जी-20 देशों का शिखर सम्मेलन इस बार भारत में होने जा रहा है। यह महत्वपूर्ण समिट राजधानी नई दिल्ली के प्रगति मैदान के नव निर्मित स्टेट ऑफ आर्ट कंवेंशन कॉप्लेक्स में 9 और 10 सितंबर को आयोजित की जाएगी। भारत के लिहाज से यह बैठक बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत पहली बार जी-20 के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। जी-20 की बैठक की सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा है। वहीं कई यूजर्स ऐसे हैं, जो जी-20 के बहाने भारत विरोधी अभियान को जोर-शोर से चला रहे हैं। इस रिपोर्ट में हम चाइनीज भाषा में किए जा रहे प्रोपेगेंडे पर विस्तृत डाटा विश्लेषण प्रदान कर रहे हैं।
इस रिपोर्ट में प्रमुख बिन्दू इस प्रकार हैं-
- जी-20 पर चीनी ट्विटर आर्मी का प्रोपेगेंडा
- जी-20 पर चीनी भाषा में पाकिस्तानी यूजर्स का प्रोपेगेंडा
- कश्मीर पर पाकिस्तानी यूजर्स का चीनी भाषा में भ्रामक न्यूज
- चाइनीज और पाकिस्तानी यूजर्स का वर्डक्लाउड
भारत को जी-20 की मेजबानीः
16 नवंबर 2022 को जी-20 के बाली शिखर सम्मेलन में भारत को जी-20 की अध्यक्षता सौंपी गई थी। भारत की जी-20 की अध्यक्षता 1 दिसंबर 2022 को शुरू हुई है और यह 30 नवंबर 2023 तक जारी रहेगी। इससे पहले 8 नवंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 का लोगो लॉन्च किया था और भारत की जी-20 प्रेसीडेंसी थीम- “वसुधैव कुटुंबकम” का अनावरण किया था। भारत में जी-20 की 200 से अधिक बैठकें हैं, इनके लिए देश के 60 शहर मेजबान बनाए गए हैं। इन बैठकों में अब तक कुल 110 देशों के 12,300 प्रतिनिधि हिस्सा ले चुके हैं। इन बैठकों में 13 शेरपा ट्रैक वर्किंग ग्रुप, 8 फाइनेंस ट्रैक वर्कस्ट्रीम, 11 एंगेजमेंट ग्रुप और 4 इनिशिएटिव्स ने सकारात्मक चर्चा की है।
G-20 पर चीनी ट्विटर आर्मी का प्रोपेगेंडाः
चीनी अकाउंट्स ने भी फेसबुक पर जी-20 और कश्मीर को लेकर काफी पोस्ट किए हैं। Eng Hui James Tan ने फेसबुक पर G-20 विषय पर पोस्ट करते हुए दावा किया कि, “भारत द्वारा G-20 की मेजबानी करने से दोनों देश नाराज हैं, चीन का कहना है कि वह इसमें भाग नहीं लेगा, मोदी की प्रतिक्रिया से खतरा दिखता है!”
ट्विटर और फ़ेसबुक पर कई चीनी अकाउंट्स ने जी-20 पर पाकिस्तानी स्ट्रैटेजिक फ़ोरम (@ForumStrategic) के ट्वीट को शेयर किया है। इन ट्वीट्स में कहा गया है, “देशों ने भारत के अवैध रूप से अधिकृत जम्मू और कश्मीर (IIOJK) में जी-20 बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया।”
बाद में कई चीनी अकाउंट्स ने @ForumStrategic के ट्वीट के स्क्रीनशॉट को ट्विटर, फेसबुक सहित अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर शेयर किया।
@hexieshehui1 नामक एक चीनी यूजर ने @ForumStrategic के ट्वीट को री-ट्वीट किया और लिखा, “कश्मीर में जी-20 बैठक में चीन की गैर-भागीदारी एक तरफ भारत के साथ क्षेत्रीय विवाद और दूसरी तरफ पाकिस्तान के समर्थन के कारण है। अन्य इस्लामिक देशों ने धार्मिक आधार पर पाकिस्तान के प्रति समर्थन व्यक्त किया है।” नीचे दिए हुए चित्र में पाकिस्तान स्ट्रेटजिक फोरम के पोस्ट को शेयर करने वाले चीनी यूजर्स को दर्शाया गया है।
Ou Mei Zhen (Uncle Shun) नाम से एक अन्य चीनी अकाउंट ने फेसबुक पर कैप्शन के साथ पोस्ट किया, “मोदी शर्मिंदा हैं, और वह चीन को “धमकी” भी दे रहे हैं!”। इस अकाउंट ने G20 पर पाकिस्तान स्ट्रैटजिक फोरम (@ForumStrategic) का एक ट्वीट भी शेयर किया है।
बाद में कई चीनी अकाउंट्स ने पाकिस्तान स्ट्रैटेजिक फोरम के उसी स्क्रीनशॉट के साथ G-20 पर पोस्ट करना शुरू कर दिया। इन पोस्ट का स्क्रीन शॉट यहां दिया जा रहा है।
नीचे फेसबुक पर G-20 पर पोस्ट करने वाले इन चीनी अकाउंट्स का कोलाज दिया जा रहा है।
कश्मीर पर चीनी भाषा में प्रोपेगेंडा करने वाले पाकिस्तानी यूजर्सः
जी-20 के अलावा कई ऐसे पाकिस्तानी यूजर्स हैं, जो चीनी भाषा में कश्मीर को लेकर भारत विरोधी प्रोपेगेंडा करते रहते हैं। यहां उन 3 पाकिस्तानी यूजर्स का विश्लेषण दिया जा रहा है।
इमरान गजाली (@ImranGhazaliPK):
इमरान गजाली (@ImranGhazaliPK) नाम का ट्विटर अकाउंट है। इस अकाउंट के 1 लाख 23 हजार फॉलोवर्स हैं। यह अकाउंट अपने बायो में दावा करता है कि वह पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पीटीआई का डिजिटल हेड है। इसके अलावा वह कई और संस्थाओं के लिए काम करता है, जिनके ट्विटर अकाउंट्स को अपने बायो में मेंशन कर रखा है। इनमें से कई अकाउंट्स को भारत में Withheld यानी उन अकाउंट पर रोक लगाई गई है। इन अकाउंट्स में @GovtofPakistan और @alifailaanpk जैसे अकाउंट हैं।
इमरान ग़ज़ाली के बड़ी संख्या में फॉलोवर्स हैं, 123,000 से अधिक हैं। इन फॉलोवर्स में से ज्यादातर पाकिस्तान से हैं। इमरान ग़ज़ाली को चाहने वालों और फ़ॉलो करने वालों में सबसे ज़्यादा यूजर्स पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के समर्थक हैं।
इस ट्वीटर अकाउंट से एक वीडियो चीनी भाषा में लिखे कैप्शन के साथ पोस्ट किया गया। इस वीडियो में कथित तौर पर कश्मीर में प्रताड़ना को दिखाया गया है। इस वीडियो के साथ कैप्शन लिखा गया है- “कश्मीर के लोगों की पीड़ा 27 अक्टूबर 1947 को शुरू हुई जब भारतीय सैनिक IIOJK पर उतरे, जिसके बाद नई दिल्ली ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को रद्द करके IIOJK की विशेष स्थिति को निलंबित कर दिया और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 35-ए को हटा दिया।”
चीनी भाषा में कश्मीर पर इमरान ग़ज़ाली के ट्वीट को पाकिस्तान सरकार की पूर्व जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री ज़रताज गुल वज़ीर के आधिकारिक अकाउंट से लाइक किया गया है। इसके अलावा कई अन्य पाकिस्तानी अकाउंट्स ने भी पोस्ट को लाइक किया है। नीचे दिया गया ग्राफ़िक उन अकाउंट्स को दिखाता है, जिन्होंने इमरान ग़ज़ाली की पोस्ट को लाइक किया है।
वहीं इमरान गजाली द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो को कई अन्य पाकिस्तानी यूजर्स द्वारा भी चीनी भाषा में कैप्शन के साथ पोस्ट किया गया था। जिसका कोलाज यहां दिया जा रहा है।
मार्स प्लानेट (@MarsPlanet16):
ट्विटर पर मार्स प्लानेट (@MarsPlanet16) नामक यूजर हैं। इस अकाउंट के ट्विटर पर 4148 फॉलोवर्स हैं और इस अकाउंट से अब तक 49400 पोस्ट किया जा चुका है। इस अकाउंट के कवर फोटो पर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की फोटो लगी है। इस अकाउंट से आम तौर पर उर्दू और चीनी भाषा में ट्वीट किए जाते हैं। वहीं कश्मीर पर प्रोपेगेंडा करने के लिए अधिकतर ट्विट चीनी भाषा में होते हैं।
मार्स प्लानेट ने एक विवादित मैप पोस्ट किया है। इस नक्शे में उन्होंने पाकिस्तान को उत्तर प्रदेश के आगरा तक दिखाया है। यही नहीं इस मैप में कश्मीर, गुजरात, हिमाचल के कुछ हिस्से, राजस्थान के कुछ हिस्से, राजधानी नई दिल्ली और हरियाणा को पाकिस्तान के हिस्से के रुप में प्रदर्शित किया है। इस मैप में पंजाब के खालिस्तान के रुप में दिखाया गया है।
इस मैप को शेयर करते हुए मार्स प्लानेट ने लिखा- “इंशाअल्लाह कश्मीर भारतीय क्रूरता से बचने वाला है। चीन ने कश्मीर से भारत की वापसी और अनुच्छेद 370 को पिछली स्थिति में बहाल कर दिया है। नहीं तो अगले कश्मीर पर हम कब्ज़ा कर लेंगे। अब भारतीय सरकार खतरे में है, लेकिन अगली बात कश्मीर की आजादी है।”
जिस मैप को पाकिस्तानी यूजर्स द्वारा शेयर किया गया है, वह 2015 से हर साल पाकिस्तान में शेयर किया जाता रहा है। नीचे दिए चित्र में आप देख सकते हैं कि 2015 के बाद 2019, 2020 और 2021 में भी यह विवादित मैप पाकिस्तान में वायरल हो चुका है।
जब हमने तस्वीर के बारे में और ज्यादा सर्च किया, तो हमें पता चला कि इसे सबसे पहले पाकिस्तान के इस्तेहकाम पाकिस्तान पार्टी के समर्थक डॉ. फरहान के विर्क (@FarhanKVirk) ने पोस्ट किया था। फरहान ने हैशटैग #PakistanWithKhalistan के समर्थन में यह तस्वीर पोस्ट की, जिसमें उन्होंने भारतीय पत्रकार यशवंत देशमुख (@YRDeshmukh) को जवाब दिया था।
चीनी भाषा में लिखे एक अन्य ट्वीट में मार्स प्लानेट ने लिखा कि कश्मीर के मुस्लिम आजादी के लिए चीन की तरफ देख रहे हैं और कश्मीरी लोगों के लिए चीन बहुत जरूरी हो गया है।
एक अन्य ट्वीट में लिखा गया है कि चीन को कश्मीरी लोगों की मदद करनी चाहिए, अन्यथा भारतीयों की हर दिन कश्मीरी लोगों की हत्या करना, उन्हें मारना और उनकी लूट जारी रहेगी। अब, कश्मीरी भारत के क्रूर शासन से मुक्ति के लिए चीन की ओर देख रहे हैं।
डॉनी चाइना (@donneechina):
ट्विटर पर डॉनी चाइना (@donneechina) नामक एक यूजर है। यह यूजर कश्मीर पर चीनी भाषा में ट्विट करता रहता है। एक पोस्टर को शेयर करते हुए डॉनी चाइना ने लिखा- “5 अगस्त को हम कश्मीर दिवस मनाते हैं, यह बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन, हम भारी चुनौतियों का सामना कर रहे अपने कश्मीरी भाइयों और बहनों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं। कश्मीर मुद्दा राष्ट्रीय सीमाओं से परे है; यह एक ऐसा मुद्दा है जो मानवता के दिल को छूता है और इस्लामी दुनिया में इसका गहरा महत्व है।”
एक ट्वीट में डॉनी चाइना ने लिखा- “कश्मीरी छह नवंबर को जम्मू शहीद दिवस मनाएंगे। नवंबर 1947 में डोगरा बलों द्वारा मारे गए जम्मू के हजारों मुसलमानों के नरसंहार की याद में हर साल यह दिन आयोजित किया जाता है।”
डॉनी चाइना की पूरी टाइम लाइन पाकिस्तान और कश्मीर पर किए गए ट्वीट से भरी पड़ी है। उन्होंने कश्मीर पर विशेष रूप से चीनी भाषा में 7 ट्वीट किए हैं। इन ट्वीट्स में उन्होंने ज्यादातर कश्मीर को लेकर प्रोपेगेंडा किया है।
वर्डक्लाउडः
यहां एक वर्डक्लाउड दिया जा रहा है, जिसमें यह दिखाया गया है कि ट्वीटर पर किए पोस्ट में किन शब्दों का अधिकतम बार इस्तेमाल किया गया है।
निष्कर्षः
भारत ने इसी साल 22 और 23 मई को कश्मीर में जी-20 देशों के पर्यटन वर्किंग ग्रुप की बैठक आयोजित किया था। इस बैठक को आयोजित करने के साथ ही इसका चीन और पाकिस्तान की तरफ से विरोध किया गया था। इस बैठक में चीन ने भी शामिल होने से इनकार कर दिया था। हालांकि अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय यूनियन और साउथ अफ्रीका जैसे 17 ताकतवर देश इसमें शामिल हुए थे। वहीं इस दौरान कश्मीर को लेकर पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स ने खूब फेक न्यूज और भ्रामक न्यूज शेयर किए थे। इसके अलावा पाकिस्तानी यूजर्स ने चीनी भाषा में भी प्रोपेगेंडा करने के इरादे खूब पोस्ट शेयर किये थे। इन यूजर्स के पोस्ट में कॉपी-पेस्ट पैटर्न सामने आया था। अब सितंबर के महीने के जी-20 देशों की बैठक होने जा रही है, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर एक बार पाकिस्तानी और चीनी यूजर्स सक्रिय हो गए हैं और वह फेक और भ्रामक पोस्ट शेयर कर रहे हैं।