सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के इस दौर में झूठ, अफवाह और आधा-अधूरा सच ही वह गोला-बारूद है, जिससे किसी देश को कमजोर करने की कोशिश की जाती है। यह वो सूचना युद्ध—जहां सच को झूठ से ढक दिया जाता है, और झूठ को बार-बार दोहराकर सच बना दिया जाता है। DFRAC की जांच में सामने आया है कि कुछ नेटवर्क और अकाउंट्स योजनाबद्ध तरीके से भारत को बदनाम करने के सुनियोजित अभियान पर लगे हुए हैं। यह कोई सामान्य “फेक न्यूज” का मामला नहीं है, बल्कि एक सुनियोजित डिजिटल प्रोपेगेंडा मशीन है।
DFRAC ने फैक्ट्स के साथ यह पैटर्न उजागर किया है कि कैसे सोशल मीडिया को एक हथियार बना कर भारत की साख को निशाना बनाया जा रहा है। फर्जी अकाउंट्स, बॉट्स और ट्रोल्स की फौज दिन-रात सक्रिय रहती है—ताकि अफवाहें फैलें, समाज में अविश्वास गहराए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल हो। DFRAC ने जिन 9 अकाउंट्स की पड़ताल की है, उसमें— 1- डीप स्टेट प्रेस, 2- नियोन व्हाइट कैट, 3- क्वॉइन, 4- इंडिया इन्वेजन, 5- ऋषि, 6- लारा, 7- इंटेलेक्चुअल केवमैन, 8- ऑसपिल, और 9- कोडेक्स इंडिया हैं। ये सिर्फ अलग-अलग आवाज़ें नहीं हैं, बल्कि ये मिलकर एक डिजिटल मशीनरी चला रहे हैं जो भारत की साख और सामाजिक समरसता को निशाना बना रही है।
इन अकाउंट्स की रणनीति साफ दिखती है: किसी भी संवेदनशील घटना को राजनीतिक आकार दे देना; त्रासदियों को पोलराइज़ करने के लिए पॉलिटिकल नैरेटिव में बदल देना; और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भ्रम फैलाकर देश की छवि खराब करना। DFRAC की टीम ने इन गतिविधियों का गहराई से विश्लेषण किया है और कई ऐसे सबूत जुटाए हैं जो दिखाते हैं कि कैसे सोशल मीडिया पर भारत को अस्थिर राष्ट्र की छवि देने की कोशिश की जा रही है। इस रिपोर्ट के प्रमुख बिन्दू निम्नलिखित हैं-
- डिजिटल नेटवर्क का पर्दाफाश
- अलगाववाद और फेक नैरेटिव
- भारत विरोध का बांग्लादेश कनेक्शन!
- अलग-अलग अकाउंट, लेकिन स्क्रिप्ट एक जैसी!
- 9 चेहरे, एक एजेंडा — भारत को बदनाम करना!
1. डिजिटल नेटवर्क का पर्दाफाशः
भारत के खिलाफ सोशल मीडिया पर प्रोपेगेंडा करने वाले 9 यूजर्स और उनके नेक्सस की DFRAC की टीम ने पहचान की है। इन 9 यूजर्स में 1- डीप स्टेट प्रेस, 2- नियोन व्हाइट कैट, 3- क्वॉइन, 4- इंडिया इन्वेजन, 5- ऋषि, 6- लारा, 7- इंटेलेक्चुअल केवमैन, 8- ऑसपिल और 9- कोडेक्स इंडिया शामिल हैं। इनमें से कई यूजर्स भारत को लेकर अलगाववादी एजेंडा चलाते हैं, तो कई यूजर्स भारत को बदनाम करने के लिए प्रोपेगेंडा करते हैं। कुछ यूजर्स ऐसे हैं जो विदेशों में रह रहे भारतीयों को घुसपैठिया और अतिक्रमणकारी बताते हुए टारगेट करते हैं।

2. अलगाववाद और फेक नैरेटिवः
इस नेटवर्क का अध्ययन यह दिखाता है कि भारत विरोधी एजेंडा केवल कुछ व्यक्तियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे सीमा पार की संगठित रणनीतियां भी हैं। ये एक संगठित भारत विरोधी प्रोपेगेंडा और भारत के खिलाफ अलगाववादी एजेंडा का नेटवर्क है, जो ऑनलाइन गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।
i-डीप स्टेट प्रेसः एक फेक मीडिया संस्थान–
एक्स पर डीप स्टेट प्रेस नामक अकाउंट है। इस अकाउंट को अगस्त 2025 में बनाया गया है। इसके फिलहाल फॉलोवर्स 80 हैं। इसके फॉलोवर्स में क्वाइन और कोडेक्स इंडिया नामक यूजर भी शामिल हैं। इस अकाउंट के बायो सेक्शन में वेबसाइट का लिंक भी दिया गया है, जहां खालिस्तानी अलगाववादी एजेंडे को बढ़ावा देनी वाली खबरें प्रकाशित की जाती हैं। जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह खालिस्तानी अलगाववादी एजेंडा चलाने के लिए बनाया गया फेक मीडिया संस्थान है। इस वेबसाइट की जांच में हमने पाया कि इसके फाउंडर और संचालक का नाम रविंदर सिंह जोहल दिया गया है। रविंदर सिंह जोहल के बारे में जानकारी इकट्ठा करने पर हमने पाया कि इसके खालिस्तानी अलगवावादी एजेंडा के कारण इसका एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल भारत में विथहेल्ड कर दिया गया है। वहीं Whois.com पर डीप स्टेट प्रेस के बारे में जानकारी इकट्ठा करने पर सामने आया कि इस पर अमेरिकी नंबर रजिस्टर्ड है।

रविंदर सिंह जोहल का खालिस्तानी अलगाववादियों से संबंधः
रविंदर सिंह जोहल के बारे में सार्वजनिक रुप से उपलब्ध जानकारी के मुताबिक वह न्यूजीलैंड में रहता है और वह सक्रिय रुप से खालिस्तानी अलगाववादी प्रदर्शनों में शामिल होता आया है। हमारी जांच में सामने आया कि वह भारत द्वारा घोषित खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के साथ कई प्रदर्शनों में शामिल हो चुका है। इसके अलावा वह न्यूजीलैंड में खालिस्तानी अलगाववादी एजेंडे के समर्थन में होने वाले प्रदर्शनों को ना सिर्फ आयोजित करता है, बल्कि उसकी कवरेज अपनी फेक मीडिया वेबसाइट पर भी करता है।

डीप स्टेट प्रेस का अलगाववादी एजेंडाः
डीप स्टेट प्रेस एक एक्स पोस्ट में भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को “क्लर्क” और “ईज़िली रिप्लेसेबल” बताता है, जिसका मकसद भारतीय आईटी इंडस्ट्री और भारत की सॉफ्ट पावर को नीचा दिखाना प्रतीत होता है। वहीं एक पोस्ट खालिस्तान आंदोलन को वैध ठहराने और इसे “हाईलाइट” करने की कोशिश करता है। एक पोस्ट में वह फेक दावा करता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने SFJ (Sikhs for Justice) को समर्थन दिया है। Deep State Press भारत विरोधी नैरेटिव चलाते हुए ना सिर्फ भारतीय आईटी सेक्टर को नीचा दिखाता है, बल्कि खालिस्तान आंदोलन को वैध ठहराता है, कनाडा विवाद में भारत को आक्रामक बताता है और भारत की वैश्विक रणनीतिक स्थिति को कमजोर दिखाने की कोशिश करता है।

ii- नियोन व्हाइट कैट (Neon White Cat):
नियोन व्हाइट कैट नामक यूजर सोशल मीडिया पर सक्रिय है और खुद को भारतीयों के खिलाफ एक योद्धा के रूप में प्रस्तुत करता है। इसकी ऑनलाइन गतिविधियां सामान्य पोस्टिंग से अलग एक संगठित पैटर्न को दर्शाती हैं, जिन्हें एक सुनियोजित प्रोपेगेंडा का हिस्सा माना जा सकता है। नियोन व्हाइट कैट के पोस्ट कई बार न केवल सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म की नीतियों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि उनमें अपमानजनक और भड़काऊ भाषा का भी इस्तेमाल किया जाता है।
इस यूजर का पूर्व अकाउंट @NeonWhiteRabbit था, जिसे एक्स (पूर्व ट्विटर) ने नियमों के उल्लंघन के कारण सस्पेंड कर दिया। प्लेटफ़ॉर्म की पॉलिसी के अनुसार, किसी भी अकाउंट को नफरत फैलाने, उत्पीड़न या अपमानजनक कंटेंट साझा करने की स्थिति में हटाया जा सकता है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, @NeonWhiteRabbit पर की गई गतिविधियां इन्हीं श्रेणियों में आती थीं। अकाउंट सस्पेंड होने के बाद, नियोन व्हाइट कैट ने इसे फिर से सक्रिय करवाने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान शुरू किया। इस अभियान में उसने अपने फॉलोवर्स को यह संदेश दिया कि सस्पेंशन “अन्यायपूर्ण” है और उसके अकाउंट को बहाल किया जाना चाहिए। इसके लिए हैशटैग ट्रेंड कराने और नए अकाउंट्स बनाकर सक्रिय रहने की कोशिशें भी की गईं।
नियोन व्हाइट कैट के पैटर्न से यह स्पष्ट होता है कि उसकी ऑनलाइन मौजूदगी केवल व्यक्तिगत विचार शेयर करने तक सीमित नहीं है। उसके पोस्ट अक्सर भारतीयों के खिलाफ नकारात्मक नैरेटिव गढ़ते हैं और समाज में विभाजनकारी सोच को बढ़ावा देते हैं। इस तरह की गतिविधियां डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स के लिए चुनौती मानी जाती हैं, क्योंकि ये अकाउंट्स नियमों को बार-बार दरकिनार कर नए तरीकों से सक्रिय रहते हैं।

नियोन व्हाइट कैट का भारत विरोधी प्रोपेगेंडाः
इस यूजर के पोस्ट में लगातार भारतीयों को अविकसित, बेकार और धोखेबाज बताया गया है। यह यूजर भारतीयों पर आरोप लगा रहा है कि वे कंपनियों में घोटाला कर रहे हैं, फर्जी डिग्रियां दिखा कर जॉब्स हड़प रहे हैं, और अमेरिकी नौकरियों पर कब्ज़ा कर रहे हैं। उसके ये पोस्ट कोई तथ्यात्मक प्रमाण नहीं देते, बल्कि पूरी तरह से भ्रामक और सांप्रदायिक हैं। पोस्ट में जापान और अमेरिका का उदाहरण भी है: “Japan is losing their shit over their Indian invasion” यह दर्शाता है कि ये यूजर भारतीयों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नकारात्मक रूप में पेश कर रहा है।

कुछ पोस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प और रोजगार नीतियों का संदर्भ है: “All TRUMP is doing is clearing the manual labor jobs… as the INDIANS steal your white collar position” यहाँ भारतीयों को अमेरिका में “बेकार और घुसपैठ करने वाला” दिखाया गया है। ये बयान राष्ट्रवादी और सांप्रदायिक राजनीति को भड़काने वाला है।

iii- इंडियन इन्वेजनः
@IndianInvasionN का कंटेंट स्पष्ट रूप से भारत-विरोधी और प्रवासी भारतीयों के खिलाफ घृणा फैलाने वाला है। पोस्ट्स में मास डिपोर्टेशन की मांग, सांस्कृतिक अपमान और अलगाववादी संदेश का संयोजन दिखाई देता है। यह अभियान न केवल सोशल मीडिया पर भारतियों की छवि को धूमिल करता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर डर और अविश्वास पैदा करने की कोशिश करता है। @IndianInvasionN नामक यूज़र के भारत-विरोधी और अलगाववादी पोस्ट्स का संग्रह है। इसमें मुख्य रूप से यह दिखाया गया है कि यह यूज़र लगातार भारतीयों के खिलाफ मास डिपोर्टेशन (Mass Deportation) और नकारात्मक नैरेटिव फैलाने पर केंद्रित है।
यूज़र बार-बार पोस्ट्स में लिखता है कि “Mass deportation of Indians is required”, “Mass deportations of Indians is inevitable”, और “Mass deportation of Indians cant come soon enough”। यह स्पष्ट रूप से नफरत फैलाने और समुदाय को निशाना बनाने वाला संदेश है। यूज़र अलग-अलग देशों (#Canada, #England, #America, #Britain, #Ireland) के संदर्भ में पोस्ट करता है, जिससे यह संदेश जाता है कि भारतियों की मौजूदगी वैश्विक स्तर पर खतरा है। यह अलगाववादी और विभाजनकारी एजेंडा दर्शाता है, जो केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं है।

3. भारत विरोध का बांग्लादेश कनेक्शन!
भारत विरोधी ऑनलाइन प्रोपेगेंडा फैलाने वाले नेटवर्क में एक खास “बांग्लादेश कनेक्शन” सामने आया है। इस नेक्सस में दो ऐसे यूजर्स शामिल हैं, जिनके सीधे तार बांग्लादेश से जुड़े हैं। ये यूजर्स इंटेलेक्चुअल केवमैन और लारा हैं। इनके कंटेंट में अक्सर झूठी खबरें, फेक रिपोर्ट और भड़काऊ पोस्ट शामिल होती हैं, जिन्हें यह नेटवर्क एक-दूसरे के चैनल्स और प्रोफाइल के माध्यम से तेजी से फैलाता है। विशेष रूप से यह पाया गया है कि ये यूजर्स समय-समय पर भारत के खिलाफ एजेंडा चलाने वाले अन्य भारतीय यूजर्स के पोस्ट को शेयर या रिपोस्ट करके उनकी पहुंच और प्रभाव बढ़ाते हैं। बांग्लादेश कनेक्शन उनके कंटेंट के पैटर्न और भाषा के चुनाव में भी देखा जा सकता है, जिससे यह साफ होता है कि यह नेटवर्क सिर्फ स्थानीय नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी संगठित है। इस तरह के नेक्सस न सिर्फ गलत सूचना फैलाते हैं, बल्कि समाज में तनाव और भ्रम पैदा करने का काम करते हैं।

इंटेलेक्चुअल केवमैन (@imcaveman24) यह अकाउंट खुद को parody account बताता है, लेकिन इसके ट्वीट्स में भारत के खिलाफ झूठ और नफरत भरी बातें हैं। एक पोस्ट में यह दावा करता है कि “Mujib was an Indian agent, he same as India to me”, जो बांग्लादेश-भारत रिश्तों को भड़काने की कोशिश है। दूसरे ट्वीट में भारत में एक आपसी विवाद से हुई हत्या को उठाकर अमेरिकी सरकार पर सवाल खड़ा करता है कि भारतियों को अमेरिका आने की सुविधा क्यों दी जा रही है। वहीं लारा (@LaraLotus_) भारत की संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को निशाना बनाती है। एक ट्वीट में भारत के cow dung festival का मजाक उड़ाया गया है। दूसरे पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी की फोटो का इस्तेमाल करके सनातन धर्म और परंपराओं पर तंज कसा गया है। एक और पोस्ट में भारतियों को गाली दी गई है और अपमानजनक भाषा का प्रयोग हुआ है।

4. अलग-अलग अकाउंट, लेकिन स्क्रिप्ट एक जैसी!
ये सोशल मीडिया अकाउंट्स एक दूसरे के कंटेंट को नियमित रूप से कॉपी-पेस्ट और रिपोस्ट कर रहे हैं, जिससे एक सामूहिक, सुनियोजित प्रचार का पैटर्न बन रहा है। सबसे पहले, Neon White Cat और Codex India के पोस्ट को देखें। यहाँ दोनों अकाउंट्स अक्सर भारत और भारतीयों के खिलाफ अपमानजनक और भ्रामक सामग्री साझा करते हैं। Neon White Cat अपने ट्वीट्स में भारत और भारतीयों को तुच्छ साबित करने वाली भाषा का प्रयोग करता है, जैसे कि “cow poop eating foreigners” और “GLOBAL INDIAN INVASION” का उल्लेख। वहीं Codex India इसी तरह की सामग्री को रिपोस्ट करता है और कभी-कभी उसे विस्तार से पेश करता है, जैसे H-1B वीज़ा और तकनीकी नौकरियों से जुड़े दावों पर कटाक्ष करना।
इसी तरह, Lara Lotus और Indian Invasion जैसे अकाउंट्स भी Codex India की पोस्ट को रिपोस्ट करते हैं और उसी थीम को आगे बढ़ाते हैं। उदाहरण के लिए, Lara Lotus ने H-1B वीज़ा पर मजाक करते हुए भारतीयों के व्यवहार का मजाक उड़ाया। Indian Invasion ने भारतीयों के तकनीकी नौकरियों में शामिल होने को लेकर नकारात्मक और उत्तेजक दृष्टिकोण पेश किया। इस पूरे नेटवर्क में देखा जा सकता है कि अलग-अलग अकाउंट्स एक ही संदेश को अलग-अलग तरीके से दोहराते हैं, जिससे इस सामग्री का प्रभाव व्यापक और लगातार बना रहता है। इसके अलावा Intellectual Caveman जैसे अकाउंट्स भी Codex India के ट्वीट्स को आधार बनाकर अमेरिकी राजनीतिक घटनाओं में भारत को संदिग्ध तरीके से शामिल करने की कोशिश करते हैं। इसी तरह, Codex India ने ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों और अमेरिकी अस्पतालों में सफाई से जुड़े झूठे दावों को भी फैलाया है। यह दिखाता है कि केवल रिपोस्टिंग नहीं, बल्कि कंटेंट को नए संदर्भ में पेश करना भी एक रणनीति का हिस्सा है।
इस पूरी गतिविधि से यह स्पष्ट होता है कि ये अकाउंट्स केवल सामग्री शेयर नहीं कर रहे, बल्कि एक साझा एजेंडा पर काम कर रहे हैं। ये लगातार एक-दूसरे के पोस्ट को दोहराते हैं, कॉपी-पेस्ट करते हैं और कभी-कभी अतिरिक्त विवरण या व्यंग्य जोड़कर उसे और प्रभावी बनाते हैं। इस तरह की सामूहिक और समन्वित गतिविधि सोशल मीडिया पर भारत विरोधी विचारों को फैलाने और उन्हें वैध दिखाने की रणनीति का हिस्सा है। कुल मिलाकर, इस नेटवर्क में कॉपी-पेस्ट और रिपोस्टिंग पैटर्न यह दर्शाता है कि ये यूजर्स अलग-अलग प्रोफाइल के तहत काम करते हुए एक साझा एजेंडा को बढ़ावा दे रहे हैं। यह सिर्फ व्यक्तिगत राय नहीं, बल्कि सुनियोजित, कई अकाउंट्स पर फैली हुई एक डिजिटल रणनीति है, जो भारत और भारतीयों की छवि को बदनाम करने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है।

9 चेहरे, एक एजेंडा — भारत को बदनाम करना!
इन नौ खातों और हैंडल्स का संयोजन सिर्फ संयोग नहीं बल्कि एक सुनियोजित डिजिटल अभियान है। वे विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर अलग-अलग स्वर में वही कहानी बार-बार दोहराते हैं: भारत को अस्थिर, हिंसक या वर्चस्ववादी दिखाना। कुछ खाते डर और घृणा को भड़काने वाले मीम्स और शॉर्ट वीडियो बनाते हैं; कुछ फर्जी आंकड़े, नकली ऑडियो और एडिटेड क्लिप्स के जरिए गंभीर आरोप गढ़ते हैं।
- भारत को वैश्विक खतरे और अंतरराष्ट्रीय साजिश का शिकार दिखाने की रणनीति
इन यूज़र्स का पहला और सबसे बड़ा उद्देश्य है भारत को वैश्विक खतरे और अंतरराष्ट्रीय साजिशों का केंद्र दिखाना। @deepstatepres और @IndianInvasionN जैसे हैंडल्स भारत को एक राष्ट्र के रूप में खतरनाक और आक्रामक बताते हैं, जबकि @Mel68475706 ने आरोप लगाया कि भारत ने अमेरिकी और कनाडाई नागरिकों को निशाना बनाया। इस नरेटिव को फैलाने के लिए ये यूज़र्स आधुनिक तकनीक और डिजिटल रणनीतियों का इस्तेमाल करते हैं:
- बॉट्स और ट्रोल नेटवर्क से पोस्ट्स की एंगेजमेंट बढ़ाना।
- डीपफेक और एआई जेनरेटेड कंटेंट का इस्तेमाल कर भारत को हिंसक और भ्रष्ट दिखाना।
- वायरल ग्राफिक्स और फेक रिपोर्ट्स के माध्यम से विदेशी मीडिया और जनता को प्रभावित करना।
ii. सामाजिक, सांस्कृतिक और प्रवासी भारतीयों पर हमलाः
दूसरी प्रमुख रणनीति यह है कि भारतीय समाज, संस्कृति और प्रवासी नागरिकों को निशाना बनाकर भीतरी विभाजन और अविश्वास पैदा किया जाए। @imcaveman24 और @aus_pill जैसे हैंडल्स भारतीय संस्कृति और संस्थानों को नकारात्मक रूप में प्रस्तुत करते हैं, जबकि @LaraLotus_ प्रवासियों की नैतिकता पर सवाल उठाती हैं। इसके लिए ये तकनीकें अपनाई जाती हैं:
- वायरल वीडियो, मीम्स और फॉरवर्ड पोस्ट का इस्तेमाल कर नैरेटिव को तेजी से फैलाना।
- हाइब्रिड नैरेटिव, जिसमें सच और झूठ का मिश्रण करके जनता को भ्रमित किया जाता है।
| यूज़रनेम | मुख्य नरेटिव | प्रोपेगेंडा योजना | रणनीति / तकनीक | प्रभाव / उद्देश्य |
| @deepstatepres | भारत को अंतरराष्ट्रीय साजिशों में शामिल दिखाना | 1. “डीप स्टेट भारत को अस्थिर करने की योजना बना रहा है” 2. विदेशी मीडिया को भारत-विरोधी रिपोर्ट्स जारी करने के लिए प्रेरित करना | ट्रोल नेटवर्क, फर्जी न्यूज आर्टिकल्स शेयर करना, हैशटैग ट्रेंडिंग | भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि कमजोर करना, विदेशी ध्यान भारत पर केंद्रित करना |
| @NeonWhiteCat | भारतीय तकनीकी पेशेवरों को धोखेबाज बताना | 1. अमेरिकी टेक इंडस्ट्री पर भारत का कब्जा 2. भारतीय इंजीनियरों को चोरी और भ्रष्टाचार का दोषी ठहराना | बॉट्स और ट्रोल्स से एंगेजमेंट बढ़ाना, मीम्स और वीडियो शेयर | भारत के पेशेवरों और तकनीकी क्षमताओं पर अविश्वास पैदा करना |
| @Mel68475706 | भारत को खतरनाक और हत्यारोपित दिखाना | अमेरिकी और कनाडाई नागरिकों की हत्या की साजिश | फर्जी आंकड़े, डीपफेक/एआई इमेज, सोशल मीडिया वायरल पोस्ट | भारत को विश्व स्तर पर नकारात्मक रूप में पेश करना, डर फैलाना |
| @IndianInvasionN | भारत को वैश्विक खतरा बताना | 1. भारत का जनसंख्या विस्फोट और दुनिया में विस्तार 2. विदेशी संसाधनों पर भारत के अधिकारों को खतरा बताना | ट्रेंडिंग हैशटैग्स, वायरल ग्राफिक्स, | वैश्विक स्तर पर भारत को खतरे के रूप में प्रस्तुत करना |
| @Darthrishikos84 | भारत के खिलाफ भ्रामक आरोप | 1. राजनीतिक नेताओं पर फर्जी आरोप 2. सरकार की नीतियों पर झूठी रिपोर्ट्स | फेक अकाउंट्स और फॉरवर्ड पोस्ट, मल्टी-प्लेटफॉर्म शेयरिंग | भारत के निर्णयों और नेताओं पर अविश्वास फैलाना |
| @imcaveman24 | सामाजिक और सांस्कृतिक ध्रुवीकरण | 1. भारतीयों की संस्कृति और संस्थानों पर नकारात्मक पोस्ट 2. धर्म और जाति आधारित फेक नैरेटिव | ट्रोल आर्मी, बॉट एंगेजमेंट, मीम्स और कैप्शन हेरफेर | भारत की सामाजिक एकता को कमजोर करना और विभाजन बढ़ाना |
| @LaraLotus_ | प्रवासियों को अपराधी दिखाना | 1. भारतीय महिला को चोरी करते हुए दिखाना 2. प्रवासी भारतीयों की नैतिकता पर सवाल उठाना | वायरल वीडियो, डीपफेक क्लिप्स, सोशल मीडिया फॉरवर्ड | भारतीय प्रवासियों की छवि खराब करना और विदेशी समाज में अविश्वास बढ़ाना |
| @aus_pill | भारतीयों के बारे में नकारात्मक दृष्टिकोण | 1. भारतीय संस्कृति और संस्थानों को नष्ट करने वाले पोस्ट 2. भारतीयों को अविकसित और भ्रष्ट बताना | मल्टी-प्लेटफॉर्म पोस्ट, ट्रोल नेटवर्क, वायरल मीम्स | अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीयों के प्रति नकारात्मक भाव पैदा करना |
| @Codex_India3 | भारत की सरकार और नीतियों पर हमला | 1. फर्जी रिपोर्ट्स और धोखेबाज नैरेटिव 2. भ्रष्टाचार और मानवाधिकार उल्लंघन के झूठे आरोप | बॉट्स, ट्रोल्स, वायरल ट्वीट्स, फेक मीडिया लिंक | भारत की नीतियों और सरकार की विश्वसनीयता को कम करना |
निष्कर्षः
DFRAC की रिपोर्ट से साफ होता है कि भारत विरोधी नैरेटिव गढ़ने के लिए 9 यूजर्स का एक सुनियोजित नेटवर्क सक्रिय है। ये यूजर्स अलग-अलग पहचान और प्लेटफ़ॉर्म्स से काम करते हुए भारत को बदनाम करने, अलगाववादी एजेंडे को हवा देने और भारतीयों को टारगेट करने का प्रयास करते हैं। इनमें कुछ यूजर्स सीधे तौर पर भारत की एकता और अखंडता पर सवाल उठाते हैं, जबकि अन्य विदेशों में रह रहे भारतीयों को घुसपैठिया और अतिक्रमणकारी कहकर नफरत फैलाते हैं। यह पूरा नेक्सस इस बात की ओर इशारा करता है कि भारत विरोधी प्रोपेगेंडा एक संगठित और सुनियोजित अभियान है।

