, सोशल मीडिया पर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के हवाले से एक दावा वायरल हो रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि कर्नाटक सरकार ने हिंदू तीर्थयात्रियों को मिलने वाली सब्सिडी खत्म कर दी है। जबकि मुस्लिमों की हज सब्सिडी बरकरार है और उसमें कोई कटौती नहीं की गई है।
epanchjanya ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ” कर्नाटक से बड़ी खबर! हिदुओ को मिलने वाली सब्सिडी खत्म। तीर्थयात्रा पर हिन्दुओ को मिलती थी सब्सिडी। अब इसे कांग्रेस सरकार ने खत्म कर दिया है। जबकि मुसलमानों की हज सब्सिडी में कोई कटौती नहीं। मुसलमानों को मिलती रहेगी हज सब्सिडी।“
फैक्ट चेक
DFRAC टीम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए गूगल पर कुछ कीवर्ड सर्च किये। हमें thehansindia.com की एक न्यूज रिपोर्ट मिली जिसमें कहा गया है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा पर मिलने वाले अनुदान के लिए कर्नाटक राज्य सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकार के मुजराई विभाग ने मानसरोवर तीर्थयात्रियों को 30,000 रुपये, चारधाम (गंगोत्री यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ) तीर्थयात्रियों को 20,000 रुपये और काशी यात्रा के लिए 5,000 रुपये का भुगतान करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
वहीं हमें ‘टीवी-9 कन्नड़’ की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि कर्नाटक राज्य से कैलास मानसरोवर, चारधाम और काशी यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान करने के लिए पालन किए जाने वाले दिशानिर्देशों के संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई है।
वहीं कर्नाटक सरकार के Hindu Religious Institutions And Charitable Endowments Department के मुताबिक, मान सरोवर तीर्थयात्री वित्तीय सहायता योजना को वित्तीय वर्ष 2006-07 में शुरु किया गया था, जिसके अंतर्गत कैलाश मानस सरोवर की यात्रा पूरी करने वाले प्रत्येक तीर्थयात्री को 30,000 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
https://itms.kar.nic.in/hrcehome/hrce_manasa_sarovara.php
इसके अलावा चार धाम तीर्थयात्री वित्तीय सहायता योजना को वर्ष 2014-15 में शुरू किया गया था, इस योजना के तहत चारधाम यात्रा पूरी करने वाले प्रत्येक तीर्थयात्री को 20,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।
https://itms.kar.nic.in/hrcehome/hrce_chardham.php
वहीं आगे की जांच करन पर हमें कर्नाटक सरकार के मुजराई और परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी का एक पोस्ट मिला जिसमें उन्होंने कहा है कि हमारी सरकार ने सब्सिडी राशि को डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से ऑनलाइन स्थानांतरित करने की पहल की है, जिससे तीर्थयात्रियों को अपनी सब्सिडी का प्राप्त करने के लिए किसी कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं रह गई है। कैलाश मानसरोवर, चार धाम और काशी यात्रा करने वाले हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए पहले से जारी सब्सिडी वापस लेने के बारे में सोशल मीडिया पर कई झूठ परोसे जा रहे हैं , जो गलत हैं। रेड्डी ने फेक न्यूज फैलाए वालों के विरुद्ध कार्रवाई की बात भी कही है।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर भ्रामक दावा किया गया है, क्योंकि कर्नाटक सरकार ने हिंदू तीर्थयात्रियों को मिलने वाली सब्सिडी बंद नहीं की है बल्कि इस सब्सिडी को डीबीटी के अन्तर्गत लाकर इसे और सुगमतापूर्ण बनाया है। सरकार की ओर से हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए मानसरोवर यात्रा के लिए 30,000 रुपये, चारधाम यात्रा के लिए 20,000 हजार रुपये और काशी यात्रा के लिए 5000 रुपए पहले की तरह ही दिए जा रहे हैं। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।