सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि पानी में खड़े एक बच्चे के गले से एक मुस्लिम व्यक्ति अपने दांतों से काटकर माला निकाल रहा है। यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर सांप्रदायिक दावा कर रहे हैं।
Jitendra pratap singh नामक एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “यह देखिए किस तरह से बांग्लादेश की नई सरकार बांग्लादेश में हिंदुओं को खत्म कर रही है, बांग्लादेश के नोआखाली में एक हिंदू बच्चा बाढ़ में फंसा है और कई दिनों से भूखा है, जमाते इस्लामी का एक मौलवी उस हिन्दू बच्चे को सहायता देने से पहले पहले उसके कान में कलमा पढ़ता है, उसके बाद उसके गले में हिंदू पहचान यानी तुलसी की माला जबरजस्ती निकालता है, और उसे फेंक देता है और बच्चे से कहता है कि तुम अब हिंदू नहीं हो बच्चा माला वापस मांगता है, तो उससे कहा जाता है कि फिर तुम्हें सहायता सामग्री नहीं दी जाएगी, पूरी दुनिया बांग्लादेश के में चल रहे हिंदुओं के इस दमन पर खामोश क्यों है ?”
इसके अलावा अन्य यूजर ने भी इस वीडियो को शेयर कर ऐसा ही दावा किया है। जिसे यहां, यहां और यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।
फैक्ट चेक
DFRAC टीम ने वायरल वीडियो की पड़ताल की, हमने देखा कि वायरल वीडियो पर बांग्ला भाषा में टेक्स्ट लिखा है, ‘नोआखली राहत सामग्री बेटे को सौंपी गई और शिर्क को हटाया गया’ (हिन्दी अनुवाद)।
आगे की पड़ताल करने पर हमें यह वीडियो Tawheed Academy and Islamic Center नामक फेसबुक पेज पर 27 अगस्त को अपलोड मिला, वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “अल्हम्दुलिल्लाह, तौहीद अकादमी और इस्लामिक सेंटर ने नोआखली के बाढ़ पीड़ितों के बीच 200+ परिवारों को राहत सामग्री वितरित की।”
इसके अलावा हमें UNITE TV के फेसबुक पेज पर ऐसा ही एक वीडियो मिला, जिसमें UNITE TV के राहत सामग्री प्रदाता एक बच्चे के गले से कैंची से काटकर तावीज को निकाल रहे है।
जबकि एक अन्य तस्वीर में एक बच्चे के हाथ से तावीज को हटा रहे हैं। इसके कैप्शन में लिखा है, “एक साथ दो चीज़ें अल्हम्दुलिल्लाह, यदि आप उन्हें भोजन देते हैं, तो यह केवल उनकी भोजन की आवश्यकता को पूरा करेगा,लेकिन विश्वास की आवश्यकता को पूरा नहीं करेगा,
अगर तुम शिर्क की हालत में खाना खाओगे और मरोगे तो तुम जहन्नम के वासी होगे। क्योंकि ताबीज पहनना शिर्क है। माशा अल्लाह, बाढ़ पीड़ितों को राहत बांटने के दौरान एक बच्चे के हाथ से ताबीज हटाया।”
आपको बता दें कि कुछ मुसलमान सुख, शांति और समृद्धि के लिए हाथ और गले में तावीज बांधते हैं, जबकि कुछ मुसलमान इसे शिर्क (पाप) मानते हैं। तावीज, किसी कागज पर कुरआन की आयतों को पढ़कर उसे काले धागे में पिरोकर गले या हाथ में बांधा जाता है।
निष्कर्ष
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति मुस्लिम बच्चे के गले से तावीज निकाल रहा है, न कि हिन्दू बच्चे के गले से तुलसी की माला निकाल रहा है।। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है।