सोशल मीडिया पर वायरल एक ग्राफिकल पोस्टर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत का एक बयान दिया गया है। इस बयान में मोहन भागवत समलैंगिकता की वकालत करते हैं और सभी ब्राह्मणों से भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए समलैंगिक होने की बात कहते हैं।
इस ग्राफिकल पोस्टर को शेयर करते हुए दिव्या कुमारी नामक यूजर ने लिखा- “ऐसे बनेगा हिंदू राष्ट्र ? क्या कोई बताएगा और क्या कुर्बानी देनी होगी ?”
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वहीं इस ग्राफिकल पोस्टर को कई अन्य यूजर्स ने भी शेयर किया है।
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फैक्ट चेकः
वायरल ग्राफिकल पोस्टर की जांच के दौरान DFRAC की टीम ने पाया कि पोस्टर में एबीपी माझा का लोगो लगा है। जिसके बाद हमने एबीपी माझा के सोशल मीडिया अकाउंट्स को देखा। हमें एबीपी माझा के फेसबुक और एक्स (ट्विटर) पर 1 सितंबर 2023 को मराठी भाषा में मोहन भागवत का एक बयान मिला। मराठी भाषा में भागवत के बयान का हिन्दी अनुवाद है- ‘वैचारिक दृष्टि सभी भारतीय हिन्दू ही हैं। कुछ लोगों ने समझ लिया है और कुछ लोग समझकर भी अंजान बनते हैं।’
इसके अलावा जब हमारी टीम ने एबीपी माझा के एक्स हैंडल @abpmajhatv पर एडवांस सर्च किया, तो पाया कि भागवत की इस फोटो के साथ सिर्फ दो ग्राफिकल पोस्टर शेयर किए गए हैं, लेकिन यह दोनों पोस्टर मराठी भाषा में हैं और इनमें भागवत का वायरल बयान नहीं है।
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एबीपी माझा के एक्स पर दिए बायो के अनुसार वह मराठी भाषा का नंबर-1 हैंडल है। हमने पाया कि एबीपी माझा पर मराठी भाषा में न्यूज शेयर की जाती है, जबकि वायरल पोस्टर में टेक्स्ट हिन्दी में लिखा है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि मराठी भाषा वाले पोस्टर को एडिट करके उस पर हिन्दी भाषा में मोहन भागवत का फेक बयान लिखा गया है।
इसके अलावा हमने मोहन भागवत के ब्राह्मणों के समलैंगिक बनने वाले बयान के संदर्भ में गूगल पर कुछ कीवर्ड्स सर्च किया, लेकिन हमें ऐसी कोई न्यूज नहीं मिली। समलैंगिकता पर मोहन का हमें सिर्फ एक बयान मिला। ‘हिन्दुस्तान’ अखबार की वेबसाइट पर प्रकाशित न्यूज के अनुसार भागवत ने महाभारत के दो योद्धाओं का जिक्र करते हुए समलैंगिकों को समाज का हिस्सा बताया था।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि एबीपी माझा के ग्राफिकल पोस्टर को एडिट किया गया है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है।