चीन सरकार के अधिकारी लिजियन झाओ हैं, जो ट्वीटर पर वेरीफाइड यूजर्स हैं। उन्होंने एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें दावा किया गया है कि सोशल मीडिया यूजर्स फेक न्यूज फैला रहे हैं कि चीन के खिलाफ पाकिस्तान के ग्वादर जिले में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। वहीं पाकिस्तान में चीन के खिलाफ प्रदर्शन को फेक बताते हुए चीन के अखबार ग्लोबल न्यूज ने खबर प्रकाशित किया है।
फैक्ट चेकः
बलूचिस्तान के ग्वादर जिले में चीन विरोधी प्रदर्शन 16 नवंबर 2021 को शुरू हुआ था, जो आज तक जारी है। इस प्रदर्शन में शामिल पाकिस्तानी जनता के चीन विरोधी गुस्से का अंदाजा ऐसे भी लगाया जा सकता है कि यहां महिलाएं और बच्चे तक भी इस धरने में शामिल हो गए हैं। इसे “ग्वादरकोहक दो” आंदोलन कहा जा रहा है। प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई मांगों में चीनी ट्रॉलरों द्वारा अवैध रूप से मछली पकड़ना, सीपीईसी से कोई विकास नहीं होना, बिजली और पानी जैसे बुनियादी अधिकार और कई अन्य मांग शामिल हैं।
बलूचिस्तान में चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के कई क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। यहां तक कि पाकिस्तान न्यूज मीडिया डॉन न्यूज ने भी इस विरोध को कवर किया है।
ज़ैन उद दीन अहमद और अली रज़ा रिंद सहित कई क्वेटा पत्रकारों ने इस विरोध को कवर किया है।
Figure: Tweet by Ali Raza Rind | Figure: Tweet by Zain Ud Din Ahmed
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चीनी सरकार के अधिकारी और चीन प्रायोजित मीडिया यह कहकर दुनिया को गुमराह करने की कोशिश कर रही है कि चीन के खिलाफ ग्वादर में कोई विरोध नहीं हुआ है। जबकि पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्टों को देखें तो पाएंगे कि वहां चीन के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में पुरुषों के अलावा महिलाएं और बच्चे भी शामिल है। इसलिए चीन की सरकार, अधिकारी और वहां की मीडिया इस सच्चे प्रदर्शन को फेक कहकर खुद ही फेक न्यूज फैला रहे हैं।
इसलिए चीन के अधिकारियों और मीडिया द्वारा किया गया दावा झूठा और भ्रामक है।