एक सत्रह वर्षीय युवक की यातायात अधिकारी द्वारा गोली मारकर की गई हत्या के बाद फ्रांस में शुरू हुई हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। सोशल मीडिया पर हिंसा के नाम पर फ्रांस से जुड़े कई वीडियो वायरल हो रहे है। जिनमे फेक और भ्रामक भी है।
Source: Twitter
ऐसा ही एक वीडियो DFRAC टीम के पास भी आया। ट्विटर यूजर मेजर सुरेंद्र पुनिया ने इस वीडियो को ट्विटर पर पोस्ट किया है। उन्होने भारतीयो को चेताते हुए लिखा कि यह रिपब्लिक स्क्वायर, पेरिस है। शरणार्थियों ने फ्रांसीसी समाज को कुचल डाला फ्रांस ने आत्मसमर्पण
कर दिया है… भारतीय भाई-बहनों, आप एक ना रहे तो यहां भी ऐसा ही होगा!
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वहीं खुद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की सेविका बताने वाली वेरिफाइड ट्विटर यूजर शीतल चोपड़ा ने लिखा, पेरिस रिपब्लिक स्क्वायर पर जिहादियों ने कब्जा कर लिया है। वे फ्रांस में अपने शासन का दावा कर रहे हैं। भारत याद रखें, ऐसा तब होता है जब आप राष्ट्र विरोधी पार्टी चुनते हैं।
फैक्ट चेक:
वायरल वीडियो की सत्यता की जांच के लिए DFRAC टीम ने वीडियो को ध्यानपूर्वक विश्लेषण किया। इस दौरान हमें वीडियो में पेरिस के रिपब्लिक स्क्वायर पर अल्जीरियाई ध्वज के साथ प्रदर्शन करते हुए लोग दिखाई दिये।
इसके बाद हमने इस सबंध में कुछ कीवर्ड गूगल पर सर्च किये तो हमें इस बारे में 10 मार्च 2019 को प्रसारित फ्रांस 24 की एक रिपोर्ट मिली। जिसमे वायरल वीडियो में दिखाई दे रहे दृश्यों को देखा जा सकता है।
https://twitter.com/Ozkok_A/status/1104725807623225346
रिपोर्ट में बताया गया कि अल्जीरियाई राष्ट्रपति अब्देलअज़ीज़ बुउटफ्लिका के पांचवें कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ने के फैसले के खिलाफ पेरिस और फ्रांस के आसपास के अन्य शहरों में हजारों लोगों ने रैली निकाली थी।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो भ्रामक है। क्योंकि ये चार साल पुराना है और हाल के विरोध-प्रदर्शनों से कोई सबंध नहीं है।