। दावे के समर्थन में सोशल मीडिया यूज़र @jagatmindri ने ट्वीट किया, “हां, यह एक रुपये की किताब सभी विवादों का स्रोत है और यूपी कोर्ट में ताज़ा याचिका है।”

 

इसी तरह, @rwingnat ने लिखा, “हिंदुओं को एकजुट होना चाहिए और इस्लाम की हमलावर ताक़तों के खिलाफ़ खड़ा होना चाहिए। #GyanvapiMosque #TajMahal।”

 

 

विवाद का आधार पीएन ओके की किताब “ताजमहल: द ट्रू स्टोरी है जिसे 1989 में प्रकाशित किया गया था। किताब में ओके ने दावा किया है कि यह स्मारक 1155 ईस्वी में बनाया गया था। तभी से यह विवाद चल रहा है।

इसके अलावा, 24 जुलाई, 2020 को भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने क्रिएटली की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया, “ताज महल – एक हिंदू मंदिर, सभी वैज्ञानिक प्रमाण साबित करते हैं कि ताजमहल तेजो महालय है, प्राचीन हिंदू वैदिक मंदिर 300 वर्षों से है। दुनिया को यह विश्वास करने के लिए मूर्ख बनाया गया था कि ताजमहल शाहजहाँ द्वारा बनाया गया था”.

फ़ैक्ट चेक:

फ़ैक्ट चेक विश्लेषण में हमें 25 अगस्त, 2017 की हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में लिखा गया है कि एएसआई ने आगरा की अदालत को बताया है कि ताजमहल एक मक़बरा है, हिंदू इमारत नहीं।

इसके अलावा, 2016 में एक आरटीआई भी दायर की गई थी जिसमें अपीलकर्ता जानना चाहता था कि आगरा में ताजमहल है या तेजो महालय, जिसके जवाब में केंद्रीय सूचना आयोग ने एक स्पष्टीकरण जारी किया था, जिसमें उसने कहा था कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ताजमहल वास्तव में तेजो महालय है।

निष्कर्ष :

फिलहाल मामला कोर्ट में है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में ताजमहल के बंद दरवाज़े को खोलने की याचिका दायर की गई है। अभी तक, राज्य या एएसआई का कोई आधिकारिक बयान नहीं है, जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि ताजमहल तेजो महालय है। इसलिए, वायरल दावा भ्रामक है।

दावा: ताजमहल एक हिंदू इमारत, तेजो महालय है।

दावाकर्ता: सोशल मीडिया यूज़र्स

फैक्ट चेक: भ्रामक