सोशल मीडिया पर लाठीचार्ज का एक वीडियो शेयर किया गया है। यूजर्स का दावा है कि 30 साल पहले जब यूपी में मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी सत्ता में थी, तब अयोध्या में राम भक्तों और शंकराचार्य पर लाठीचार्ज किए जाने का वीडियो सामने आया है।
इस वीडियो को शेयर करते हुए अयोध्या प्रसाद निषाद देश हितजनहित सेवा नामक यूजर ने लिखा- “सपा के मुलायम ने अयोध्या में साधुओं के ऊपर लाठी चार्ज किया था तब का दृश्य देखे”
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वहीं इस वीडियो को The Hindu 24 News नामक यूजर ने शेयर करते हुए लिखा- “कृपया वीडियो को पूरा आवश्य देखें और ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। 30 साल पहले जब मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी अयोध्या उत्तरप्रदेश मे सत्ता में थी, तब #राम_भक्तों और #शंकराचार्य की विवेकहीन पिटाई का दृश्य सामने आया था। हिंदुओं को पता होना चाहिए कि वोट कितना महत्वपूर्ण है।”
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फैक्ट चेकः
वायरल वीडियो के कुछ फ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर जानकारी सामने आई कि यह वीडियो साल 2015 में वाराणसी में हुए लाठीचार्ज का है। उस वक्त यूपी के सीएम अखिलेश यादव थे। इस वीडियो के संदर्भ में आज तक और दैनिक भास्कर सहित तमाम मीडिया संस्थानों ने रिपोर्ट प्रकाशित किया है। ‘आज तक’ की रिपोर्ट के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद वाराणसी में गंगा में मूर्ति विसर्जन पर पाबंदी थी। जिसके बाद भी वाराणसी में साधू-संत गंगा में भगवान गणेश की मूर्ति विसर्जित किए जाने पर अड़े रहे। 38 घंटों से लोगों का जत्था चौराहे पर जमा हुआ था। पहले पुलिस ने लोगों को समझाया, लेकिन जब लोग नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें जबरन हटा दिया। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पुलिस-प्रशासन ने प्रतिमा विसर्जन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी की थी।
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वहीं दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने साल 2021 में हरिद्वार के कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद और उनके शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से मुलाकात किया और 6 साल पहले वाराणसी में किए गए लाठीचार्ज के लिए क्षमा मांगी थी।
Source- Dainik Jagran
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि वायरल वीडियो अयोध्या में राम भक्तों पर हुए लाठीचार्ज का नहीं, बल्कि वाराणसी में हुए लाठीचार्ज का है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है।