कांग्रेस नेता राहुल गांधी हाल के दिनों में अमृतसर के गोल्डन टेंपल का दौरा किया। यहां उन्होंने मत्था टेकने के बाद सेवाकार्य में भाग लिया। राहुल ने सेवाकार्य में जूठे बर्तन धोने, जूते-चप्पल उठाने और लंगर बनाने के कार्य में सहयोग किया। इस बीच सोशल मीडिया पर राहुल गांधी का 7 सेकंड का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है।
वायरल वीडियो में क्या है दावा?
वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि राहुल का मंदिर जाने से काम नहीं बना, तो वे अब मुहर्रम मनाने निकल पड़े। सोशल साइट्स X (ट्विटर) पर वेरिफाइड यूजर प्रीति यादव ने इस वीडियो को शेयर किया है। उन्होंने लिखा कि मंदिर जाने से भी काम नहीं चला तो अब मुहर्रम बनाने निकल पड़े राहुल गांधी।
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इसके अलावा एक अन्य वेरिफाइड यूजर दीक्षा चौधरी ने भी इस वीडियो को इसी कैप्शन के साथ शेयर किया है।
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फैक्ट चेक:
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वायरल वीडियो की DFRAC की टीम ने जांच की। हमारी जांच में सामने आया कि राहुल गांधी का वायरल वीडियो सही है, लेकिन यह वीडियो मुहर्रम के जुलूस में कोड़े बरसाए जाने का नहीं है। आइए जानते हैं इस वीडियो की सच्चाई।
क्या है राहुल गांधी के वायरल वीडियो की सच्चाई?
हमारी जांच के दौरान हमें यूट्यूब पर ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ के चैनल पर अपलोड एक वीडियो रिपोर्ट मिली। जिसमें बताया गया कि वायरल वीडियो तेलंगाना में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान का है। जहां उन्होंने तेलंगाना के पारंपरिक बोनालु त्योहार में हिस्सा लिया था। इस दौरान राहुल गांधी ने त्योहार की प्रथा के अनुसार खुद को कोड़े भी मारे थे।
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वीडियो के संदर्भ में और ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए हमने अन्य मीडिया रिपोर्ट को भी देखा। ‘द हिन्दू’ की रिपोर्ट में बताया गया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को अपनी भारत जोड़ो यात्रा में लोगों के साथ बातचीत जारी रखी। इस बार उन्होंने ‘पोथाराजुलु’ परंपरा के तहत खुद को कोड़े मारे, जो तेलंगाना के बोनालु त्योहार का एक अभिन्न हिस्सा है।
क्या है बोनालु त्योहार की परंपरा?
इस रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि यह बुडागा जंगलु द्वारा प्रचलित एक प्रथा है, जहां एक समुदाय गांवों का दौरा करता है और आजीविका चलाने तथा धन इकट्टा करने के लिए खुद को कोड़े मारता है। राहुल गांधी ने अपनी रुचि तब व्यक्त की जब समुदाय के एक समूह ने अपनी परंपरा का प्रदर्शन करने के लिए उनके सामने खुद को कोड़े मारे थे।
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि राहुल गांधी के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। क्योंकि ये मुहर्रम से संबंधित न होकर तेलंगाना के बोनालु त्योहार का है।