सुदर्शन न्यूज के भड़काऊ प्रसारणों और अभद्र भाषा का डाटा रिपोर्ट!

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28 जुलाई 2021 को ट्वीटर पर तीन हैशटैग ट्रेंड कर रहे थे। यह हैशटैग हैं 1- #सुदर्शनएकबापकीऔलादनहीं 2- #सुदर्शनगद्दारोंकाबाप_है और 3-#ArrestSureshChavhankeसुदर्शन न्यूज चैनल और उसके मालिक सुरेश चव्हाणके पर की गई ये विभिन्न हैशटैग के साथ टिप्पणियां हैं, जो एक साथ ट्रेंड कर रहे थे क्योंकि लोगों ने चव्हाणके पर राजस्थान के मीणा समुदाय के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।


 

दलित और आदिवासी समुदाय के सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनेताओं ने चव्हाणके की गिरफ्तारी की मांग की थी, क्योंकि उनका आरोप था कि चव्हाणके ने मीणा समुदाय को अपने शो बिंदास बोल में ‘कामीना’ कहा था, जिसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। चव्हाणके का मीणा समुदाय को लेकर किए इस शब्द का इस्तेमाल उस घटना के बाद आया जिसका वीडियो वायरल हो रहा था।

दरअसल वायरल हो रहे वीडियो में युवकों के एक समूह ने अमरगढ़ किले पर लगाए गए भगवा ध्वज को उतारते हुए दिखाया गया था। घटना के दौरान मौजूद विधायक राकेश मीणा के हवाले से कहा गया कि यह किला मीना समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है और समाज के कुछ हाशिए के तत्व किले को अपना होने का दावा करने की कोशिश कर रहे थे। इस वीडियो पर हिन्दू समुदाय के लोगों ने प्रतिक्रिया दी थी, साथ ही सुरेश चव्हाणके ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने विवादित शब्द का इस्तेमाल किया था।

कब हैशटैग का उपयोग हुआ?

ट्वीटर पर इन तीनों हैशटैग #सुदर्शनएकबापकीऔलादनहीं, #सुदर्शनगद्दारोंकाबाप_है, और #ArrestSureshChavhanke को सबसे ज्यादा बार ट्वीट 28 जुलाई को किया गया था। इसके बाद इस हैशटैग के साथ लोगों ने ट्वीट करना कम दिया।

कितनी बार इस हैशटैग का उपयोग हुआ?

हमारी रिसर्च टीम ने इन सभी हैशटैग की जांच की, जिसको दर्शाने वाला एक ग्राफ भी नीचे दिया गया है, जिसमें सभी हैशटैग के ट्वीट का अध्ययन है। ग्राफ दर्शाता है कि सबसे अधिक ट्वीट 28 जुलाई को 36 हजार 386 ट्वीट्स किए गए थे। यह तथ्य चौंका देने वाली है कि तीनों हैशटैग उस दिन भारत के दैनिक ट्विटर ट्रेंडिंग की शीर्ष 10 सूची में थे।

किन ट्वीटर यूजर्स को सबसे ज्यादा मेंशन किया गया?

यहां उन शीर्ष तीन ट्वीटर अकाउंट का विश्लेषण किया गया है जिन्हें ट्वीट में सबसे ज्यादा टैग किया गया था। सबसे ज्यादा टैग सुरेश चव्हाणके (@sureshchavhanke) को किया गया था। चव्हाणके को 2383 लोगों ने टैग किया था। इसके बाद राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (@ashokgehlot51) को 864 लोगों ने टैग किया था। इसके बाद हंसराज मीणा (@hansrajmeena) को 844 लोगों द्वारा टैग किया गया था। इसका भी ग्राफ नीचे दिया गया है।

एक ही अकाउंट से कितनी बार ट्वीट किया गया?

जैसा कि कई ट्रेंडिंग हैशटैग के साथ होता है, हैशटैग को ट्रेंड में लाने के लिए ट्वीट्स को एक ही अकाउंट से सैकड़ों बार ट्वीट किया जाता है। ऐसा ही नजारा यहां भी देखने को मिला। @mohamma46659180 नामक यूजर ने सबसे ज्यादा 328 ट्वीट किए। इसके बाद @sukhdevdhangar2 ने 264 और @asiftintoiya12 ने 208 ट्वीट किए थे। नीचे दिया गया ग्राफ़ इन हैशटैग के साथ ट्वीट करने वाले शीर्ष 20 हैशटैग को दर्शाता है। यहां सबसे महत्वपूर्ण बात है कि @mohamma46659180 नामक ट्वीटर अकाउंट अब प्राइवेट हो गया है।

हैशटैग का सामूहिक रूप से कितनी बार उपयोग किया गया?

हमारे विश्लेषण में सामने आया है कि हैशटैग #ArrestSureshChavhanke को सबसे ज्यादा 75 हजार 257 बार उपयोग किया गया था। इसके बाद के 2 हैशटैग को 37 हजार बार इस्तेमाल किया गया।

वेरीफाइड ट्वीटर अकाउंट द्वारा हैशटैग का उपयोग

ट्वीटर पर इस हैशटैग को इसलिए पॉपुलारिटी मिल गई क्योंकि इसे वेरीफाइड ट्वीटर यूजर्स द्वारा पोस्ट किया गया था, जिनके फॉलोवर्स हजारों और लाखों में हैं। दिलीप मंडल (@Profdilipmandal) ने इस हैशटैग को ट्वीट किया था, जिनके 2 लाख 33 हजार 4 फॉलोवर्स हैं। इसके अलावा साकेत गोखले (@SaketGokhale) और रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह (@suryapsingh_IAS) ने इस हैशटैग के साथ ट्वीट किया था, जिनके हजारों फॉलोवर्स हैं।

इस हैशटैग के लिए कितने ट्वीटर अकाउंट बनाए गए थे?

यहां ध्यान देने योग्य एक दिलचस्प बात यह है कि हमारे विश्लेषण के माध्यम से हमने पाया कि विशेष रूप से इन हैशटैग को ट्वीट और रीट्वीट करने के लिए बड़ी मात्रा में नए ट्वीटर अकाउंट बनाए गए थे। इन अकाउंट को बनाए जाने के पीछे की मंशा और उन्हें किसने बनाया यह स्पष्ट नहीं है। 8 जनवरी 2020 से 22 जुलाई 2021 तक हैशटैग पर पोस्ट करने वाले प्रति दिन बनाए गए कुल ट्विटर खातों को दर्शाने वाला एक ग्राफ यहां दिया गया है। 22 अप्रैल 2020 और 18 मई 2021 को 47 और 35 अकाउंट बनाए गए।

हैशटैग उपयोग के बाद कितने अकाउंट डिलीट हुए?

इन हैशटैग पर पोस्ट या ट्वीट करने वाले 11,134 सक्रिय ट्विटर उपयोगकर्ताओं के साथ कुल 64,351 ट्वीट नए बनाए गए। रहस्यमय तरीके से, उपरोक्त हैशटैग पर ट्वीट करने के बाद 2046 ट्विटर हैंडल को निलंबित या हटा दिया गया था।

हैशटैग में किस तरह के ट्वीट का इस्तेमाल किया गया?

चव्हाणके और सुदर्शन न्यूज की आलोचना करने वाले विभिन्न ट्वीट्स ने मुख्य रूप से ट्वीट्स का कंटेंट बनाया था। लोगों ने कुछ अन्य उदाहरण भी सामने लाए जब चव्हाणके द्वारा कथित रुप से भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ दुर्भावना व्यक्त और अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया गया था। इस हैशटैग के साथ इन ट्वीट्स के भी सैंपल यहां दिये गए हैं|

https://twitter.com/ShipraMohsin/status/1420415412311756806
 

https://twitter.com/FaisalNadeemAMU/status/1420410435463905283
 


 

https://twitter.com/DhamedaKr/status/1420425935128432642
 

इस मामले पर राजस्थान की राजधानी जयपुर के ट्रांसपोर्ट नगर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 295 (किसी भी वर्ग या धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को चोट पहुँचाना या अपवित्र करना), 505 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर भड़काना), एससी/एसटी एक्ट और आईटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है। इस एफआईआर को राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के गिराज मीणा द्वारा दर्ज करवाई गई है। इसके बाद दो और प्राथमिकी दर्ज की गईं।

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब सुरेश चव्हाणके अपने शो बिंदास बोल के जरिए भड़काऊ और नफरती भाषा का इस्तेमाल करता है। इसने अपने शो के जरिए देश के केंद्रीय विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया के खिलाफ यूपीएससी जिहाद नामक भड़काऊ प्रोग्राम बनाया था, जिसका प्रसारण सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक दिया गया था।

 

उनके चैनल पर कुछ सबसे विवादास्पद शो

सुदर्शन न्यूज के खिलाफ पूर्व नौकरशाहों द्वारा दायर एक याचिका में उसके शो में की जाने वाली अभद्र भाषा के इस्तेमाल पर कार्रवाई की मांग की गई, जिसकी सुनवाई आज भी जारी है। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि शीर्ष अदालत आक्रामक और अभद्र भाषा के बीच अंतर स्पष्ट करे, ताकि नागरिकों, कार्यान्वयन अधिकारियों और अदालतों को संरक्षित भाषा और ऐसी भाषा पर स्पष्टता हो।

इस मामले की सुनवाई करने वाली पीठ ने टिप्पणी की थी कि ‘देखिये इस कार्यक्रम का विषय कितना उकसाने वाला है कि मुस्लिमों ने सरकारी सेवाओं में घुसपैठ कर ली है और यह तथ्यों के बगैर ही यह संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं को संदेह के दायरे में ले आता है।’

हालांकि इन सबके बावजूद आज भी सुरेश चव्हाणके के विवादित प्रसारण बंद नहीं हुए हैं। चव्हाणके की हर विवादित बात के साथ, वह भारत में कई अलग-अलग संप्रदायों के भीतर और अधिक घृणा और क्रोध को प्रेरित करता है। यह शर्म की बात है कि आज के युग में भी इस तरह की नफरत को जनता के बीच फैलाने दिया जाता है।