सोशल मीडिया पर एक अखबार की न्यूज कटिंग शेयर कर पानी जिहाद का दावा किया गया है। इस न्यूज कटिंग के साथ यूजर दावा कर रहे हैं कि पुलिस की प्रारम्भिक जांच में मोदीनगर के गंग नहर में ऐसे कई सुबूत मिले हैं, जो पिछले एक महीने में 60 लोगों की डूबने से हुई मौत पर सवाल उठाते हैं।
यूजर्स लिख रहे हैं कि नहर के अंदर झाड़ियों और पत्थरों से मोटी रस्सियां बंधी मिली हैं। जब भी कोई श्रद्धालु स्नान के लिए पानी में उतरता है तो घात लगाए 10 से 15 मुस्लिम गोताखोरों में से कोई भी उनका पैर पकड़कर गहरे पानी में खींच लेता था। फिर उन्हें डुबोकर मारने के बाद उनके शव को पत्थर या झाड़ी से बांध देता था। इसके बाद यही मुस्लिम गोताखोर शव को पानी से खोज निकालने का 40 हजार रुपए में सौदा करते थे।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल दावे की जांच के लिए गूगल पर कुछ कीवर्ड्स सर्च किया। हमें ‘दैनिक जागरण’ की 11 जुलाई 2018 की एक रिपोर्ट मिली। जिसमें बताया गया है कि लोनी से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने सनसनीखेज दावा किया है कि गंगनहर में श्रद्धालुओं को डूबोकर मारा जा रहा है। कुछ श्रद्धालुओं के परिजनों ने गंगनहर स्थित छोटा हरिद्वार घाट के गोताखोरों और सेवादारों पर साजिश के तहत श्रद्धालुओं को डुबोकर मारने का आरोप लगाया है।
जिसके संदर्भ में जांच के लिए नंद किशोर गुर्जर और साहिबाबाद से बीजेपी विधायक सुनील शर्मा ने जिलाधिकारी को चिट्ठी लिखी थी।
BJP विधायक नंद किशोर गुर्जर का पत्र (सोर्स- दैनिक जागरण)
दैनिक जागरण की खबर में आगे बताया गया है कि नंद किशोर गुर्जर ने गोताखोरों के साथ मंदिर के पुजारी के मिलीभगत होने के भी आरोप लगाए थे। वहीं मंदिर के पुजारी ने इन आरोपों को निराधार बताया था।
वहीं हमें ‘नवभारत टाइम्स’ 17 जुलाई 2018 की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर कई पीड़ितों के साथ तत्कालीन डीएम रितु माहेश्वरी मिलने पहुंचे थे। इस रिपोर्ट में कई पीड़ितों के बयान छापे गए हैं। कई पीड़ितों ने पुजारी और गोताखोरों पर गहने और पैसे ऐंठने के गंभीर आरोप लगाए थे।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि वायरल न्यूज कटिंग हाल-फिलहाल की नहीं है, बल्कि यह साल 2018 की घटना है। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।