सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा। जिसमे किसानों को टमाटर फेंकते हुए दिखाया गया है। वायरल वीडियो को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में निरस्त किए गए कृषि कानूनों से भी जोड़ा गया।
वायरल वीडियोके साथ कैप्शन दिया गया – ”दक्षिण भारत में टमाटर का सही मूल्य दलाल लोग किसानों को नही दे रहे हैं,, 75 पैसे प्रति किलो दे रहे हैं। इसलिए किसान लोग टमाटर सड़कों के किनारे फेक रहे है, उत्तर भारत मे किल्लत मची है दलालों के कारण,, मोदी जी का कृषि कानून का महत्व अब सबको समझ आएगा।।”
फेक्ट चेक
गुगल पर की वर्ड सर्च करने पर पाया कि 20 और 21 मई को इस तरह का वीडियो यूट्यूब पर अमर उजाला, वन इंडिया न्यूज़ ने पोस्ट किया था।इसके अलावा इसे जुड़ी दी इंडियन एक्सप्रेस पर एक रिपोर्ट भी मिली। जिसमे कहा गया कि लॉकडाउन से खुदरा दुकानों, होटलों, छात्रावासों और मैरिज हॉल के बंद होने के कारण मांग में कमी आ जाने से टमाटर बिना बिके रह गए। जिसके बाद टमाटर के टोकरे सड़क किनारे फेंक दिए गए।
कोलार जिले के उपायुक्त डॉ आर सेल्वमनी ने कहा, “हमने सड़क के किनारे टमाटरों की डंपिंग की जाँच की और पाया कि वे टमाटर थे जो एपीएमसी बाजार में उनकी गुणवत्ता के कारण बिना बिके रह गए थे।”
अत: वायरल वीडियो भ्रामक है।