सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जमकर वायरल हो रही है। इस पोस्ट में यूजर्स द्वारा दावा किया जा रहा है कि असम सरकार ने राज्य के पुजारियों को प्रतिमाह 15 हजार रुपए वेतन देने का फैसला किया है। फेसबुक पर राजेश यदुवंशी ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा- “असम सरकार अब मंदिर के पुजारियों को देगी प्रति माह 15000/ महीना। सभी सनातनियो को बधाई!! चमचे तो सुन के ही जल भुन गए जायेंगे।”
वहीं कई अन्य यूजर भी इसी दावे के साथ इस पोस्ट को शेयर कर रहे हैं।
फैक्ट चेकः
हमारी टीम ने वायरल हो रही इस पोस्ट की जांच पड़ताल की। हमारी टीम द्वारा वायरल हो रही पोस्ट से मिलते-जुलते कुछ कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया। हमें हिन्दी अखबार दैनिक जागरण की वेबसाइट का एक लिंक मिला। दैनिक जागरण में 25 अगस्त 2021 को प्रकाशित समाचार के मुताबिक असम सरकार ने मंदिर के पुजारियों को एकमुश्त 15 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने का फैसला लिया था।
असम सरकार द्वारा यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि कोरोना पैनडेमिक के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से व्यापारियों सहित तमाम लोगों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा। वहीं इस लॉकडाउन की वजह से मंदिर के पुजारियों को भी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद सरकार ने राज्य के पुजारियों को सहायता के रुप में 15 हजार रुपए देने का फैसला लिया था। ये 15 हजार रुपए प्रतिमाह नहीं बल्कि एकमुश्त मिलेंगे।
वहीं एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार 4 नवंबर 2021 को हुई कैबिनेट में असम सरकार ने ये फैसला लिया था। बैठक के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री केशब महंता ने मंदिर के पुजारियों को आर्थिक सहायता दिए जाने की जानकारी मीडिया को दी थी। वहीं इस फैसले की जानकारी 4 नवंबर को ही सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर किया था।
हमारी जांच के बाद ये साबित हो रहा है कि असम के पुजारियों को 15 हजार रुपए आर्थिक सहायता के तौर पर सिर्फ एक बार ही दिया जाएगा। पुजारियों के लिए प्रतिमाह 15 हजार रुपए वेतन दिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा झूठा और भ्रामक है।