सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल है, जिसमें यह बताया गया है कि पीएम मोदी के परिवारवाले पहले बहुत गरीब थे, जो बाद में काफी अमीर हो गए। कई प्वॉइंट वाले इस पोस्ट में यह भी दावा है कि पीएम मोदी ने अपने भाईयों, चचेरे भाईयों और रिश्तेदारों को अमीर बनाने के लिए लाभ पहुंचाया है।
इस पोस्ट को शेयर करते हुए prof dr Arun Prakash Mishra ने इसे पीएम मोदी का परिवार बताया है।
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फैक्ट चेकः
की टीम ने इसका फैक्ट चेक किया, तो सामने आया कि वायरल दावा फेक है। हमने कई मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से सभी प्वॉइंट्स का फैक्ट चेक है।
1- पीएम मोदी के बड़े भाई सोमा मोदी के गुजरात में भर्ती प्रक्रिया में अध्यक्ष होने का दावा किया गया है। हमने इसकी जांच के लिए कुछ कीवर्ड् सर्च किया, लेकिन हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट्स नहीं मिली, जिसमें सोमा मोदी के गुजरात में किसी भी भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष होने की जानकारी दी गई हो। वहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि सोमा मोदी अपने पैतृक गांव वडनगर में वृद्धाश्रम चलाते हैं।
2-अमृतभाई मोदी के अहमदाबाद और गांधीनगर में सबसे बडे़ रियल एस्टेट कारोबारी होने का दावा किया गया है। जबकि ‘आज तक’ की रिपोर्ट के अनुसार अमृतभाई मोदी अहमदाबाद में अपने बेटे संजय, बहू और दो पोतों के साथ रहते हैं। वो प्राइवेट कंपनी से रिटायर हो चुके हैं। अमृतभाई जब नौकरी करते थे, तब उनकी सैलरी 10 हजार रुपये महीने से भी कम थी। वहीं संजय घर के पास ही स्पेयर पार्ट्स की एक छोटी सी दुकान चलाते हैं। इसी से उनका घर खर्च निकलता है। इसके अलावा अहमदाबाद और गांधी नगर के रियल स्टेट कारोबारियों में अमृत मोदी के बारे में सर्च करने पर हमें कोई जानकारी नहीं मिली।
3-प्रह्लाद मोदी का अहमदाबाद और वडोदरा में हुंडई, मारुति और होंडा फोर व्हीलर शो रूम का दावा किया गया है। ‘जनसत्ता’ की रिपोर्ट के मुताबिक प्रह्लाद मोदी एक दुकान के मालिक हैं और गुजरात राज्य उचित मूल्य स्वामी संघ के अध्यक्ष हैं।
4- पंकज मोदी का भर्ती प्रक्रिया में सोमा मोदी के साथ उपाध्यक्ष होने का दावा किया गया है। हमारी जांच में पहले ही सामने आ चुका है कि सोमा मोदी किसी भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष नहीं हैं, तो फिर पंकज मोदी के भर्ती बोर्ड में उपाध्यक्ष होने का दावा भी फेक है।
5- पेट्रोल पंप पर काम करने वाले भरत मोदी के अहमदाबाद और गांधीनगर में पेट्रोल पंप के मालिक होने का दावा किया गया है। ‘आज तक’ के अनुसार भरत भाई मोदी वडनगर से 60 किलोमीटर दूर एक पेट्रोल पंप पर काम करते हैं।
6- भोगी लाल और अशोक मोदी के पास अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा में रिलायंस मॉल होने का दावा किया गया है। जबकि इकॉनोमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार रिलायंस में फ्रेंचाइजी सिस्टम नहीं है। इसलिए ये दावा भी फेक है।
7- अरविंद मोदी, भरत मोदी पर किए गए दावे की जांच पर हमें जनसत्ता की रिपोर्ट मिली। जिसके अनुसार पीएम मोदी के चचेरे भाई अशोक मोदी वडनगर के घीकांता बाजार में पतंग, पटाखे और स्नैक्स बेचते हैं। उनकी एक छोटी सी दुकान है जिसका महीने का किराया 1500 रुपये है। पत्नी वीणा के साथ वह स्थानीय जैन व्यापारियों द्वारा गरीबों के लिए चलाए जा रहे फूड आउटलेट में काम करके 3,000 रुपये और कमाते हैं। अशोक भाई खिचड़ी और कढ़ी बनाते हैं। अशोक भाई और भरत भाई के एक और भाई अरविंद भाई की कबाड़ की दुकान है। इससे उन्हें महीने के 6 से 7 हजार रुपये की कमाई हो जाती है।
Source- Amar Ujala, Aaj Tak, Jansatta & The Economic Times
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के परिवार को लेकर किया जा रहा दावा फेक है। यह भी दावा फेक है कि पीएम मोदी ने अपने परिवार को लाभ पहुंचाया, जिससे परिवार के लोग गरीब से अरबपति बन गए हैं।