बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल की एक तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हो रही है। वायरल हो रही तस्वीर में उन्होंने एक तख्ती (प्लेकार्ड) पकड़ी हुई है, जिस पर लिखा है, ‘हम बीजेपी के साथ हैं।’ आगे सोशल मीडिया यूज़र्स इस तस्वीर का खूब मज़ाक़ उड़ाने वाले कमेंट्स के साथ शेयर कर रहे हैं।
इस बीच, तस्वीर के साथ पंजाबी समुदाय अलबर्टा नाम के एक फेसबुक पेज ने पंजाबी में लिखा, जिसका लगभग हिन्दी में अनुवाद किया जा सकता है, “इस जानकारी के लिए धन्यवाद नन्नी चांजी, वैसे, पंजाब का हर बच्चा यह जानता है, आज भी अगर कोई कॉल करता है आपके परिवार की रिकॉर्डिंग बाहर आती है तो 90% कॉल बीजेपी के लिए निकाली जाएगी। जब उन्होंने 25 साल शासन किया तो बंदी सिंह को कभी याद नहीं किया और अब सीट हारने के बाद बंदी सिंह और पंजाब के अधिकार ख़ूब याद आ रहे हैं। Badaliki क्यों देश आप पर भरोसा नहीं करता, भले ही आप अभी भी एक लाख बार सच्चे हों और पीटे जाते हैं?”
(‘ਧੰਨਵਾਦ ਨੰਨੀ ਛਾਂ ਜੀ ਇਸ ਜਾਣਕਾਰੀ ਲਈ,, ਵੈਸੇ ਇਸ ਗੱਲ ਨੂੰ ਪੰਜਾਬ ਦਾ ਬੱਚਾ ਬੱਚਾ ਜਾਣਦਾ,, ਅੱਜ ਵੀ ਤੁਹਾਡੇ ਟੱਬਰ ਦੀਆਂ ਕੋਈ ਕਾਲ ਰਿਕੋਡਿੰਗ ਕੱਢਵਾ ਲਵੇ ਤਾਂ 90% ਕਾਲਾਂ ਭਾਜਪਾ ਨੂੰ ਕੀਤੀਆਂ ਮਿਲਣਗੀਆਂ ॥ ਜਦੋ 25 ਸਾਲ ਰਾਜ ਕੀਤਾ ਉਦੋ ਕਦੇ ਬੰਦੀ ਸਿੰਘ ਯਾਦ ਨੀ ਆਏ ਤੇ ਹੁਣ ਕੁਰਸੀ ਖੁੱਸਣ ਤੋ ਬਾਅਦ ਕਦੇ ਬੰਦੀ ਸਿੰਘ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਵੱਧ ਅਧਿਕਾਰ ਯਾਦ ਆ ਰਹੇ ਨੇ । ਬਾਦਲਕਿਉ ਤੁਹਾਡੇ ਤੇ ਕੌਮ ਨੂੰ ਭੋਰਾ ਯਕੀਨ ਨਹੀ ਰਿਹਾ ਚਾਹੇ ਤੁਸੀ ਹੁਣ ਲੱਖ ਵਾਰ ਸੱਚੇ ਹੋ ਕੇ ਪਿਟੀ ਜਾਉ।‘)
इसी तरह कई और यूज़र्स ने इस फोटो को शेयर किया है।
फ़ैक्ट चेक
वायरल दावे की हक़ीक़त जानने के लिए हमने हरसिमरत कौर बादल के वेरीफ़ाइड ट्विटर अकाउंट को देखा। हमने वही तस्वीर उन्हीं के द्वारा पोस्ट की गई पाई, लेकिन तख्ती पर जो लिखा हुआ था, वो काफ़ी अलग था। साथ ही उन्होंने हैशटैग #BandiSinghRihaKaro के साथ कैप्शन लिखा था, ‘पहले संसद के बाहर और बाद में संसद के अंदर, एक बार फिर बंदी सिंहों की रिहाई के लिए केंद्र सरकार के सामने अपने संप्रदाय की आवाज़ उठाई। गुरु साहिब आपको आशीर्वाद दें और जीत हासिल होने तक एक विनम्र सिख के रूप में अपना कर्तव्य निभाते रहेंगे।”
इसलिए, वायरल हो रही तस्वीर फ़ोटोशॉप़़्ड है।
निष्कर्ष
DFRAC के फ़ैक्ट चेक से स्पष्ट है कि कि वायरल तस्वीर एडिटेड है, इसलिए यूज़र्स इस तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
दावा: सांसद हरसिमरत कौर बादल के हाथ में प्लेकार्ड है कि वे बीजेपी के साथ हैं।
दावाकर्ता: सोशल मीडिया यूज़र्स
फैक्ट चेक: भ्रामक