भारत के ख़िलाफ़ पाकिस्तान की नफ़रत के कई रंग हैं। यह सीमा पर, सीमा पार आतंकवाद के तौर पर तो दिख ही जाती है लेकिन अब इसने ट्वीटर के रास्ते भी तलाश कर लिए हैं। सूचना के ज़रिये युद्ध में पाकिस्तान हमेशा कोशिश करता रहता है कि भारत के अंदरूनी मामलों में दख़ल दे और स्थितियों का लाभ उठाकर भारत में विचारधारा के रूप में देश विरोधी माहौल बनाने की कोशिश करे। पाकिस्तानी ट्रोल सेना सिर्फ़ उन मुद्दों को चुनकर फेक न्यूज़ फैलाने में सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रही है, जिसका ताल्लुक या तो कश्मीर से है या मुसलमान से। पाकिस्तानी ट्रोल आर्मी फेक न्यूज़, फेक फ़ोटो और ट्विटर का भरपूर इस्तेमाल कर रही है। हाल ही में पैटर्न देखने पर पता चला कि पाकिस्तान की ओर से दो बड़ी घटनाओं पर भारत के विरुद्ध इन्फ़ोवॉर छेड़ा गया। हमेशा की तरह पाकिस्तानी ट्रोलिंग कामयाब तो नहीं रही अलबत्ता पकड़ में ज़रूर आ गई कि ट्वीटर के माध्यम से यह सब इस्लामाबाद के इशारे पर चल रहा है।
पाकिस्तान हमेशा से छुप कर वार करने का आदी रहा है। ट्वीटर उसका नया हथियार है। भारतीय पहचान के अलावा विदेशी यानी अमेरिकी, तुर्की, चीनी, रूसी आदि देशों के नागरिक बनकर पाकिस्तानी ट्रॉल आर्मी ने भारत के ख़िलाफ़ ज़हर उगला है। विदेशी पहचान के नाम वाले ट्वीटर अकाउंट की फॉरेंसिक जाँच के बाद मालूम चलता है कि सभी ट्वीटर अकाउंट पाकिस्तान से संचालित हैं और मिशन के हिसाब से इन अकाउंट के यूज़र नेम, हैंडल और फोटो भी बदले गए हैं।
हिजाब, मुस्कान और फ़ेक न्यूज़
कर्नाटक के उडूपी के सरकारी पीयू कॉलेज में मुस्कान ख़ान नाम की एक लड़की को जब कुछ भगवाधारी युवकों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए घेर लिया तो उसने ‘अल्लाहू अकबर’ के नारे लगाए। लड़की को आराम से कॉलेज में जाते हुए देखा गया। देखते ही देखते पूरी दुनिया में यह वीडियो वायरल हो गया। बहुत तेज़ी के साथ यह अफ़वाह भी फैल गई कि मुस्कान के साथ फिल्म स्टार आमिर ख़ान, सलमान ख़ान और तुर्की के राष्ट्रपति तैयब इर्दोगान ने हमदर्दी जताते हुए इनाम की घोषणा की है। फ़ौरन मुस्कान के नाम से 125 ट्वीटर अकाउंट बन गए और यह सब फर्जी थे।
इसी में एक अकाउंट @muskanind3467 के हैंडल से बनाया गया। इसमें खालिस्तान, पाकिस्तान और तालिबान को मुस्कान को समर्थन देने के लिए शुक्रिया कहा गया। यह अकाउंट पहले @AmaanTweet60 के नाम से काम कर रहा था लेकिन मुस्कान के ट्रेंड होने के साथ ही 9 फरवरी को अकाउंट ने अपना हैंडल बदला और प्रोपेगैंडा करने लगा। ज़ाहिर है यह हैंडल पाकिस्तान से ही ऑपरेट हो रहा है।
इसी तरह @muskankhan_0786 हैंडल ने 8 फ़रवरी से पहले के सभी ट्वीट हटा दिए। इतना ही नहीं @musk_a_n, @muskan1O, @MuskanKhanbibi नाम के हैंडल भी मुस्कान ख़ान के नाम का दावा करते रहे और लगातार भावनाएं भड़काने का काम कर रहे थे। ज़ाहिर है इन हैंडल का मुस्कान से कोई लेना-देना नहीं था और अधिकांश पाकिस्तान से चल रहे थे।
#Muskan के नाम से 9 फ़रवरी को साढ़े ग्यारह हज़ार ट्वीट कर दिए गए। अधिकांश हैशटेग को @SofikulRng, @khawar_0fficial, @RealUsamaJ, @krakkistaaan को टैग किया गया था जो ज़ाहिर है नक़ाब के पीछे पाकिस्तान की ट्रॉल आर्मी के ही हैंडल हैं। जब इन टैग हैंडल की जाँच की गई तो इनकी लोकेशन भी पाकिस्तान ही पाई गई।
#Muskan के अलावा #allahuakbar, #MuslimGirls, #HijabRow, #Sherni के टैग भी हवा में तैरते रहे और इन पर लगातार पाकिस्तान से ट्वीट किए जा रहे थे। #Muskan के सबसे अधिक ट्वीट @Malala, @ImranKhanPTI, @nshuklaindia, @narendramodi को टैग किए गए। ज़ाहिर है इनमें एक अकाउंट पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान का है और दूसरा नॉबेल शांति पुरस्कार प्राप्त पाकिस्तान की सामाजिक कार्यकर्ता मलाला यूसुफ़ज़ई का है। मुस्कान के नाम से कई झूठ बोले गए जिसमें यह भी शामिल है कि दुबई की बुर्ज ख़लीफ़ा पर मुस्कान का नाम प्रकाशित किया गया, जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ।
दिलचस्प बात यह है कि भारत से मुस्कान के मसले पर एक हज़ार ट्वीट किए गए जबकि पाकिस्तान से तीन हज़ार। यह आंकड़ा दिखाता है कि पाकिस्तान भारत के अंदरूनी हालात को बिगाड़ने के लिए ट्वीटर का इस्तेमाल कर रहा है।
कश्मीर को लेकर प्रोपैगेंडा
पाकिस्तान की ट्रॉल आर्मी कश्मीर पर लगातार भारत इन्फॉर्मेशन वॉर थोपना चाह रही है। कश्मीर को लेकर फेक न्यूज़ के लिए पाकिस्तानी ट्रॉल आर्मी लगातार झूठ फैला रहा है। #RaiseVioceForKashmir नाम से पाकिस्तान ने हैशटेग चलाया जो ट्रॉल आर्मी के अनपढ़ होने की निशानी को बयाँ कर रहा था। वॉयस की ग़लत स्पेलिंग के साथ पाकिस्तानी ट्रॉल के एक रंगरूट नवीद नोमी ने विशाखापत्तनम की गैस लीकेज से बीमार लोगों की फोटो को कश्मीर में पुलिस अत्याचार के नाम से प्रचारित करना शुरू कर दिया। रिवर्स इमेज सर्च से यह मालूम कर लिया गया कि फोटो को गलत कैप्शन के साथ पाकिस्तानी ट्रॉलों ने इस्तेमाल किया।
फ़ेक्ट चैक करने वाली मशहूर वेबसाइट डिजिटल फोरेंसिक रिसर्च एंड एनालिटिक्स सेंटर (dfrac.org) से प्राप्त जानकारी के अनुसार साल 2012 में निर्भया बलात्कार कांड के समय लाठी चार्ज की तस्वीरों को पाकिस्तानी ट्रॉल आर्मी ने कश्मीर में अत्याचार के रूप में प्रचारित करना शुरू कर दिया। मगर इसे भी रिवर्स इमेज से पकड़ लिया गया। इसी तरह आंध्र प्रदेश में हॉस्टल की माँग कर रही एक छात्रा को पुलिस ने पकड़ा था जिसे पाकिस्तानी ट्रॉलर @SameerMughaal ने कश्मीर में महिलाओं पर अत्याचार के रूप में प्रचारित किया। कश्मीर को लेकर #RaiseVioceForKashmir, #Kashmir, #kashmirRejectsIndia और #India_terrorist हैशटेग के साथ ट्वीट किए गए जो पूर्णतया भारत के विरुद्ध थे और यह हैशटेग इस्तेमाल करने वाले हैंडल की लगभग लोकेशन पाकिस्तान थी।
किसी भी ट्वीट के मेंशेन से भी पता लगता है कि ट्वीट करने वाले की मंशा क्या है? कश्मीर को लेकर किए गए अधिकांश ट्वीट को @WarriorsSquad4 और @HaroonRawal नामक हैंडल को टैग किया गया जो ज़ाहिर है कि पाकिस्तानी ट्रॉल के आक़ा हैं। बाद में @HaroonRawal अकाउंट ही डिलीट हो गया जो इस बात का द्योतक है कि किसी ख़ास मक़सद के लिए पाकिस्तानी ट्रॉल आर्मी हैंडल बनाती है और मिटा देती है।
दो उदाहरणों से मालूम चलता है कि पाकिस्तान सोशल मीडिया के ज़रिये भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है और उसकी मंशा है कि भारत के घरेलू हालात नियंत्रण से बाहर हो जाएं। इससे पहले भी पाकिस्तान ने भारत में कोविड और ऑक्सीजन की कमी को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया और इसके लिए कई पुरानी और फेक तस्वीरों, ख़बरों और क्लिप का इस्तेमाल किया। पाकिस्तान का मक़सद था कि जबकि आम लोग कोविड के संकट से जूझ रहे थे और मीडिया की लगातार नकारात्मक कवरेज से डरे हुए थे, ऐसे में भारत के लोगों का हमदर्द बनकर फेक तथ्यों और तस्वीरों के प्रसार से वह देश में डर का माहौल बना रहे थे। इसके पीछे मक़सद यह भी था कि भारत में लोगों के बीच अफरा तफरी का माहौल पैदा हो और वह डर जाएं।
(क़ादरी, मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय चेयरमैन तथा भूराजनीती के जानकर हैं)