
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक शख्स ने खुद को आग के हवाले कर लिया। वहीं मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी और लोग कपड़े की सहायता से आग बुझा रहे है। वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो बदायूं स्थित एसएसपी आवास के बाहर का है। जहां एक युवक ने मारपीट की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर आत्मदाह कर लिया।

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सोशल साईट X पर यूजर भीम सिंह जर्नलिस्ट ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि पुलिस अगर पीड़ित की शिकायत पर सही वक्त पर कार्यवाही करती तो उस युवक को आत्मदाह नहीं करना पड़ता योगी के जंगलराज में बदायूं में एसएसपी आवास के बाहर एक युवक ने आत्मदाह की कोशिश की, युवक ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसकी मारपीट की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की, वहां मौजूद पुलिसकर्मियों।

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इसके अलावा एक अन्य यूजर गुरु प्रसाद यादव, लखनऊ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा – योगी के जंगलराज में बदायूं में एसएसपी आवास के बाहर एक युवक ने आत्मदाह की कोशिश की, युवक ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसकी मारपीट की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की, वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए उसे समय रहते रोक लिया।
फैक्ट चेक:

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वायरल वीडियो की जांच के लिए DFRAC ने वीडियो की कीफ्रेम को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें ऐसा ही एक वीडियो X पर मिला। इस वीडियो को 1 जनवरी 2025 को भारत समाचार ने पोस्ट किया था। वीडियो को केपशन देते हुए लिखा – ब्रेकिंग न्यूज़ सेंसटिव वीडियो बदायूं में पीड़ित में एसपी के घर का बाहर आत्मदाह का प्रयास किया। पुलिस वसूली और छीनैती से परेशान ई रिक्शे वाले ने जान देने की कोशिश की। बदायूं में SSP दफ्तर के गेट पर गुलफाम ने खुद को आग लगाई। पुलिस ने आग बुझाकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया। गुलफाम ने बताया– 2 दिन पहले मुझसे ई रिक्शा, 2200 रुपए छीन लिए गए। पुलिस ने FIR नहीं की। CO ने डोडा लगाकर जेल भेजने की धमकी दी। वहीं, पुलिस का कहना है कि गुलफाम पर उसकी महिला रिश्तेदार ने एक दिन पहले ही FIR करवाई थी, इसलिए वो तनाव में था।

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इसके अलावा हमें X पर वायरल वीडियो के सबंध में बदायूं पुलिस का आधिकारिक बयान भी मिला। जिसमे बताया गया कि उपरोक्त वायरल वीडियों 01 जनवरी (करीब 04 माह) पुराना है,जिसमें पूर्व में ही थाना स्थानीय द्वारा विधिक कार्यवाही की जा चुकी है।

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आगे की जांच में हमें घटना के सबंध में बदायूं पुलिस की और से घटना के सबंध में दिया गया विवरण भी मिला। जिसमे घटना से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी गई।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो भ्रामक है। क्योंकि वीडियो चार माह पुराना है।