सोशल मीडिया साइट एक्स पर कश्मीर मीडिया सर्विस नामक यूजर ने दावा किया कि कश्मीर में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती के कारण कश्मीरी छात्र-छात्राओं की शिक्षा गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है। इस पोस्ट में एक लेख का लिंक भी शेयर किया गया, जिसकी डेटलाइन में “इस्लामाबाद” लिखा है।
कश्मीर मीडिया सर्विस ने उर्दू भाषा में कैप्शन लिखा- “कश्मीर: बड़ी संख्या में कब्जे वाले सैनिकों की तैनाती के कारण कश्मीरी छात्रों की शिक्षा गंभीर रूप से बाधित हो रही है।”
Source-KMS
फैक्ट चेकः
के दावे की जांच के लिए #DFRAC की टीम ने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स सर्च किया। हमें “टाइम्स नाउ नवभारत” और “न्यूज-18 हिन्दी” की रिपोर्ट्स मिली। जिसमें बताया गया है कि “ठंड बढ़ने के साथ कश्मीर के स्कूलों में लंबी छुट्ठी की घोषणा कर दी गई है। राज्य के शिक्षा विभाग ने स्कूलों में करीब तीन महीने के विंटर वेकेशन की घोषणा कर दी है। अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार घाटी में आठवीं कक्षा तक के स्कूलों में 28 नवंबर से और नौवीं से 12वीं तक के स्कूलों में 11 दिसंबर से विंटर वेकेशन होगा। सभी कक्षाओं के स्कूल 29 फरवरी 2024 को खुलेंगे।”
Source- timesnowhindi & news18.com
वहीं हमें कश्मीर में भारी सुरक्षा बलों की तैनाती से पढ़ाई प्रभावित होने के संबंध में कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली।
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि कश्मीर मीडिया सर्विस का दावा भ्रामक है, क्योंकि कश्मीर में 3 महीने का विंटर वेकेशन घोषित किया गया है और स्कूल बंद है। इसलिए छात्र-छात्राओं की शिक्षा प्रभावित होने का दावा भी गलत है।