पत्रकार और लेखक तारिक फतेह (Tarek Fatah) ने हाल ही में अपने ट्विटर हैंडल के जरिए सड़क पर नमाज़ की एक तस्वीर पोस्ट की और दावा किया कि भारत में मुसलमान शुक्रवार की नमाज के लिए यातायात अवरुद्ध कर दिया। यह इबादत नहीं लोगों को डराने का प्रयास है।
उन्होने अपने ट्वीट में लिखा – शुक्रवार की नमाज अदा करने के लिए भारत में एक राजमार्ग पर यातायात अवरुद्ध करना। यह मुझे यह इबादत नहीं लगती; यह दूसरों को डराने के लिए संख्याओं का प्रदर्शन है। उन्हें निर्दिष्ट इबादत स्थलों पर जाने के लिए कहने के किसी भी प्रयास को ‘भेदभाव’ करार दिया जाएगा।
फेक्ट चेक:
इस तस्वीर को हमने रिवर्स इमेज सर्च करने पर पाया कि यह तस्वीर भारत की नहीं बल्कि बांग्लादेश के बिस्वा इज्तेमा की है। जिसमे दुनिया भर से हजारों लोग शामिल हुए थे। डेली स्टार के अनुसार, जुमे की नमाज शुरू होने से पहले ही कार्यक्रम स्थल खचाखच भर गया था। लोगों को ढाका-मयमनसिंह राजमार्ग के आसपास की सड़कों और फुटपाथों पर अदा करनी पड़ी।
यह इज़्तेमा 1967 से ढाका के बाहरी इलाके में टोंगी में तुराग नदी के तट पर 160 एकड़ की जगह में तब्लिगी जमात द्वारा आयोजित होता है। जिसमे हज के बाद सबसे अधिक मुसलमान एकत्रित होते है।
अत: तारके फतेह का दावा झूठा है।