सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि युवकों का ग्रुप एक अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करता है और उनसे जबदस्ती इस्तीफा पत्र पर हस्ताक्षर करवाता है। इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर्स दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेश में मुस्लिम छात्रों द्वारा एक हिन्दू शिक्षक को अपमानित कर इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाया गया।
इस वीडियो को शेयर करते हुए बाबा बनारस नामक यूजर ने अंग्रेजी में कैप्शन लिखा, जिसका हिन्दी अनुवाद है, “प्रिय जातिवादी हिंदुओं। ध्यान से देखो। उन्होंने ऐसा करने से पहले जाति नहीं पूछी। तुम हिंदू हो, उनके लिए यही काफी है। बांग्लादेश में एक हिंदू शिक्षक को मुस्लिम छात्रों द्वारा अपमानित किया गया, जिन्हें उसने कभी पढ़ाया था और उसे इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। हर दिन, बांग्लादेश में हजारों हिंदुओं पर इस्तीफे के पत्र पर हस्ताक्षर करने का दबाव डाला जा रहा है। उनका उद्देश्य बांग्लादेश में काम कर रहे सभी 2.5 मिलियन हिंदुओं को हटाना है। बांग्लादेश में इस्लामवादियों के दबाव के कारण 20000 से अधिक हिंदुओं ने इस्तीफा दे दिया है।”
वहीं कई अन्य यूजर्स द्वारा भी इस वीडियो को शेयर किया गया है। जिसे यहां, यहां, यहां और यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल वीडियो को की-फ्रेम्स में कन्वर्ट कर रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें वीडियो के संदर्भ में bdnews24.com की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि चपैनवाबगंज नगर पालिका के अधिशाषी अभियंता तौफीक इस्लाम पर पिछले सोमवार को उनके कमरे में सिगरेट का पैकेट मिलने के कारण इस्तीफा देने का दबाव डाला गया।
सोर्स- bdnews24.com (चित्र- गूगल की मदद ट्रांसलेटेड स्क्रीनशॉट)
इसके अलावा अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में भी चपैनवाबगंज नगर पालिका के अधिकारियों से छात्रों द्वारा जबदरस्ती इस्तीफे पर हस्ताक्षर करवाए जाने की खबर प्रकाशित की गई है।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि जिस व्यक्ति से दुर्व्यवहार कर जबरदस्ती इस्तीफे पर हस्ताक्षर करवाया गया है वह हिन्दू नहीं हैं। बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार जिस अधिकारी से इस्तीफा लिया गया है, वह चपैनवाबगंज नगर पालिका के अधिशाषी अभियंता तौफीक इस्लाम हैं। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।