सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें देखा जा सकता है कि इजरायली झंडे में लिपटे कई ताबूत रखे हुए हैं और हर ताबूत के सामने एक फोटो लगी है। यूजर्स वीडियो शेयर कर दावा कर रहे हैं कि हिजबुल्लाह के हमले में मारे गये कई लोगों का इजरायली सेना ने सामूहिक अंतिम संस्कार किया है।
एक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा, “दक्षिणी लेबनान में हिज़्बुल्लाह के हमले में कई लोगों की मौत के बाद इज़रायली सेना ने सामूहिक अंतिम संस्कार किया”
फैक्ट चेक:
DFRAC टीम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें timesofisrael की 3 सितंबर की 2024 की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो से संबंधित एक इमेज लगा है। और इस इमेज के कैप्शन में लिखा गया है, “प्रदर्शनकारियों ने गाजा में कुछ दिन पहले मारे गए छह बंधकों के लिए मोदीन में न्याय मंत्री यारिव लेविन के घर के बाहर लगातार तीसरे दिन विरोध प्रदर्शन किया, 3 सितंबर, 2024”। साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि मोदीन में लेविन के घर के बाहर प्रदर्शनकारियों ने पिछले सप्ताह हमास द्वारा मारे गए छह बंधकों के चेहरों वाले प्लेकार्ड लगाए और जमीन पर बॉडीबैग की तरह दिखने वाले इजरायली झंडे लपेट दिए।
इसके अलावा abcnews की 2 सितंबर 2024 की रिपोर्ट में गाजा में मारे गये 6 बंधकों के बारे में आईडीएफ अधिकारियों के एक बयान का हवाला देते हुए बताया गया है कि कार्मेल गाट, ईडन येरुशलमी, इजरायली-अमेरिकी हर्श गोल्डबर्ग-पोलिन, अलेक्जेंडर लोबानोव, अल्मोग सारूसी और मास्टर सार्जेंट ओरी डैनिनो के शव इजरायल रक्षा बलों द्वारा राफा में एक सुरंग से बरामद किए गए हैं। इनका 7 अक्टूबर के हमलों के दौरान हमास द्वारा अपहरण कर लिया गया था।
निष्कर्ष
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि यूजर्स का दावा भ्रामक है। यह वीडियो हिजबुल्लाह के हमले में मारे गये इजरायलियों के अंतिम संस्कार का नहीं है। बल्कि हमास द्वारा बंधक बनाये गये लोगों में से 6 बंधकों के शव की बरामदगी के बाद के प्रदर्शन का है।