सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में देखा जा सकता है कि एक चौक पर ट्रैक्टर से एक प्रतिमा तोड़ी जा रही है। वहीं पीछे भगवान राम का एक कट-आउट लगा हुआ है। यह वीडियो फेसबुक पर खूब वायरल है।
इस वीडियो के साथ यूजर्स लिख रहे हैं, “कर्नाटक के हिन्दुओं ने बीजेपी सरकार को हराकर कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाई थी। अब कांग्रेस सरकार की हरकतों और मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा के कारण पछता रहे हैं. कांग्रेस की सरकार केवल मुस्लिम मतों से ही बना हो ऐसा तो बिल्कुल नहीं फिर हिन्दु देवी-देवताओं पर बरबर्ता क्यों?”
वहीं इस वीडियो को इसी दावे के साथ कई अन्य यूजर्स द्वारा भी शेयर किया गया है। जिसे यहां, यहां, यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो कर्नाटक का नहीं है। यह इसी साल जनवरी में मध्य प्रदेश के उज्जैन की घटना का है। TIMES NOW Navbharat ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि यहां सरदार पटेल और डॉ.अंबेडकर की मूर्ति लगाने का विवाद था।
न्यूज-18 हिन्दी की रिपोर्ट के मुताबिक उज्जैन के तराना के माकड़ौन में दो पक्षों में मूर्ति को लेकर विवाद हो गया। लोगों ने एक-दूसरे पर जमकर पथराव किया। यहां एक पक्ष चाहता था कि सरदार पटेल की मूर्ति लगे, तो दूसरा पक्ष चाहता था कि बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा लगाई जाए।
वहीं आज तक की एक रिपोर्ट के मुताबिक विवाद के बाद दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया। अब उसी स्थान पर बाबा साहेब अंबेडकर और सरदार पटेल दोनों की मूर्तियां लगाई जाएंगी।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो कर्नाटक का नहीं है। यह मध्य प्रदेश के उज्जैन की घटना का वीडियो है। इस वीडियो के साथ भगवान राम का अपमान किए जाने का दावा गलत है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है।